'कनाडा कुमार' से देशभक्ति का पाठ पढ़कर तिलमिला गए 'जागरूक देशभक्त'!
भारतीय सेना (Indian Army) के खिलाफ ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) के मानसिक दिवालियेपन का बचाव करने के लिए वोक कम्युनिटी (Woke) के लिबरल तब तक आगे नहीं आए. जब तक ऋचा की आलोचना भारतीय सेना के ही अधिकारी और जवान कर रहे थे. लेकिन, जैसे ही बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने ट्वीट किया. ये लिबरल मधुमक्खियों की तरह उन पर टूट पड़े.
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युद्धों में कभी नहीं हारे, हम डरते हैं छल छंदों से,
हर बार पराजय पायी है अपने घर के जयचंदों से...
कवि वेदव्रत बाजपेयी की ये पंक्तियां बताने के लिए काफी हैं कि बाहरी शक्तियों से ज्यादा हमें आंतरिक जयचंदों से सावधान रहना चाहिए. और, इन जयचंदों का चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है. दरअसल, भारतीय सेना की खिल्ली उड़ाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा के ट्वीट पर लोगों का गुस्सा जमकर बरस रहा है. हालांकि, ऋचा चड्ढा ने अपने ट्वीट को लेकर माफी मांग ली है. लेकिन, ऋचा चड्ढा ने माफी भी इस अंदाज में मांगी है कि जैसे जबरदस्ती उनके ट्वीट के साथ इस बवाल को जोड़ दिया गया हो. जबकि, ऋचा ने खुद ही 'Galwan says hi' का ट्वीट किया था.
वैसे, इस मामले में सबसे अहम बात ये है कि ऋचा चड्ढा की आलोचना करने वालों में सबसे आगे भारतीय सेना के पूर्व सैन्य अधिकारी और सैन्यकर्मी ही थे. और, जब तक ये चल रहा था. ऋचा चड्ढा और उनका बचाव करने वाला गैंग पूरी तरह से खामोश था. लेकिन, जैसे ही बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने ऋचा चड्ढा के ट्वीट की आलोचना की. अचानक से 'वोक' कम्युनिटी से आने वाले देशभक्तों ने अपनी कुंभकर्णी निद्रा को त्याग दिया. क्योंकि, ऋचा चड्ढा का बचाव करने के लिए ये 'जागरूक देशभक्त' सेना के अधिकारियों और जवानों को निशाना नहीं बना सकते थे. लेकिन, जैसे ही अक्षय कुमार ने ऋचा चड्ढा को देशभक्ति का पाठ पढ़ाया. तो, ये 'जागरूक देशभक्त' तिलमिला गए.
ऋचा चड्ढा के भारतीय सेना को लेकर दिखाए गए मानसिक दिवालियापन का बचाव तो इस वोक कम्युनिटी को करना ही था.
और, इन 'जागरूक देशभक्तों' को अक्षय कुमार का ट्वीट के जरिये ऋचा चड्ढा की सेफ एग्जिट का तरीका मिल गया. इन तमाम लोगों ने भारतीय सेना के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाली ऋचा चड्ढा को किनारे रखते हुए इस बात पर जोर देना शुरू कर दिया कि 'कनाडा कुमार' से उन्हें देशभक्ति सीखने की जरूरत नहीं है. खैर, यहां सवाल अक्षय कुमार की नागरिकता का नहीं है. असल मुद्दा ये है कि देशभक्ति को बढ़ावा देने वाली फिल्में करने और पीएम नरेंद्र मोदी का एक इंटरव्यू लेने की वजह से अक्षय कुमार हमेशा से ही इस 'वोक' कम्युनिटी यानी 'जागरूक देशभक्तों' के निशाने पर रहे हैं.
इस वोक कम्युनिटी वालों में ज्यादातर भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के विरोधी हैं. और, उनका समर्थन करने वाले किसी भी शख्स को ये बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. तो, अक्षय कुमार को कनाडा कुमार बनाने में इन्हें देर नहीं लगती है. दरअसल, ये भारतीय समाज और राजनीतिक व्यवस्था का वो इकोसिस्टम है. जो एक ही पक्ष के पक्ष में हमेशा खड़ा दिखाई देता है. और, इसके लिए अगर तार्किकता और मानवता को भी किनारे करना पड़े. तो, जरा सा भी संकोच नहीं करता है. ये वही इकोसिस्टम है, जो श्रद्धा मर्डर केस को एक सामान्य आपराधिक घटना बताता है. लेकिन, किसी पहलू खान की हत्या को सांप्रदायिक रंग देते हुए हिंदुओं को दोषी ठहरा देता है.
खैर, ऋचा चड्ढा के भारतीय सेना को लेकर दिखाए गए मानसिक दिवालियापन का बचाव करना ही थी. तो, इस वोक कम्युनिटी के निशाने पर अक्षय कुमार आए. जिसके बाद इन जागरूक देशभक्तों ने तो ये भी साबित करने की कोशिश शुरू कर दी कि ऋचा चड्ढा को ट्रोल करने वालों के पीछे भी अक्षय कुमार ही हैं. जागरूक देशभक्तों में से एक आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट करते हुए ये तक कह दिया कि 'सवाल पूछना देशभक्ति का सबसे बड़ा कार्य है. सरकार की नाक में दम करना कायरता है. अक्षय कुमार ऋचा चड्ढा पर फासीवादी ट्रोल आर्मी को खुला छोड़ देने के लिए तुमको शर्म आनी चाहिए.'
Asking questions is the greatest act of patriotism. Sucking up to the government is cowardice. @akshaykumar Shame on you for unleashing fascist troll army on Richa Chaddha.
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) November 25, 2022
यहां तक कि कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी ऋचा चड्ढा के बचाव में उतर आईं. और, अक्षय कुमार को कनाडा कुमार साबित करने में जुट गईं. कांग्रेस प्रवक्ता समेत तमाम जागरूक देशभक्त कनाडा कुमार की आलोचना में इस कदर मशगूल हो गए कि उन्हें भारतीय सेना का अपमान करता ऋचा चड्ढा का ट्वीट ही नहीं दिखा. वैसे, जो नहीं जानते हैं, उन्हें बता दें कि अक्षय कुमार कनाडाई नागरिक हैं. और, उन्होंने भारतीय नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर रखा है. हाल ही में अक्षय कुमार ने बताया था कि जल्द ही उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी.
“आप आम खाते हैं? कैसे खाते हैं? काट कर खाते हैं या गुठली के साथ - वो wash basin पर खड़े हो कर आम खाने का मज़ा ही कुछ और है”आप ऐसे सवालों तक ही सीमित रहिए एक विदेशी से भला हम अपनी सेना के शौर्य और पराक्रम और राष्ट्रवाद पर भाषण क्यों सुनें? https://t.co/cJXML6V8Z6
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 24, 2022
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