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Updated: 29 जून, 2022 08:37 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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आलिया भट्ट (Alia Bhatt) सही हैं, क्योंकि कोई भी महिला 'पार्सल' नहीं होती है. मगर प्रेग्नेंसी के समय में महिलाओं को सुपर वुमेन बनने की जरूरत तो कत्तई नहीं है. देखने में आता है कि अभिनेत्रियां मस्त घूमती-फिरती रहती हैं. मां बन जाती है और पता भी नहीं चलता. बच्च को जन्म देने के कुछ समय बाद ही वो दोबारा काम भी करने लगती हैं. क्या किसी आम घर की महिला के लिए यह संभव है? शायद नहीं, क्योंकि अभिनेत्रियों और सामान्य महिलाओं के गर्भवती होने में काफी अंतर है. 

आलिया भी कोई सामान नहीं हैं, जिसे पार्सल किया जाए. मतलब उन्हें कहीं आने-जाने के लिए किसी के सहारे की जरूरत नहीं है, लेकिन गर्भवती महिला (Pregnant women) को खास ख्याल की जरूरत तो पड़ती है. ऐसा नहीं है कि आप एक मजबूत महिला हैं तो सारा कुछ खुद से ही कर लेंगी, यहां तक की बच्चा भी...

ऐसा जरूरी नहीं है कि आप जब तक काम करती रहेंगी तब तक की मजबूत कहलाएंगी. ठीक है, आलिया एक पर्सनैलिटी हैं एक सफल अभिनेत्री हैं, लेकिन हर वक्त खुद को स्ट्रांग दिखाना, किसी कसौटी पर खरे उतरने का पैमाना नहीं है.

Alia bhatt, Ranbir Kapoor, Alia Bhatt Marriage, deepika padukone, Ex, Lover गर्भवती महिला को आराम करने में शर्म महससू नहीं होनी चाहिए

दरअसल, आलिया भट्ट प्रेग्नेंट हैं और उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा है कि 'मैं एक महिला हूं, पार्सल नहीं हैं'...आलिया ने यह पोस्ट कुछ रिपोर्ट्स में किए गए दावों को जवाब देने के लिए किया. जिनमें कहा गया था कि, आलिया अभी लंदन में हैं और पति रणबीर कूपर उन्हें लेने जा सकते हैं. वे जुलाई से पहले ही सारे काम निपटाने में जुटी हैं ताकि फिर वे आराम कर सकें.

इसके बाद आलिया ने लिखा है कि ‘हम अभी भी कुछ लोगों के दिमाग में रहते हैं, हम अभी भी पितृसत्ता की दुनिया में जी रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी काम में देरी नहीं हुई है. किसी को मुझे लेने आने की जरूरत नहीं है, मैं एक महिला हूं पार्सल नहीं. मुझे आराम की बिल्कुल जरूरत नहीं है, लेकिन यह जानकर अच्छा लगा कि आपके पास डॉक्टर का सर्टिफिकेशन भी होगा. यह 2022 है, कृपया क्या हम इस पुरानी सोच से बाहर निकल सकते हैं? अगर आप मुझे माफ करें... मेरा शॉट तैयार है'.

आलिया का कहने का मतलब है कि गर्भवती होने का यह मतलब नहीं है कि वे काम करना छोड़ दें. गर्भवती होने का यह मतलब नहीं है कि उन्हें आराम की जरूरत है. गर्भवती होने का यह मतलब नहीं है कि उन्हें ट्रेवल करने के लिए किसी के सहारे की जरूरत है. हो सकता है कि आलिया अपनी जगह पर सही हैं, लेकिन यह बात भी सही है गर्भवती महिलाओं के शरीर में 10 तरह के बदलाव होते हैं. कभी मूड स्विंग होता है, कभी कमजोरी आती है तो कभी हार्मोनल बदलाव होते हैं.

वहीं हर गर्भवती महिला की प्रेग्नेंसी नॉर्मल नहीं होती. किसी को खून और आयरन की कमी होती है तो किसी को विटामिन की. डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाओं को शुरुआती तीन महीने अधिक खतरा रहता है इसलिए इन्हें आराम करना चाहिए. अधिक उछल-कूद और भारी सामान उठाने से गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे समय में डॉक्टर अधिक ट्रेवल के लिए भी मना करते हैं.

गर्भवती अभिनेत्रियां खुद को सुपरवुमन साबित करने पर क्यों तुली हैं?

आप भले ही कितना भी नकार लें लेकिन हम सभी को पता है कि किसी सामान्य और गर्भवती महिला के शरीर में अंतर होता है. प्रेग्नेंसी के समय वो तमाम तकलीफों से गुजरती है. डॉक्टर 3 महीने के बाद हल्के-फुल्के घर के काम करने की सलाह देते हैं ताकि बच्चा नॉर्मल हो सके. इसका मतलब यह नहीं है कि आप खुद के शरीर को इगनोर कर दें.

कुछ समय से अभिनेत्रियां इस चलन को अपना रही हैं कि प्रेग्नेंसी के समय में भी हमें हर हाल में काम ही करते रहना है. खतरनाक हील पहनकर फोटो शूट करवाना है. ऐसा करके वो पता नहीं क्या साबित करना चाह रही हैं. जिस करीना कपूर को इस चलन का जनक माना जाता है वह खुद इस बात का खुलासा कर चुकी हैं, पहले बच्चे के समय मुझे परेशानी हुई. मैं शूटिंग करते वक्त बेहोश हो गई थी. बच्चा कभी भी करियर के लिए रूकावट नहीं बनता लेकिन उसे आपका कुछ समय तो चाहिए होता है. उसे ही क्यों आपको भी अपने शरीर को कुछ समय देना चाहिए. ऐसा ना हो कि सुपर वुमने बनने के चक्कर में आपको बाद में पछताना पड़ें.

वैसे, जो अभिनेत्रियां अपनी प्रेग्नेंसी में काम करती हैं उनके साथ तो उनकी पूरी टीम होती है. जिसमें उनके खाने-पीने से लकेर योग, कपड़ों हर छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रखा जाता है. हालांकि इनके चक्कर में घरेलू महिलाएं जरूर पिस जाती हैं. उनके घरवालों अभिनेत्रियों को देखकर कमेंट करते हैं कि करीना कपूर हीरोइन होकर इस हाल में काम कर सकती है लेकिन तुम्हें ही अधिक परेशानी हो रही है, तुम ही अकेले मां बनी हो. इस चक्कर में उस महिला को पिसना पड़ता है.

उनके पास कोई ऐसा नहीं होता जो उसके काम में हाथ बटाए, उसका ख्याल रखना तो दूर की बात है. जब कोई महिला बीमार होती है तो उसे किसी के साथ ही जरूरत होती है, और अगर कोई उसका सहयोग कर दे तो वह पार्सन का सामान तो नहीं बन जाती. अरे जब किसी के मदद की जरूरत है तो बोलने में शर्म कैसी? किसी के साथ कहीं आ-जाने से महिला शक्ति की कमजोर तो नहीं हो जाएगी?

कई महिलाएं इन अभिनेत्रियों को देखकर प्रेग्नेंसी में भी छुट्टी नहीं लतीं. उन्हें लगता है कि जब करीना, अनुष्का काम कर सकती हैं तो हम क्यों नहीं? फिर वे ऑफिस में पैर फैलाएं मूड स्विंग के बीच टारगेट को पूरा करने में लगी रहती हैं. फिर घर पहुंचने के बाद उन्हें रसोई में भी जाना पड़ता है.

जब मातृत्व अवकाश की सुविधा है तो फिर लेने में शर्म कैसी? तुम मशीन तो हो नहीं जो बेबी डिलीवर कर दिया तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. काम से ब्रेक लेने का मतलब यह नहीं होता कि आपका करियर खत्म हो गया...आप दोबारा कमबैक कर सकती हो, लेकिन आपका स्वास्थ एक बार चला गया तो शरीर में हमेशा तकलीफ बनी रहेगी.

आलिया ने जो कहा है उसका दबाव घरेलू महिलाओं पर तो बढ़ ही सकता है, क्योंकि आलिया के पास उनकी पूरी टीम होगी. जो उनका ख्याल रखती है. उन्हें क्या खाना है, कहां जाना है, क्या पहनना है, कब सोना है, कब जगना, कौन सा योग करना है, यहां तक की किससे बात करनी है? आलिया के लिए खास अस्पताल के डॉक्टर और नर्स उनकी सेवा में लगे होंगे. इसलिए आलिया के लिए यह कहना आसान है कि उन्हें आराम की जरूरत नहीं. 

जरा जाकर किसी आम घर की प्रेग्मेंट महिला को देखना जो इस हाल में भी दिन-रात रसोई और झाडू-पोछा में लगी रहती हैं. जिसके पैर सूजे रहते हैं, शरीर पीला पड़ा है लेकिन उसके पास कोई सुविधा नहीं है. उससे पूछना की आराम क्या होता है, और क्यों जरूरी है. एक आम महिला जब गर्भवती होती है तो उसे अपनी कम और घरवालों की चिंता अधिक रहती है.

यह ठीक है कि महिलाएं हर काम कर सकती हैं. वो किसी से कम नहीं है, लेकिन हर वक्त खुद को ताकतवर दिखाने की जरूरत नहीं है. जब आपको आराम करने की जरूरत है, तब आपको करना चाहिए. अगर आप बीमार हैं तो किसी को अपने साथ यात्रा पर ले जा सकती हैं. आप अपने शरीर को बेहतर समझती हैं, इसलिए महज दिखाने के लिए अभिनेत्रियों की तरह न बनें, वरना यह आपके लिए घातक हो सकता है...हां आप एक महिला हैं और किसी के साथ जाने भर से पार्सल नहीं बन जाएंगी.

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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