मुझे ज़िंदगी की दुआ देने वाले हंसी आ रही है तेरी सादगी पर, बच्ची का दर्द इसी तस्वीर में है!
11 साल की यह बच्ची रोज छोटे बच्चे को लेकर स्कूल जाती है. उसे गोद में लेकर पढ़ाई करती है, क्योंकि उसे पढ़ने की ललक है. बड़ी बहन तो वैसे भी छोटे भाई-बहन की दूसरी मां ही बन जाती है. माता-पिता जिंदा है, लेकिन उन्हें बच्चों का पेट भी तो पालना है.
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यह वही तस्वीर है जो हजारों शब्द कहती है. एक छोटी सी 11 साल की बच्ची. जिसकी गोद में एक बच्चा दिख रहा है. यह बच्चा सो रहा है. बच्ची स्कूल ड्रेस में है. वह डेस्क पर बैठी है, उसकी हाथो में पेंसिल है. जिससे वह कॉपी में कुछ लिखने की कोशिश कर रही है. क्या आप यह सब देखकर इस बच्ची की तपस्या समझ पाए? हमारे यहां, बहन तो वैसे भी भाई की दूसरी मां ही बन जाती है.
वैसे आप समझ ही गए होंगे, क्योंकि इसके चेहरे पर शिक्षा हासिल करने की ललक और लगन दोनों दिख रही है. जी हां, वह स्कूल में है और पढ़ाई कर रही है. हमारे और आपके पास एक जरा सा बहाना मिल जाए तो हम काम से किनारा करना चाहते हैं, लेकिन इस बच्ची को देखकर समझ आता है कि जज्बा क्या होता है? कुछ कर गुजरने की चाहत क्या होती है? जिम्मेदारी क्या होती है? मजबूरी क्या होती है? जिस विश्वास से यह बच्ची पढ़ाई कर रही है, एक दिन अपनी तकदीर जरूर बदल लेगी.
यह वही तस्वीर है जो हजारों शब्द कहती है, क्या आप बच्ची की तपस्या समझ पाए?
कितना अजीब है ना कि, जिसके पास सब है उसे कद्र नहीं और जिसके पास कुछ नहीं है, वह उसे पाने के लिए जी जान लगा रहा है. इस बच्ची का नाम मानिंगसिलिउ पमेई है. जो मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के गांव जेलियांग्रोंग नागा की रहने वाली है. यह कक्षा 1 की छात्रा है. गोद में जो दूधमुहा बच्चा दिख रहा है. वह उसकी सबसे छोटी बहन है. जिस उम्र में इस बच्ची खुद केयर की जरूरत है, वह छोटे भाई-बहन का ध्यान रख रही है. वैसे भी हमारे यहां बहनें कुछ दिनों में भाई की मां ही बन जाती हैं. बेटियों की पढ़ाई का मजाक उड़ाने वाले काश इस तस्वीर के पीछे छिपे मर्म को समझ पाते.
ऐसा नहीं है कि इस बच्ची के माता-पिता नहीं है लेकिन गरीबी बड़ी बुरी चीज होती है, और यह वजह है कि माता-पिता अपने 4 बच्चों को थोड़कर काम मजदूरी करने चले जाते हैं. ताकि वे अपने बच्चों का पेट पाल सकें. वे खेतों में काम करते हैं. उनके जाने के बाद 3 छोटे बाई-बहन की जिम्मेदारी मानिंगसिलिउ पर आ जाती है. उसे अपने सबसे छोटी बहन का ध्यान रखना होता है. बच्ची को पढ़ने की ललक है, इसलिए वह हर रोज डेलोंग प्राथमिक विद्यालय जाती है. उसे अपनी बहन को पालन-पोषण करना है, इसलिए वह उसे अपने साथ स्कूल लेकर जाती है.
इस बच्ची की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई. जिसने देखा उसका कलेजा फट गया. ऐसा लग रहा है यह बच्ची बिना कुछ बोले ही कितना कुछ कह रही है. इसकी आखों में हजारो सवाल है, जवाब शायद किसी के पास नहीं है. ऐसी हजारों बच्चियां हैं जो पढ़ना चाहती हैं, लेकिन बचपन से उनके कंधे पर जिम्मेदारी का बोझ आ जाता है. मजबूरी में की गई उनकी परवरिश का माहौल ऐसा होता है कि, वे अपने से ज्यादा वजन का बोझ उठाने लगती हैं. इस तस्वीर को देखने के बाद लोग बच्ची की तारीफ कर रहे हैं. खबर मिली है कि मंत्री बच्ची की मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन ऐसी बाकी बच्चियों का क्या? ऐसी बच्चियों के समर्पण पर सिर्फ गर्व करने से क्या होगा?
मंत्री भी हुए भावुक-
Her dedication for education is what left me amazed!This 10-year-old girl named Meiningsinliu Pamei from Tamenglong, Manipur attends school babysitting her sister, as her parents were out for farming & studies while keeping her younger sister in her lap. pic.twitter.com/OUIwQ6fUQR
— Th.Biswajit Singh (@BiswajitThongam) April 2, 2022
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