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Updated: 16 जुलाई, 2018 11:26 AM
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टाइटैनिक की कहानी शायद सभी जानते हैं. एक आइसबर्ग (हिमखंड) ने कैसे टाइटैनिक को डुबो दिया था. वो जहाज जो डूब नहीं सकता था उसे एक बर्फीले पहाड़ की भेंट चढ़ गया था. अब ऐसा ही एक बर्फीला पहाड़ किसी जहाज को नहीं बल्कि एक पूरे के पूरे गांव को परेशान कर रहा है. हम बात कर रहे हैं ग्रीनलैंड की जहां एक आइसबर्ग इन्नारसुट (Innaarsuit) गांव के पास आ गया है. ये ग्रीनलैंड के ही ग्लेशियर से टूटा हुआ हिस्सा है. इस गांव में 169 लोग रहते हैं.

क्या ये इतना बड़ा खतरा है?

एक जलवायु शोधकर्ता जोर्ग शेफर का कहना है कि बड़े आइसबर्ग आसानी से पिघकर समुद्र में नहीं समाते. ये काफी उथल-पुथल मचाते हैं. गांव के एक पुलिस इंस्पेक्टर गीडियन क्विस्ट का कहना है कि लोगों की नावें खो चुकी हैं. यहां मछली पकड़ने का काम बहुत ज्यादा होता है और ये आइसबर्ग उसे भी रोक रहा है.

ये वीडियो दिखा रहा है कि उस आइसबर्ग का एक हिस्सा टूटकर गिर रहा है. ये खूबसूरत तो दिख रहा है पर ध्यान से देखें तो इस छोटे से हिस्से से एक बड़ी लहर बनी है जिसके कारण आस-पास की नाव को खतरा है.

असल में ये 11 मिलियन टन का आइसबर्ग 650 फीट लंबा है. इसका आकार दो फुटबॉल फील्ड की तरह है. अगर ये टूटेगा तो न सिर्फ पानी का जलस्तर बढ़ेगा बल्कि सूनामी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. इस गांव के लोगों का भविष्य पूरी तरह से मौसम पर निर्भर करता है.

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अगर ये तेज़ हवाएं नहीं चलीं तो ये आइसबर्ग दूसरी जगह नहीं जा पाएगा और गांव के डूबने का भी खतरा है. अगर गलती से भी बारिश हो जाती है तो मौसम में ह्यूमिडिटी आ जाएगी और आइसबर्ग टूटकर समुद्र में गिरने लगेगा जो सूनामी जैसे हालात पैदा कर सकता है और शहर का एक पूरा हिस्सा आसानी से डूब सकता है.

अभी तक करीब 33 लोग उस गांव से बाहर जा चुके हैं, और बाकी लोगों को अपनी नाव और सामान उस जगह के पास जाने से रोका जा रहा है. ये गांव उस जगह है जहां पहुंचना ज्यादा आसान नहीं है. यहां या तो नाव से पहुंचा जा सकता है या फिर हैलिकॉप्टर से.

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ये आइसबर्ग समुद्र तल से 300 फीट ऊपर है. जो तस्वीरें सामने आई हैं वो भले ही देखने में खूबसूरत हों, लेकिन असल में उन्हें देखकर स्थिती की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. आखिर इतना बड़ी बर्फीली चट्टान अगर समुद्र में टूटकर गिरेगी तो क्या होगा.

क्यों इसका टूटना बहुत ज्यादा खतरनाक होगा..

ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है और एक छोटी सूनामी भी इस देश में बर्बादी मचा सकती है. पिछले साल एक भूस्खलन से 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था और ग्रीनलैंड के ही एक दूसरे गांव नुगात्सियाक में सूनामी आ गई थी. इसकी वजह से 11 घर तबाह हो गए थे और 4 लोगों की मौत हो गई थी. एक छोटा भूकंप या ग्रीनलैंड के पास एक छोटी सी हलचल भी बहुत तबाही मचा सकती है.

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अगर उस वक्त सूनामी नहीं आई और ये पिघला भी तो भी पास की नदियों में बाढ़ आ जाएगी और उसके नजदीक जितने भी घर हैं वो तबाह हो जाएंगे. साथ ही इन्नारसुट का पावरप्लांट भी बाढ़ की चपेट में आ सकता है जिसका मतलब उस इलाके की बिजली चली जाएगी.

नेवी का जहाज तैनात कर दिया गया है और लोगों को निकालने का काम जारी है. लोग जितना खूबसूरती को निहारते हैं उतना ही ये डराने वाली बात है. जरा सोचिए जिस देश में एक भूस्खलन सूनामी ला सकता है वहां एक आइसबर्ग कितनी तबाही मचाएगा.

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