New

होम -> सोशल मीडिया

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 09 अगस्त, 2016 05:46 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

अगर आठवीं में पढ़ने वाला कोई बच्चा पीएम मोदी से पूछे कि 'आपकी रैली ज्यादा जरूरी है या हमारा स्कूल?' तो क्या जवाब मिलेगा. पीएम का जवाब भले ही न आया हो लेकिन इस बच्चे के पीएम को लेटर लिखकर पूछे गए इस सवाल ने प्रशासन को जरूर अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया. दरअसल 9 अगस्त को मध्य प्रदश के अलीराजपुर जिले के भाबरा में होने वाली पीएम की रैली के लिए स्थानीय प्रशासन ने वहां की सभी स्कूली बसों को लेने का फैसला लिया था.

प्रशासन के इस फैसले से जाहिर सी बात है कि बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता. तो आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक बच्चे ने पीएम मोदी क नाम खत लिखकर बच्चों की इन परेशानियों से अवगत कराया तो इस बच्चे का ये खत वायरल हो गया और इसकी भनक लगते ही प्रशासन ने आनन-फानन में स्कूली बसों को रैली के लिए न लेने का आदेश जारी कर दिया. पीएम को लिखे एक बच्चे के खत ने कैसे किया कमाल, आइए जानें.

बच्चे ने लिखा पीएम मोदी को भावुक खत, जागा प्रशासनः

खांडवा के विद्याकुंज में आठवीं कक्षा के छात्र भावेश जैन ने पीएम मोदी को एक भावुक खत लिखकर उनकी रैली के काम में स्कूली बसों को न लगाने की अपील की. भावेश को उसके स्कूल ने सूचित किया था कि पीएम मोदी की रैली के कारण स्कूल 9 और 10 अगस्त को बंद रहेंगे. दरअसल प्रशासन ने यहां के सभी स्कूली बसों को रैली में लोगों को लाने और ले जाने के काम में लगाने का आदेश जारी किया था. जिसकी वजह से यहां के स्कूलों में 9 और 10 अगस्त को छुट्टी घोषित कर दी गई थी.

यह भी पढ़ें: शरारती बेटे के नाम मां का लिखा अनोखा खत हुआ वायरल

स्कूली बसों को रैली में लगाने के प्रशासन के फैसले से आहत इस बच्चे ने पीएम को चिठ्ठी लिखी और पूछा, ‘आपकी मीटिंग ज्यादा महत्वपूर्ण है या हमारा स्कूल?’ मैंने आपके अमेरिका में दिए गए भाषणों को भी सुना है, जहां पर ढेरों लोग आए थे, लेकिन वे लोग वहां स्कूल बसों में नहीं आए थे.’

modi-650_080916050910.jpg
पीएम की रैली के लिए प्रशासन ने किया स्कूली बसों को लेने का निर्णय तो एक बच्चे के खत ने किया कमाल!

खुद को मोदी का फऐन बताते हुए देवांश ने लिखा कि वह कभी भी पीएम की ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनना नहीं भूलते और मोदी को फॉलो करने के लिए उनका मजाका उड़ाने वाले अपने सहपाठियों से झगड़ा भी करते हैं. साथ ही देवांश ने पीएम से निवेदन किया कि वे ‘शिवराज मामा’ (एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान मामा के उपनाम से प्रसिद्ध हैं) को भी स्कूली बसों को रैली के लिए न लेने के लिए क्योंकि ‘आप कांग्रेस नेताओं की तरह नहीं हैं और आपको हमारी पढ़ाई और भविष्य की चिंता है.’

खत में देवांश ने लिखा, ‘अगर आप ऐसा करते हैं तो मैं गर्व के साथ बताऊंगा की मेरे मोदी अंकल की रैली में लोग खुद से आए थे, लाए नहीं गए थे.’

यह भी पढ़ें: एक वायरल तस्वीर बदल देगी पुलिस के प्रति आपका नजरिया!

पीएम को लिखे देवांश के इस खत के वायरल होते ही प्रशासन जागा और जॉइंट कलेक्टर ने अधिकारियों को तुरंत ही पीएम की भाबरा की रैली में लोगों को लाने के लिए गाड़ियों और बसों के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाने को कहा. इससे पहले जॉइंट कलेक्टर ने बस नंबरों के साथ स्कूलों को एक आदेश जारी करके लोगों को भाबरा ले जाने के लिए उन्हें संबंधित अधिकारियों को सौंपने को कहा था.

लेकिन एक छोटे से बच्चे द्वारा मोदी को लिखे गए खत ने प्रशासन को अपना फैसला वापस लेने पर मजबूर कर दिया. कई बार एक छोटी सी कोशिश भी बड़े-बड़े काम कर जाती है, इस बच्चे ने इस बात सच साबित कर दिखाया और अपना ही नहीं बल्कि कई बच्चों का भला कर दिया.

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय