लाशों को सेक्स करते दिखाना कहीं दिमागी दीवालियापन तो नहीं !
कितने लोग असल में किसी की लाश देख पाते है? चलिए ये भी छोड़िए.. कितने लोग पोर्न देखते हैं. माना इन सवालों का जवाब नहीं दे पाएंगे, लेकिन मन में तो पता है न.... अब अगर आपसे पूछा जाए कि लाशों का पोर्न देखने वालों की संख्या कितनी होगी, तो?
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लाश को देखने का शौक कितने लोगों को होता है? चलिए शौक छोड़िए, कितने लोग असल में किसी की लाश देख पाते है? चलिए ये भी छोड़िए.. कितने लोग पोर्न देखते हैं. माना इन सवालों का जवाब नहीं दे पाएंगे, लेकिन मन में तो पता है न... अब अगर आपसे पूछा जाए कि लाशों का पोर्न देखने वालों की संख्या कितनी होगी, तो?
चौंकिए मत.. न ही मेरा दिमाग खराब है और न ही ये फालतू बात है. जर्मनी के एक कॉन्ट्रोवर्शियल साइंटिस्ट ने लाशों की प्रदर्शनी लगाई है. ये लाशें खास तरीके से प्रिजर्व की गई हैं और इन्हें ऐसी पोजीशन में रखा गया है मानो ये एक दूसरे के साथ सेक्स कर रही हों.
इस प्रदर्शनी की टिकट 20 डॉलर यानी करीब 1280 रुपए है. ये पहले सिर्फ मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले लोगों के लिए ही उपलब्ध था, लेकिन अब कैलिफोर्निया साइंस सेंटर (लॉस एंजिलिस) में ये सभी के लिए उपलब्ध है.
क्या दिखेगा इस प्रदर्शनी में...
इस प्रदर्शनी को बॉडी वर्ल्ड्स: पल्स ने आयोजित किया है और इसमें करीब 200 ऑर्गेन साफ दिखाए गए हैं. सभी लाशें ऐसे पोज में हैं जो सिर्फ जीवित इंसान में देखने को मिलते हैं. सभी बॉडी खाल के बिना हैं. इन्हें प्लास्टिक इंजेक्शन से संरक्षित करके रखा गया है.
जर्मनी के विवादित वैज्ञानिक वॉन हेगन्स ने और उनकी पत्नी ने मिलकर इस अजीबोगरीब शो का आइडिया दिया था, जहां लोग लाशों को अलग-अलग काम करते देख सकते हैं. इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी लोग लाशों के सेक्स को देखने में ले रहे हैं. डेली बीस्ट वेबसाइट की एक खबर के मुताबिक इस शो को देखने के लिए करीब 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे. 72 साल के वॉन हेगन्स पार्किन्सन्स ने मानव शरीर की संरचना के नमूनों को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिनेशन का इजात किया. ये एक पेटेंट किया हुआ प्लास्टिक इंजेक्शन प्रोसेस है. इसमें मृत इंसान के शरीर से फैट और तरल पदार्थ निकाल दिए जाते हैं और उन्हें प्लास्टिक से बदल दिया जाता है.
ये प्रदर्शनी पहले भी लगी है और उसमें सिर्फ मृत लोगों को सेक्स करते दिखाया गया था. अब ये सिर्फ एक सेक्शन तक सिमट गया था. अगर कोई विजिटर 17 साल से कम है तो उसके साथ कोई लीगल गार्डियन होना चाहिए.
अभी तक अगर आप सोच रहे हैं कि ये हाल ही की कोई घटना है, तो गलत है. इस तरह के एक्जिबीशन की शुरुआत 2004 में हुई थी. हाल ही में ये प्रदर्शनी जर्मनी में भी लगाई गई. सालों से इस प्रदर्शनी के साथ कई तरह के विवाद भी चल रहे हैं और इन विवादों के बावजूद ये बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय भी हो रही है.
सिर्फ इंसान ही नहीं, हेगन्स जानवरों के शरीर की भी प्रदर्शनी लगा चुके हैं. हेगन्स डॉक्टर डेथ के नाम से भी मशहूर हैं. अब ये 72 साल के हो चुके हैं. 65 की उम्र में इन्हें पार्किंसन बीमारी हो गई थी और तब उन्होंने ये कहा था कि उन्हें भी इसी तरीके से संरक्षित कर रखा जाए.
जैसा कि हर विवादित शो के साथ होता है हेग्नस को भी कई तरह के बवाल झेलने पड़े. इंसानी शरीर की इज्जत करनी चाहिए चाहें वो जिंदा हो या मृत. अब खुद ही सोचिए ये तरीका सही है या गलत? ये तो सच है कि शरीर का इस तरह से इस्तेमाल विवादित है. लेकिन इस तरह से बॉडी को प्रिजर्व करने का तरीका इजाद करना भी किसी अचंभे से कम नहीं है.
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