...क्योंकि हर बात मजाक नहीं होती
भला कोई सिर पर मेहंदी लगवाता है क्या?? लेकिन इसका जवाब इन्हीं लोगों की हंसी छीन सकता है. जिस तस्वीर को देखकर लोग हंस हंस कर लोटपोट हुए वो तस्वीर किसी के दर्द की वो झलक दिखाती है जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.
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महिलाओं की खूबसूरती में सिर्फ चेहरा ही नहीं बाल भी काफी अहमियत रखते हैं. और अगर आप किसी महिला को बिना बालों के देखें तो जाहिर है उसे खूबसूरत कहने में आप जरा हिचकेंगे. लेकिन आजकल सोशल मीडिया पर लोग कुछ भी करने से नहीं हिचकते. एक महिला जिनके बाल नहीं हैं उनकी एक तस्वीर काफी समय से सोशल मीडिया पर घूम रही है, और लोग उसपर एक चीप सा जोक लिखकर हंसी उड़ाने की नियत से खूब शेयर कर रहे हैं.
ये रहा वो जोक और वो तस्वीर
जिन्हें ये तस्वीर हंसने लायक लग रही है उनके लिए ये बात भले ही मजाक की हो कि महिला गंजी है, और उसे देखकर उनकी हंसी छूटे जा रही है, दूसरा ये कि वो अपने सिर पर मेहंदी लगवा रही है. भला कोई सिर पर मेहंदी लगवाता है क्या?? लेकिन इसका जवाब इन्हीं लोगों की हंसी छीन सकता है. जिस तस्वीर को देखकर लोग हंस हंस कर लोटपोट हुए वो तस्वीर किसी के दर्द की वो झलक दिखाती है जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.
इस तस्वीर की हकीकत भी जान लेनी चाहिए
कैंसर भी ऐसा ही होता है अच्छे-अच्छों के होश उड़ा देता है. जी हां, ये महिला अकेली ऐसी नहीं हैं बल्कि ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं जिन्हें कैंसर है और इसी वजह से उनके बाल नहीं हैं.
कीमोथेरेपी की वजह से महिलाओं के बाल गिर जाते हैं. एक तो वो पहले से ही कैंसर से जूझ रही होती हैं और उसपर सिर पर बाल न होना उनमें हीनता का भी भाव लाता है. सिर पर हिना का टैटू बनाना सिर पर हिना का ताज लगाने जैसा है, जिससे शर्मिंदगी की भावना को खत्म करने की कोशिश की जाती है.
हिना यानी मेहंदी के बारे में तो सभी जानते हैं, ये 5000 साल पुरानी कला है और सिर्फ हाथों और बालों को रंगने के काम नहीं आती बल्कि इसके औषधीय गुण भी हैं. माना जाता है कि कि हिना में हील करने यानी उपचार करने की शक्ति है. ये महिलाओं को उनके कैंसर से लड़ने में मदद करता है और इसकी खूबसूरती है उनके अंदर की नकारात्मकता भी खत्म होती है.
बहुत से ब्यूटी सैलून महिलाओं को हिना थेरेपी दे रहे हैं. इनका मकसद है कैंसर से जुड़ी महिलाओं को हिना से न सिर्फ उपचार करना बल्कि उन्हें सकारात्मकता देना और लोगों को कैंसर के बारे में जागरुक करना.
ये सिर्फ थेरेपी ही नहीं बल्कि अब तो ये उम्मीद की एक किरण के रूप में भी देखा जा रहा है. विदेशों में हिना थेरेपी काफी समय से चल रही है.
इन महिलाओं की खुशी सबसे ज्यादा अहमियत रखती है
कैंसर से लड़ने के लिए दवाएं अपना काम करती हैं, लेकिन जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी और मायने रखती है वो होती है इंसान की इच्छाशक्ति. और अगर हिना महिलाओं की उसी इच्छा शक्ति को और बल देती है, उनमें से कुछ खोने का भाव मिटाती है, सकारात्मकता लाती है तो इससे बेहतर क्या हो सकता है.
आपकी नजरों से भी अगर ये तस्वीर गुजरे और उसपर लोग ठहाके लगाते नजर आएं तो एक बार उन्हें इसकी हकीकत जरूर बयां कीजिएगा. कैंसर से लड़ने वाली उन तमाम महिलाओं के लिए शायद आप इतना तो कर ही सकते हैं.
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