67 साल बाद Air India की घर वापसी पर टाटा ग्रुप को लेकर चर्चा तो होनी ही थी!
आखिरकार 67 सालों बाद एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह को वापस मिलने वाला है. ऐसे में मेन स्ट्रीम मीडिया के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं और चर्चाओं का दौर शुरू होना तो लाजमी ही था.
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Air India sale मेन स्ट्रीम मीडिया के बीच तो चर्चा का विषय है ही. सोशल मीडिया पर भी लोगों का अपना गुणा गणित है. सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया की लंबे वक्त बाद घर वापसी की खबरों को अभी विराम मिल भी नहीं पाया था कि सरकार ने साफ कर दिया है कि अभी इस सेल को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है यदि इसकी संभावनाएं बनती हैं तो मीडिया को इसकी जानकारी जरूर दी जाएगी. ध्यान रहे कि एयर इंडिया सेल के लिए टाटा समूह और स्पाइस जेट की तरफ से अजय सिंह ने बोली लगाई थी जिसमें हाई बिड के चलते बाजी टाटा ग्रुप ने मारी है.
बताते चलें कि एयर इंडिया सेल की बात कोई पहली बार नहीं हुई है. यह दूसरी बार हुआ है जब सरकार द्वारा एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने का प्रयास हुआ है. पूर्व में 2018 में सरकार ने कंपनी में अपनी 76 फीसदी की हिस्सेदारी को बेचने का प्रयास किया था लेकिन तब उसे कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाई थी.
एयर इंडिया का वापस टाटा समूह के पास जाना कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है
चाहे वो मेन स्ट्रीम मीडिया हो या फिर सोशल मीडिया एयर इंडिया सेल ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था इसलिए सरकार ने भी फौरन ही सफाई दी है. मामले के मद्देनजर निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग जिसे DIPAM के नाम से भी जाना जाता है, के सचिव ने ट्वीट के माध्यम से इस पूरे मसले पर सरकार का रुख स्पष्ट किया है.
DIPAM के सचिव ने अपने ट्वीट में कहा है कि 'मीडिया में आ रही इस तरह की खबरें सरकार ने एअर इंडिया के फाइनेंशियल बिड को मंजूरी दे दी है, गलत हैं. सरकार जब भी इस निर्णय ले लेगी, मीडिया को जानकारी दी जाएगी.'
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken. pic.twitter.com/PVMgJdDixS
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 1, 2021
चूंकि मामले पर DIPAM के सचिव ने सरकार का पक्ष रखकर तमाम तरह की बहस को विराम दे दिया है. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि सरकार द्वारा दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
गौरतलब है कि एयर इंडिया की नीलामी के लिए सरकार द्वारा फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं. बताया जा रहा था कि ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा है. ज्ञात हो कि सरकार एअर इंडिया की अपनी 100 फीसदी की हिस्सेदारी और AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.
Tata Sons wins the bid for national carrier Air India. Tata Sons was the highest bidder. Union Home Minister Amit Shah-led ministerial panel has given approval to this bid: Sources pic.twitter.com/99OdR9LXCA
— ANI (@ANI) October 1, 2021
एयर इंडिया का टाटा समूह के पास वापस जाना समूह के लिए इसलिए भी ख़ुशखबरी की बात है क्योंकि 1932 में टाटा समूह के संस्थापक जेआरडी टाटा ने इसकी शुरुआत की थी जोकि खुद एक कुशल पायलट थे.
Tata Airlines was started by JRD Tata in 1932 & in July 1946, it took the name Air India. In 1948 it was nationalized, and on 8th June that year, the Malabar Princess flew its first international flight.Today, Tata Sons might just have won the bid to run Air India again. pic.twitter.com/n3QigaPlBb
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) October 1, 2021
जैसा कि हम पहले ही इस बात से अवगत करा चुके हैं कि मामले ने लगातार सोशल मीडिया पर बज बना रखा है तो आइए कुछ और बात करने से पहले एक नजर डालें उन प्रतिक्रियाओं पर जो कई मायनों में खासी दिलचस्प हैं.
Tata Sons has won bid for Air India.So Ghar Wapsi for Air India which was known as TATA Airlines until Govt. nationalised it 67 years ago. pic.twitter.com/RzwADWEHvE
— Enemy Slayer (@EnemySlayer24_7) October 1, 2021
इस खबर के बाद कि एयर इंडिया वापस टाटा समूह के पास जा रही है. सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे भारतीय विमानन के लिए बड़ा कदम बता रहे हैं.
This marks the return of #AirIndia to TATA after 68 years! Tata Sons has won the bid for national carrier Air India. ✈️ Big moment for Indian Aviation. pic.twitter.com/Cge6sfZzNk
— Rohit Chivukula (@rohitav8r) October 1, 2021
सोशल मीडिया यूजर्स यही कह रहे हैं कि आज जेआरडी टाटा की आत्मा जहां भी होगी उसे बहुत शांति मिली होगी.
Tata Sons win bid for Air India; National carrier to fly back to Tatas after 68-year gap.JRD Tata must be smiling in the heavens as it's finally going back to its rightful owner.#AirIndia | #TataSons | #TataGroup pic.twitter.com/12sFgJTstB
— Vinay Prasad L R (@vinayprasadlr) October 1, 2021
चेतन भगत ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अगर एयर इंडिया का विनिवेश किया जा सकता है, तो कई अन्य पीएसयू का भी संभव है चेतन इसे प्राइवेटाइजेशन की तरफ एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं.
If Air India can be divested, many other PSUs can. Tata's winning bid big, big positive for the privatization program.My earlier article on why Air India must be sold (no not taking credit, just sharing what I wrote, back in 2017!): https://t.co/Lqlv50FIsR
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 1, 2021
बहरहाल अब जबकि एयर इंडिया की नीलामी की बात सामने आ ही गयी है तो बात वही है जो चेतन भगत ने कही है. यानी भविष्य के लिए ये बिड निजीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. जैसा कि हम पहले ही इस बात से आपको अवगत करा चुके हैं कि अभी भी जीत टाटा समूह के पास नहींआई है और सारा फैसला दिसंबर में होगा. तो आगे की स्थिति जानने के लिए हमें बस केवल इन्तजार करना होगा.
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