दिल्ली मेट्रो गर्ल Vs हरियाणवी महिला का सबक: इंटरनेट पर वायरल सेंसेशन दो समाज के प्रतीक हैं
चाहे वो बिकनी पहन कर घूमने वाली दिल्ली मेट्रो गर्ल हो. या मेट्रो में ही अश्लीलता फैलाने वाले कपल को नसीहत करती बुजुर्ग महिला. ये दोनों ही दो अलग तरह के कैरेक्टर हैं और समाज के दो बिलकुल विपरीत चेहरे दिखाते हैं. इनमें से एक इंसान को अपनी हदों में रहने की वकालत करता है. जबकि दूसरा माय बॉडी माय चॉइस पर ऐसा बहुत कुछ करता है जो नहीं होना चाहिए.
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दौर सोशल मीडिया का है. फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाला क्लॉज भी संविधान ने हमें दिया है. जायज सब है. अपनी मर्जी का हवाला देकर इंसान कुछ भी कर सकता है. पहन सकता है. यूं बातें यूं ही रैंडम नहीं हैं. वजह है दिल्ली मेट्रो और दिल्ली मेट्रो में भी सफर करने वाली वो लड़की जिसने अपने अतरंगे कपड़ों के कारण चर्चाओं का बाजार गर्म किया हुआ है. चूंकि अश्लीलता के नाम पर लड़की वायरल हुई इसलिए एक पुराने वीडियो को भी सामने लाया गया है और वो वीडियो भी दिल्ली मेट्रो का ही है. इस वीडियो की खास बात ये है कि इसमें एक बुजुर्ग महिला है जो अपनी बातों से भरी मेट्री में मॉरल पुलिसिंग करती हुई नजर आ रही है. कह सकते हैं कि इंटरनेट पर जो दो वीडियो तैर रहे हैं वो दो अलग अलग कैरेक्टर्स को परिभाषित करते हैं. कह सकते हैं कि ये दोनों ही पात्र प्रतीक हैं समाज के उन दो वर्गों के जिसमें एक माय बॉडी माय चॉइस की विचारधारा का पक्षधर है तो वहीं दूसरा वो है जो सभ्यता. संस्कृति का हवाला देकर इंसान को उसकी हदों में रहने की वकालत करता है.
दिल्ली मेट्रो के अलग अलग नज़ारे आजकल खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं
जिस पहले वीडियो का जिक्र हमने किया है आइये उसपर तफ्सील से बात करें. जो वीडियो सुर्खी में आया है उसमें एक लड़की बिकनी पहनकर दिल्ली मेट्रो में सफर करती नजर आ रही है. दिल्ली मेट्रो गर्ल की कई अलग अलग तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं. इन तस्वीरों में रोचक ये रहा तस्वीरों में उसने अलग-अलग कलर की बिकनी पहनी हुई हैं. यानी लड़की बार बार लगातार अलग अलग ड्रेसेज में मेट्रो में यात्रा कर रही थी.
लड़की की इन तस्वीरों का आना भर था. आलोचना तो हो ही रही है वहीं चंद चुनिंदा लोग भी है जो इसे महिला सशक्तिकरण से जोड़ रहे हैं और My Body My Choice से जोड़ रहे हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि लड़की की अपनी मर्जी है वो जिस कपड़े में कम्फर्टेबल हो उसे धारण कर सकती है.
What is wrong with #delhimetro ? #Girls How can you travel like this in #delhimetro ?#DelhiMetroDiaries #delhi #womenempowement #womensafety #delhipolice #CISF #feminism #feminist #feminists●Lets see if @OfficialDMRC @DelhiPolice have the guts to ans these ques? pic.twitter.com/IsAabGPJi7
— YoursJaskier (@JaskierYours) April 2, 2023
बात अगर वायरल तस्वीरों और वीडियो की हो तो एक वीडियो में लड़की सीट पर बैठी है और उसने अपने ऊपर बैग रखा है. तो वहीं इसी लड़की की वो तस्वीरें भी आई हैं जिनमें ये बिकनी में खड़ी है और बाकी यात्रियों के साथ यात्रा कर रही है. लड़की कौन है? कहां से है? इसकी तो फिलहाल कोई जानकारी नहीं है लेकिन जैसा लड़की का कॉन्फिडेंस है इतना तो साफ़ है कि अपने इस लुक से लड़की अटेंशन पाना और मीडिया की सुर्ख़ियों में रहना चाहती है.
दिल्ली मेट्रो गर्ल द्वारा फैशन के नाम पर की जा रही ये अश्लीलता महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है या फिर आजादी और आधुनिकता के नाम पर कल्चरल नरसंहार इसका जवाब तो हमें सिर्फ और सिर्फ समय देगा लेकिन जो वर्तमान है और आधुनिकता के नाम पर दिल्ली मेट्रो गर्ल का जो अवतार है वो ये बताने के लिए काफी है कि अभी बतौर समाज हम इतने विकसित नहीं हो पाए हैं जो भीड़ भाड़ वाली दिल्ली मेट्रो में किसी महिला के अतरंगे कपड़ों को देखकर सहज हो जाएं.
ये तो बात हो गयी अपनी बिकनी के जरिये सुर्ख़ियों में आई दिल्ली मेट्रो गर्ल की अब हम बात करेंगे बुजुर्ग महिला के उस दूसरे वीडियो पर जिसमें वो अश्लील मुद्रा में यात्रा कर रहे एक कपल को नसीहत करती हुई नजर आ रही है. बुजुर्ग महिला के इस वीडियो को लेकर कहा यही जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो गर्ल जैसी लड़कियों को अगर इस दुनिया में कोई सुधार सकता है तो वो बुजुर्ग महिला जैसी अन्य महिलाएं ही हैं.
This is old video but best. #DelhiMetro pic.twitter.com/jO4Kz2QE18
— Aviral Varshney ॐ (@AviralVarshney3) March 31, 2023
इस वीडियो में दिल्ली मेट्रो में ही लड़का और लड़की खड़े है और किसी अश्लील गतिविधि को अंजाम दे रहे हैं. क्योंकि मेट्रो में बच्चे बूढ़े और महिलाएं सभी थे इसलिए कपल की उन हरकतों पर एक महिला ने अपना विरोध दर्ज किया. मामले में दिलचस्प ये रहा कि जिस वक़्त महिला कपल को समझा रही होती है उस वक़्त लड़की कहती है कि वो 18 साल की है जिसपर बुजुर्ग महिला अपना आपा खो देती है और खूब जमकर उसे खरी खोटी सुनाती है. महिला की बातों पर जैसा रुख कपल का था ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें अपनी गलती का कोई एहसास है ही नहीं.
विषय बहुत सीधा है. कोई मॉडर्न बने इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बात बस इतनी है कि इंसान अपनी हदों को न पार करे. देने को तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमें हमारा संविधान देता है लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं है कि समाज में ट्रेन से लेकर घरों में रहने और मॉल से लेकर पार्कों में बैठने तक हर जगह के अपने नियम होते हैं और एक आदर्श नागरिक की परिभाषा यही है कि व्यक्ति इन नियमों का पालन करे.
बाकी चाहे वो बच्चों को ज्ञान देने वाली दादी हों या फिर बिकनी में मैट्रो में बैठी महिला इन्होने सोशल मीडिया पर एक डिबेट तो कड़ी कर ही दी है.
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