अर्शदीप सिंह के खिलाफ पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा पर हरभजन और जुबैर ने क्यों दिखाई जल्दबाजी?
एशिया कप (Asia Cup) में टीम इंडिया (Team India) के हारने के बाद गेंदबाज अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा (Pakistan Propaganda) का शिकार हो गए. और, इस प्रोपेगेंडा को भारत में स्वघोषित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर जैसे कई लोगों ने हवा दी. खैर, यहां अहम सवाल ये है कि हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी ऐसे प्रोपेगेंडा पर जल्दबाजी क्यों दिखाते हैं?
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टीम इंडिया के उभरते हुए गेंदबाज अर्शदीप सिंह को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान प्रायोजित अकाउंट्स से खालिस्तानी करार दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, अर्शदीप सिंह के विकिपीडिया पेज में जबरन छेड़छाड़ कर उसमें खालिस्तानी कनेक्शन डाल दिया गया. और, छेड़छाड़ करने वाले शख्स का आईपी एड्रेस पाकिस्तान का ही निकला है. वैसे, विकिपीडिया ने अर्शदीप सिंह के पेज पर सभी तरह की एडिट पर 11 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी है. ऐसा करने की वजह ये थी कि एशिया कप के सुपर 4 मुकाबले में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई भिड़ंत में टीम इंडिया को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. और, इस मैच के दौरान टीम इंडिया के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह से एक कैच छूट गया था.
दरअसल, सोशल मीडिया पर मौजूद पाकिस्तानी बॉट अकाउंट्स की फौज ने इसे एक मौके के तौर पर देखा. और, भारतीय फैन्स बनकर अर्शदीप सिंह को ट्रोल करना शुरू कर दिया. ये ठीक वैसा ही हमला था, जो इससे पहले मोहम्मद शमी को लेकर किया गया. तब भी पाकिस्तानी अकाउंट्स से मोहम्मद शमी को निशाना बनाया गया था. दरअसल, ये एक ऐसा चक्रव्यूह है. जिसे पाकिस्तान हमेशा से ही भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता रहा है. जिससे भारत में मुस्लिमों और सिखों के हालातों को लेकर प्रोपेगेंडा गढ़ा जा सके. जबकि, ऐसा कुछ भी नहीं है.
अर्शदीप सिंह के खिलाफ पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को भारत में भी हवा देने वालों की कमी नहीं थी.
वरना मैच खत्म होने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली से जब अर्शदीप सिंह के कैच ड्रॉप करने को लेकर सवाल पूछा गया था. तो, वह उनका समर्थन क्यों करते? बताना जरूरी है कि इस सवाल के जवाब में विराट कोहली ने अर्शदीप सिंह का समर्थन करते हुए कहा था कि 'दबाव वाले मैच किसी से भी गलतियां हो सकती हैं.' आसान शब्दों में कहा जाए, तो टीम इंडिया ने अर्शदीप सिंह के कैच ड्रॉप को एक मामूली सी गलती माना. लेकिन, पाकिस्तान के लिए ये एक ऐसा मौका था. जब वह भारत के खिलाफ अपने एजेंडे को बढ़ा सकता था.
ये ठीक वैसा ही था, जैसे पिछले टी20 वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान से हारने पर मोहम्मद शमी को निशाना बनाया गया था. और, पाकिस्तानी स्पैम अकाउंट्स ने शमी को आईएसआई एजेंट घोषित कर दिया था. वैसे, पाकिस्तान की ये ट्रोल आर्मी जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने, नूपुर शर्मा के मामले पर प्रोपेगेंडा गढ़ने में आगे रही थी. खैर, सामने आ चुकी है कि अर्शदीप सिंह के खिलाफ किए गए ट्वीट्स पाकिस्तान प्रायोजित थे. लेकिन, ऐसे प्रोपेगेंडा को हवा देने में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से लेकर पाकिस्तानी पत्रकार तक शामिल होते हैं.
ट्रोलर्स को भारतीय फैन्स साबित करने की साजिश
सोशल मीडिया पर इस प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए खेल भावना के नाम पर पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद हफीज का भारतीय फैन्स को निशाने पर रखता हुआ ट्वीट किया. दरअसल, मोहम्मद हफीज ने एक ट्वीट किया कि 'मेरा भारतीय टीम के सभी फैन्स से अनुरोध है कि खेल में गलतियां होती हैं. क्योंकि हम इंसान हैं. कृपया इन गलतियों के लिए किसी को अपमानित मत कीजिए.' मोहम्मद हफीज के इस ट्वीट में टीम इंडिया के उभरते हुए गेंदबाज अर्शदीप सिंह को टैग किया गया था. कहना गलत नहीं होगा कि मोहम्मद हफीज का ये ट्वीट खेल भावना से इतर अर्शदीप सिंह को ट्रोल करने वाले पाकिस्तानी अकाउंट्स को भारतीय फैन्स साबित करने की कोशिश ज्यादा नजर आता है.
My request to all Indian team fans. In sports we make mistakes as we r human. Please don’t humiliate anyone on these mistakes. @arshdeepsinghh
— Mohammad Hafeez (@MHafeez22) September 4, 2022
अर्शदीप को ट्रोल करने वाले पाकिस्तान प्रायोजित अकाउंट्स को भारतीय फैन्स करार देना क्या साजिश नहीं है? खुद ही सोचिए कि जिस पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद हफीज का टीम इंडिया से कोई लेना-देना नहीं है. वो आखिर ऐसा ट्वीट क्यों करेगा? इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर ब्लू टिक धारी एक पाकिस्तानी पत्रकार वजाहत खान ने भी मजाक का सहारा लेकर अर्शदीप सिंह के पाकिस्तान समर्थिक खालिस्तानी एजेंडा चलाने वालों में शामिल कर दिया. दरअसल, ये क्रिकेट के खेल के पीछे रची जाने वाली उन साजिशों का हिस्सा था. जिसका शिकार अर्शदीप सिंह से पहले टीम इंडिया के बेहतरीन गेंदबाज मोहम्मद शमी भी हुए थे. पिछले टी20 वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान से हारने के बाद मोहम्मद शमी को निशाना बनाया गया था. उस दौरान भी कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने ऐसे ही 'खेल भावना' वाले ट्वीट किए थे. और, ये किसी भी हाल में खेल-भावना से भरा ट्वीट नहीं थे.
Arshdeep is clearly a part of the Pakistan-backed Khalistan movement. #INDvPAK https://t.co/VOvIJ4TTz9
— W. S. Khan (@WajSKhan) September 4, 2022
आसान शब्दों में कहा जाए, तो ये वो ट्रैप है, जो खेल भावना दिखाने के नाम पर किया जाता है. लेकिन, इसके पीछे भारतीय फैन्स, भारतीय खिलाड़ियों और पूर्व भारतीय दिग्गजों को फंसाने की साजिश होती है कि वो इस फेक नैरेटिव से लड़ें. और, दुनिया भर में इस बात का हल्ला मच जाए कि टीम इंडिया के मुस्लिम और सिख खिलाड़ियों को हार के बाद इसी तरह का अपमान झेलना पड़ता है. जबकि, सच्चाई ये है कि पाकिस्तान की ही क्रिकेट टीम में ही धर्म के आधार पर भेदभाव के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में एक भी हिंदू और शिया खिलाड़ी शामिल नहीं है. क्योंकि, पाकिस्तान में सुन्नी कट्टरपंथियों का बोलबाला है.
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की फैक्ट चेकिंग, लेकिन नतीजे अलग-अलग
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को भारत में कुछ एजेंडाजीवी फैक्ट चेकर भी हाथोंहाथ लेते हैं. क्योंकि, इस फैक्ट चेकर का काम ही यही है कि दुनिया में किसी भी तरह से भारत की मुस्लिम और सिख विरोधी छवि बना दी जाए. तो, एजेंडाजीवी और स्वघोषित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने इस मामले का भी नूपुर शर्मा के मामले की तरह ही फैक्ट चेक किया. फैक्ट चेकर जुबैर ने पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा में फंसे कुछ भारतीय अकाउंट्स का स्क्रीनशॉट लेकर साबित करने की कोशिश की कि भारत में मुस्लिम और सिख खिलाड़ियों के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाता है.
One drop catch and..... ????#INDvsPAK pic.twitter.com/6lhFjkQ6wf
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 4, 2022
वहीं, एक अन्य फैक्ट चेकर अंशुल सक्सेना ने भी इस प्रोपेगेंडा का फैक्ट चेक किया था. लेकिन, अंशुल के फैक्ट चेक में सामने आया कि ये पाकिस्तानी अकाउंट्स की ओर से शुरू किया गया प्रोपेगेंडा था. जिसे पाकिस्तान के कुछ वैरिफाइड अकाउंट्स ने भी हवा दी. यहां तक कि एजेंडाजीवी फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के ट्वीट को भी कई पाकिस्तानी अकाउंट्स ने रिट्वीट कर जमकर प्रोपेगेंडा फैलाया. अंशुल सक्सेना के फैक्ट चेक में ये भी सामने आया कि पाकिस्तानी अकाउंट्स से ये भी दावा कर दिया गया कि एक भारतीय मीडिया चैनल ने भी अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहा है.
1) Indian cricket player Arshdeep dropped a catch in the 2nd match of India Vs Pakistan, Asia Cup 2022.And, now accounts from Pakistan are running Khalistan propaganda & calling Arshdeep a Khalistani.Here is the thread! pic.twitter.com/pOyaBPLyJW
— Anshul Saxena (@AskAnshul) September 4, 2022
देखा जाए, तो फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को इसका फैक्ट चेक करना चाहिए था. लेकिन, ऐसा करने पर जुबैर का एजेंडाजीवी स्टेटस खतरे में आ जाता. वहीं, एक अन्य फैक्ट चेकर ने अर्शदीप सिंह के ट्रोल होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सोचिए मैच खत्म हुए एक घंटा ही हुआ है और दोनों देशों में रात है. लेकिन, एक शख्स रैंडम हैंडल्स के ट्वीट्स का कोलाज बनाकर उसे वायरल कर रहा है. पाकिस्तान और भारत के कुछ वेरिफाइड अकाउंट वाले यूजर्स इस पर प्रतिक्रिया देने लगे हैं. ये साजिश नहीं तो और क्या है.
Why Harbhajan overreacted so quickly and how (as many already predicted) the factchecker was swift enough to find “K” tweets over Arshdeep?Shami-2 propaganda on the way! Most of these handles will be found to be frm Pak or UAE pretending as Indian just like Shami saga. pic.twitter.com/TtR0d4OUn3
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) September 4, 2022
इस फैक्ट चेकर ने लिखा कि अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहने वाले प्रोपेगेंडा में मोहम्मद जुबैर की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट के लोग भी शामिल थे. हादिफ निसार, श्रुति सोनल जैसे वैरिफाइड अकाउंट्स से इस प्रोपेगेंडा को फैलाने वाले अकाउंट्स को राइटविंग समर्थक और भारतीय साबित करने की होड़ लग गई. इतना ही नहीं, अर्शदीप सिंह के समर्थन में टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ियों हरभजन सिंह और इरफान पठान ने भी ट्वीट किया है.
आखिर ऐसे पाकिस्तानी ट्रैप में क्यों फंस जाते हैं भारतीय?
यहां अहम सवाल ये उठता है कि जब हरभजन सिंह और इरफान पठान जानते हैं कि पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद शमी के मामले भी ऐसी ही मॉडरेस ऑपरेंडी इस्तेमाल की गई थी. तो, वे इस प्रोपेगेंडा में क्यों फंसे? तो, इसका जवाब बहुत आसान है कि भारत में क्रिकेट से लोगों की भावनाएं बहुत गहरे से जुड़ी हुई हैं. वहीं, पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच में तो ये भावनाएं और ज्यादा उबाल मारती हैं. क्योंकि, भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मैच भी एक युद्ध की तरह ही देखा जाता है.
और, किसी भी जंग में कोई भी देशभक्त अपने ही देश को जीतता हुआ देखना चाहता है. ऐसे माहौल में जब अर्शदीप सिंह जैसा कोई खिलाड़ी गलती करता है. तो, पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा टीम एक्टिव हो जाती है. मैच खत्म होने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली ने साफ कर दिया था कि टीम इंडिया ने अर्शदीप सिंह के कैच ड्रॉप को एक मामूली सी गलती माना है. जिसमें आगे सुधार होगा. लेकिन, सोशल मीडिया पर चलाए गए पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की वजह से अर्शदीप सिंह के खिलाफ कुछ भारतीयों का भी गुस्सा नजर आया. और, वो पाकिस्तान के बिछाए जाल में फंस गए. लेकिन, ये गुस्सा पूरी तरह से इस प्रोपेगेंडा पर ही आधारित था.
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