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Updated: 25 नवम्बर, 2022 01:11 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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पाकिस्तानी सेना के नए चीफ के तौर पर आसिम मुनीर के नाम का ऐलान हो चुका है. जल्द ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्‍वी उनके नाम पर मुहर लगा देंगे. हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि इमरान खान के करीबी आरिफ अल्वी इस फैसले को लटका सकते हैं. लेकिन, ये सिर्फ ख्याली पुलाव ही कहा जा सकता है. क्योंकि, पाकिस्तान का कोई भी नेता शायद ही कभी पाकिस्तानी सेना से सीधा मुकाबला करने की कोशिश करेगा. दरअसल, पाकिस्तान में होने वाले हर फैसले के पीछे सेना का ही हाथ माना जाता है. फिर चाहे वो नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति हो या नई सरकार बनाने के लिए जुटाए जाने वाले आंकड़े. आसान शब्दों में कहें, तो ये काम भले ही सरकारों का हो. लेकिन, फैसला पाकिस्तानी सेना का ही होता है. खैर, आसिम मुनीर के पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष बनने के ऐलान के साथ ही सोशल मीडिया पर 'कौन बनेगा अगला अरबपति' वायरल हो रहा है. आइए जानते हैं क्यों...

Lt Gen Asim Munir become Pakistan new Army Chief Social Media says Who will be next Billionaire over Qamar Javed Bajwa Family Propertyलेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर आसिम मुनीर के पास पहले से ही करीब 70 करोड़ की संपत्ति है.

पाकिस्तानी सेना का चीफ बनने के बाद जनरल बाजवा बने अरबपति

पाकिस्तानी वेबसाइट factfocus.com पर पत्रकार अहमद नूरानी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिटायर होने जा रहे पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा समेत उनके परिवार और रिश्तेदारों की कुल संपत्ति 12.7 अरब है. 2013 में कमर जावेद बाजवा की पत्नी आयशा अमजद के नाम 70 लाख के करीब तीन प्लॉट थे. लेकिन, 2016 में आयशा अमजद ने 8 प्रॉपर्टियां होने की बात कही. जबकि, 2015 में आयशा अमजद ने अपनी संपत्तियों की नेट वैल्यू शून्य बताई थी. जबकि, 2021 में आयशा अमजद की कुल संपत्ति बढ़कर 2.2 अरब हो गई. जिसमें किसी भी तरह की जमीन, रिहायशी और कॉमर्शियल प्लॉट नहीं जुड़े थे.

इस रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर, 2018 में जनरल कमर जावेद बाजवा की बहू महनूर साबिर की संपत्ति भी शून्य थी. लेकिन, बाजवा के बड़े बेटे साद सिद्दीक बाजवा से शादी करने से एक हफ्ते पहले महनूर साबिर की संपत्ति अचानक से बढ़कर 1.2 अरब हो गई. इतना ही नहीं, महनूर साबिर एक पाकिस्तानी तेल कंपनी की मैनेजर भी बन गई. जिसका दुबई में ऑफिस है. जो महनूर साबिर के पिता साबिर हामिद के नाम पर है. बता दें कि साबिर हामिद एक बड़े बिजनेसमैन थे. लेकिन, अरबपति नहीं थे. लेकिन, जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल में उनकी संपत्ति भी आसमान को छूने लगी.

यहां तक कि साबिर हामिद की तीन अन्य बेटियों के नाम भी बड़ी संख्या में जमीनें दाखिल हो गईं. जबकि, इनके नाम संपत्ति भी शून्य ही थीं. वहीं, जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल के दौरान साबिर के भाई तक के नाम कई शहरी संपत्तियां दर्ज हो गईं. वैसे, जनरल कमर जावेद बाजवा भ्रष्टाचार के समझने के लिए इतना सबूत ही काफी होंगे. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजवा ने 6 सालों में अंतरराष्ट्रीय व्यापारों को बढ़ाया, विदेशों में संपत्तियां खरीदीं, बड़ी संख्या में प्रॉपर्टीज की.

पाकिस्तान की 12 फीसदी जमीन पर सेना का कब्जा

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में पाकिस्तानी से जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर बाकायदा दस्तावेज दाखिल किए गए हैं. जिनके अनुसार, पाकिस्तान की 12 फीसदी जमीन पर पाकिस्तानी सेना का कब्जा है. और, इसमें शहरी जमीन से लेकर कृषि योग्य जमीन तक शामिल है. पाकिस्तानी लेखिका और सैन्य मामलों की जानकार डॉ. आयशा सिद्दीका की किताब मिलिट्री इंक- इनसाइड पाकिस्तान्स मिलिट्री इकोनॉमी में कहा गया है कि ऐसा कोई भी कारोबार नहीं है, जो पाकिस्तानी सेना न करती हो. पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के पास बैंक, बैंक्वेट हॉस, पेट्रोल पंप, स्कूल-यूनिवर्सिटी, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, डेयरी यूनिट, सीमेंट प्लांट्स, कपड़े बनाने की फैक्ट्रियों जैसे कई कारोबार हैं.

रैंक के हिसाब से बंटती है सैन्य अधिकारियों को जमीनें

इतना ही नहीं, आयशा सिद्दीका की किताब में पाकिस्तानी सेना के हर अधिकारी को उनकी रैंक के हिसाब से मिलने वाली जमीनों का भी खुलासा किया गया है. अगर पाकिस्तानी सेना में कोई मेजर है. तो, उसे हाउसिंग सोसाइटी में एक फ्लैट के साथ उनकी पसंद की जगह पर डिफेंस हाउसिंग सोसाइटी यानी डीएचए की ओर से प्लॉट दिया जाता है. अगर कोई कर्नल बनता है, तो उसे मेजर के तौर पर मिली जमीनों के अतिरिक्त एक और प्लॉट मिलता है. वहीं, ब्रिगेडियर बनने पर दो रेजिडेंसियल प्लॉट और एक कॉमर्शियल प्लॉट दिया जाता है. अगर कॉमर्शियल प्लॉट नहीं चाहिए. तो, इसे रेजिडेंसियल प्लॉट में बदला जा सकता है.

वहीं, मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल की रैंक वाले अधिकारियों को 70 करोड़ की कृषि योग्य जमीन दी जाती है. इतना ही नहीं, कोर कमांडर बनने पर 150 करोड़ की कृषि योग्य जमीन दी जाती है. और, अगर कोई तीन साल तक कोर कमांडर के पद पर रहता है. तो, उसे एक कॉमर्शियल प्लॉट और एक रेजिडेंसियल प्लॉट भी मिलता है. ये सभी संपत्तियां पुराने पदों से मिली संपत्तियों के साथ ही मिलती है. यानी पहले दी गई संपत्ति वापस नहीं ली जाती है. बल्कि, संपत्ति पाकिस्तानी सेना में रैंक बढ़ने के साथ ही लगातार बढ़ती रहती है.

अरबपति बनने से कुछ ही दूर हैं आसिम मुनीर

असीम मुनीर फिलहाल पाकिस्तानी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर हैं. और, जल्द ही पाकिस्तानी आर्मी चीफ बनकर अरबपति बनने की ओर बढ़ जाएंगे. क्योंकि, लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर आसिम मुनीर के पास पहले से ही करीब 70 करोड़ की जमीन आवंटित होगी. अगर मुनीर ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया होगा. तो, ये उतनी संपत्ति होगी. लेकिन, अगर आसिम मुनीर ने भी बाजवा की तरह संपत्ति जोड़ी होगी. तो, वो पहले ही अरबपति हो चुके होंगे. खैर, पाकिस्तानी आर्मी चीफ बनने के बाद जैसे जनरल कमर जावेद बाजवा की संपत्ति में अचानक से उछाल आया था. उसी तरह आसिम मुनीर के भी अरबपति बनने की संभावना है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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