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Updated: 26 सितम्बर, 2022 11:06 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी वनडे मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को रोमांचक जीत दिलाई. दरअसल, जब इंग्लिश टीम जीत से सिर्फ 17 रन दूर थी. उस दौरान 44वां ओवर डालने आईं ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा ने चार्ली डीन को मांकडिंग से रन आउट कर दिया. और, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 3-0 से वनडे सीरीज जीत ली. वैसे, मांकडिंग पर दीप्ति शर्मा ने साफ किया है कि चार्ली डीन को पहले से क्रीज छोड़ने पर कई बार चेतावनी दी गई थी. लेकिन, अंपायर से शिकायत के बावजूद न मानने पर उन्हें आउट करना पड़ा.

लेकिन, इस मैच के आखिरी विकेट पर विवाद से वर्ल्ड क्रिकेट दो हिस्सों में बंट गया. कुछ लोग कह रहे हैं कि दीप्ति ने खेल भावना के विपरीत गलत तरीके से रन आउट किया, तो काफी लोग इसे नियम के मुताबिक सही करार दे रहे हैं. खैर, क्या सही है और क्या गलत, इसकी बहस पर जाने से पहले बताना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर मांकडिंग जमकर ट्रेंड कर रहा है. वहीं, दीप्ति शर्मा ने जिस बैटर को रन आउट किया था. 24 घंटे के अंदर उन्हीं चार्ली डीन ने खुद भी मांकडिंग की कोशिश की है. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. 

वैसे, सोशल मीडिया पर मांकडिंग को लेकर कई दिग्गज क्रिकेटर्स के बीच बहस छिड़ गई है. वहीं, सोशल मीडिया यूजर्स ने मांकडिंग को लेकर तरह-तरह के रिएक्शन शेयर कर इंग्लैंड को उनकी खेलभावना के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ रिएक्शन पर...

मांकडिंग पर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने लिए मजे

- एक सोशल मीडिया यूजर ने इस रन आउट की तुलना अभिनेता आमिर खान की फिल्म लगान के एक दृश्य से करते हुए लिखा है कि बदला पूरा हुआ. 

- एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि जो दीप्ति शर्मा ने किया, वो आईसीसी की के नियम के तहत किया. लोग इस पर रो क्यों रहे हैं? इंग्लैंड ने 2019 में आईसीसी वर्ल्ड कप ऐसे ही जीता था. अंपायर के धर्मसेना ने 5 रन दे दिए थे, जो नहीं दिए जाने थे. अंग्रेजों ने इसे स्वीकार किया था और जश्म मनाया था. पाखंडी कहीं के. 

- एक यूजर ने लिखा कि पूरे मैच का रिप्ले देखा. चार्ली डीन 18वें ओवर की दूसरी गेंद से ही पहले क्रीज छोड़कर आगे बढ़ने लगी थीं. जबकि, बॉल गेंदबाज के हाथ में ही थी. डीन कभी नहीं देख रही थीं कि गेंदबाज ने बॉल फेंकी है या नहीं. साधारण सी बात है कि सतर्कता की कमी थी. 

- वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा है कि दीप्ति शर्मा ने रन आउट कर कुछ गलत नहीं किया. न ही यह खेल भावना के विरुद्ध है. यह क्रिकेट का नियम है कि जब तक गेंद न फेंकी जाए तब तक बल्लेबाज क्रीज में रहे. यह खेल सतर्कता, सावधानी और अनुशासन का ही है. जहां चूके, वहीं हार. इंग्लैंड इसे पचाए और आगे ख्याल रखे. 

- दिल्ली पुलिस भी इंग्लैंड की खिंचाई करने में पीछे नहीं रही. दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि ड्राइविंग के दौरान सतर्कता क्यों जरूरी है? ये जानने के लिए वीडियो देखें. 

सोशल मीडिया पर गुस्से में इंग्लैंड के क्रिकेटर्स

- इंग्लैंड के बल्लेबाज-विकेट कीपर सैम बिलिंग्स ने लिखा कि निश्चित तौर से ऐसा कोई शख्स नहीं है, जिसने क्रिकेट खेला हो और सोचता हो कि यह स्वीकार्य है? यह क्रिकेट नहीं है. हालांकि, उनके इस ट्वीट पर इंग्लैंड के खिलाड़ी एलेक्स हेल्स ने जवाब देते हुए लिखा कि जब तक कि गेंदबाज गेंद को रिलीज नहीं करता, तब तक बल्लेबाजों के लिए क्रीज पर रहना मुश्किल नहीं होना चाहिए. 

- इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने आईसीसी के एक ट्वीट पर कमेंट करते हुए लिखा है कि क्या ये सचमुच रन आउट था? एक खराब तरीके से खेल का अंत हुआ. 

क्या होती है मांकडिंग?

गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़ा बल्लेबाज अगर क्रीज से बाहर निकल जाता है. तो, गेंदबाज के पास मौका होता है कि वो बेल्स गिरा कर बल्लेबाज को आउट कर दे. इसे ही मांकडिंग रनआउट कहते हैं. इस दौरान गेंद नहीं जोड़ी जाती है. लेकिन, बल्लेबाज को आउट करार दिया जाता है. मांकडिंग का नाम भारतीय दिग्गज वीनू मांकड़ (Vinoo Mankad) के नाम पर पड़ा था. 1947 में भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बीच हुई सीरीज में वीनू मांकड़ ने दूसरे टेस्ट में बिल ब्राउन को ऐसे ही रन आउट किया था. और, इसे मांकडिंग का नाम ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दिया था.

आईसीसी ने बदला नियम

आईसीसी ने हाल ही में अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं. और, ये नियम एक अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. पहले मांकडिंग को अनफेयर-प्ले कहा जाता था. लेकिन, बल्लेबाज को आउट दिया जाता था. लेकिन, अब इसे रन आउट ही कहा जाएगा. आईसीसी ने इसे अनुचित खेल के नियम 41 से हटाकर रन आउट के नियम 38 में शामिल किया है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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