कामचोरी से कितने पैसे बर्बाद हुए ये अमेरिका ही बता सकता है
रिपोर्ट बताती है कि एक कर्मचारी ने सिर्फ ऑफिस में सोकर 2200 घंटे बर्बाद किए हैं जिसका मतलब है 40 हज़ार डॉलर या यूं कहा जाए कि लगभग 27.5 लाख सरकारी रुपए बर्बाद कर दिए.
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ऑफिस आते ही गाहे-बगाहे कोई न कोई जम्हाई लेता नजर आ ही जाता है. लंच टाइम के बाद लोग अक्सर कहते हैं कि उन्हें नींद आ रही है और कुछ एक तो ऑफिस में छोटी सी झपकी भी मार लेते हैं. अगर भारत की बात करें तो ऑफिस में सोने वालों में अक्सर सरकारी कर्मचारी ही आते हैं, लेकिन ये सिर्फ भारत का ही हाल नहीं है. अमेरिका का भी है.
कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ मोटर वेहिकल (DMV) की छमाही ऑडिट रिपोर्ट में एक अजीबो-गरीब बात सामने आई है. इस रिपोर्ट में पता चला है कि DMV की एक कर्मचारी पिछले चार सालों में रोज़ काम के वक्त सोई है.
ऑफिस में तीन घंटे सो जाती थी..
ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि फरवरी 2014 से दिसंबर 2017 तक वो कर्मचारी हर रोज़ सोती रही. कुछ कर्मचारियों के मुताबिक वो रोज़ दिन में 3 घंटे सो जाया करती थी. रिपोर्ट बताती है कि उस कर्मचारी ने 2200 घंटे बर्बाद किए हैं, जिससे काम का नुकसान हुआ है. जिसका मतलब है 40 हज़ार डॉलर या यूं कहा जाए कि लगभग 27.5 लाख रुपए सरकार के बर्बाद हुए हैं.
सांकेतिक तस्वीर
डिपार्टमेंट का कहना है कि वो कर्मचारी हर रोज़ सोया करती थी और उसे रोज़ नींद से जगाना पड़ता था. इसपर कर्मचारी की बॉस का कुछ और ही कहना है. रिपोर्ट बताती है कि कर्मचारी की बॉस को लगता था कि वो दिन में सिर्फ 20 से 30 मिनट ही सो रही है. बॉस रोज़ उस कर्मचारी को तीन से चार बार जगाती थी और इसलिए उसे लगा कि दिन में सिर्फ 20-30 मिनट के काम का ही नुकसान हो रहा है.
DMV की तरफ से अब एक सर्कुलर जारी कर दिया गया है और कर्मचारी के लिए कुछ नियम निर्धारित कर दिए गए हैं. अगर वो अपना काम सही से नहीं कर पाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो सकती है. ये जांच मार्च 2018 में की गई थी और सर्कुलर जारी हो चुका है.
DMV का कहना है कि वो अभी कर्मचारी के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं ले सकते हैं क्योंकि उसका व्यवहार अच्छा रहा है, और उसके काम की पूरी तरह से जांच नहीं हो पाई है. अभी सिर्फ वार्निंग दी है, लेकिन इसके बाद अगर ये जारी रहता है तो उसके खिलाफ सख्त जांच की जाएगी.
हालांकि, एक रिपोर्ट ये भी कहती है कि वो महिला कर्मचारी जो सो रही थी उसके साथ कोई मेडिकल समस्या है. 2016 में उसके डॉक्टर ने डिपार्टमेंट को ये बताया था कि वो अपने काम को ठीक से नहीं कर सकती है. DMV ने उसे जनवरी 2017 में किसी अन्य डिपार्टमेंट में शिफ्ट भी कर दिया था, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और वो काम के वक्त सोती रही.
इस पूरे किस्से से एक बात तो साफ समझ आती है कि भले ही सरकारी कर्मचारी हिंदुस्तान में हों या अमेरिका में कहीं न कहीं लापरवाही की खबर आ ही जाती है. लेकिन अमेरिकी व्यवस्था में कुछ ऐसा है जो कामचोरी को परंपरा या कहें आम बात नहीं बनने देता है. वैसे तो सोने वाली उस कर्मचारी को नींद लेने के लिए कोई खास सज़ा नहीं दी गई है, लेकिन अगर इसे दूसरी तरह से देखें तो उस कर्मचारी की जितनी बदनामी हुई है उसने उसे ग्लोबल कामचोर साबित कर दिया. इसे अपने आप में एक सज़ा ही कहा जा सकता है कि इस कर्मचारी की पूरी दुनिया में खबर आ गई और तो और उसने सरकार का कितना नुकसान किया है ये भी आंकड़ा बता दिया गया. हो सकता है ये अमेरिकी कर्मचारियों के लिए एक सबक के तौर पर देखा जाए. कामचोरी को किस तरह से पैसों के रूप में देखा जा सकता है वो अमेरिका से सीखना चाहिए.
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