ऐसे जनप्रतिनिधि कम ही हैं, बाकी तो सभ्य हैं...
छत्तीसगढ़ के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की एक जनप्रतिनिधि के साथ हुई झड़प सोशल मीडिया पर तब वायरल हो गई, जब कलेक्टर ने पूरी बातचीत फेसबुक पर शेयर कर दी...
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एलेक्स पॉल मेनन, ये नाम शायद आपको याद होगा. 2012 में नक्सलियों ने एलेक्स को छत्तीसगढ़ के सुकमा से अगवा कर लिया था. बाद में सरकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से उन्हें रिहा किया गया. फिलहाल एलेक्स बलरामपुर जिले के कलेक्टर हैं. फेसबुक पर एक्टिव रहने वाले एलेक्स ने अपनी वॉल पर एक संस्मरण पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि एक आईएएस को हर कोई क्या समझता है. वो कहते हैं कि वो छत्तीसगढ़ के दूरदराज आदिवासी इलाके में तैनात हैं, 60 हजार वेतन मिलता है और साल में एक बार माता-पिता और रिश्तेदारों से मिल पाते हैं. वो अपनी जड़ों से कट गए हैं, फिर भी एक प्रेरणाहीन टीम के साथ बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं. जन प्रतिनिधियों के साथ उनकी कई बार बात हुई लेकिन एक संस्मरण उन्होंने साझा किया, जो फेसबुक पर चर्चा में है.
कलेक्टर- नमस्कार साहब, बताइए, सॉरी… बाथरूम में था, इसलिए आपका फोन अटेंड नहीं कर पाया. बताएं, कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?
निर्वाचित प्रतिनिधि- ये बताइए, कलेक्टर साहब, ये आपका… के साथ क्या करीबी है…
कलेक्टर- ..??
निर्वाचित जनप्रतिनिधि- उनका ट्रांसफर होने के बाद भी उनको रिलीव क्यों नहीं किया जा रहा… सारे काम उनको ही क्यों दिया जा रहा... ऐसा क्या रिश्ता है?
कलेक्टर- ऐसा क्या साहब, ओह्ह.. मेरा भतीजा है.
निर्वाचित प्रतिनिधि- क्या?
कलेक्टर- हां साहब, मैंने पूरे जिले में 39 लोगों को रिलीव नहीं किया है, अगर आप एक-एक करके नाम बताएंगे तो मैं रिश्ता बताता जाऊंगा…
निर्वाचित प्रतिनिधि- अच्छा ऐसा… !!
कलेक्टर- हां, साहब ऐसा ही… ये मेरा भांजा है… ससुर का छोटा लड़का है…और ये जो है… न वो मेरा साला लगता है…
निर्वाचित प्रतिनिधि- आप एक चयनित जनप्रतिनिधि से ऐसे बात नहीं कर सकते…
कलेक्टर- ऐसा है साहब, आप कोई जनता की समस्या के मुद्दे में कुछ भी बोलिए, कैसे भी बोलिए, हम सुन लेंगे, लेकिन आप हमारी ईमानदारी पर सवाल खड़ा करेंगे तो हमको जवाब देना पड़ जाता है. नक्सल जिला है, कोई यहां काम नहीं करना चाहता है. ट्रांसफर कराके भागते रहते हैं…बिना रिलीवर के हम किसी को रिलीव नहीं कर पाएंगे… वैसे नियम भी यही कहता है… आपको हम किनसे क्या काम ले रहे हैं, ये समझने की बोझ नहीं उठाना चाहिए, काम में कमी है तो बताइये…
निर्वाचित प्रतिनिधि… ????
उसके बाद फोन कट जाता है.
उन्होंने कहा कि ऐसे जन प्रतिनिधि कम ही हैं, काफी सारे बहुत सभ्य हैं.
ये रही पोस्ट-
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