जेट एयरवेज की खौफनाक फ्लाइट में बैठे यात्री ने नाक से खून निकलने वाली सच्चाई बता दी..
जेट एयरवेज की मुंबई से जयपुर जा रही फ्लाइट में जो हादसा हुआ उससे उसमें बैठे यात्री अभी तक खौफ में हैं. अपनी जान के लिए चिंता कर रहे यात्रियों में से एक ने अपना एक्सपीरियंस साझा किया.
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जेट एयरवेज की जिस फ्लाइट को 105 मिनट में अपनी यात्रा पूरी कर लेनी थी उस मुंबई से जयपुर की फ्लाइट 9W 697 पैसेंजर्स के लिए एक बुरे सपने की तरह बन गई. ये वो फ्लाइट थी जिसमें कॉकपिट में बैठे पायलट और क्रू ने ब्लीड स्विच ऑन नहीं किया जिसके कारण केबिन में बैठे पैसेंजर्स को एयर प्रेशर की कमी हो गई. इससे कई लोगों के कान और नाक से खून निकलने लगा और यात्रियों को आनन फानन में वापस लाया गया. 48 मिनट में यात्रियों ने जहन्नुम देख लिया. ऑक्सीजन मास्क लगाए यात्रियों का वीडियो भी सामने आ गया. प्लेन में बैठे यात्री दर्शक हठी ने ही ये वीडियो साझा किया और लोगों तक अपनी बात पहुंचाई. दर्शक हठी आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर हैं.
जेट एयरवेज के यात्री इस हालत में बैठे हुए थे
कैसा था दर्शक का अनुभव-
अचानक ऑक्सीजन मास्क नीचे आने लगे, एयर होस्टेस ने अनाउंस किया कि मास्क पहनना ज़रूरी है, विमान में ऑक्सीजन का लेवल कम हो गया है. समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो गया. 20 सितंबर की ये हवाई यात्रा मेरे लिए कभी न भूलने वाली थी. मुंबई से जयपुर जा रहा था, अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के मौके पर, गुरुदेव का कार्यक्रम होना था वहां. जेट एयरवेज़ से पहले भी यात्रा करते रहा हूं पर आज सीट के आजू बाजू बैठे लोगों के चेहरे पर मरने का डर और आंखों में जिंदा रहने की ललक देखी तो सिर से पैर तक सिहर गया.
विमान में हवा का दवाब 45 मिनट तक कम ही बना रहा, घुटन के साथ-साथ, सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी. कभी टाइटैनिक फिल्म देखी थी आज टाइटैनिक का सीन एक दम से सामने घटित होते हुए महसूस हुआ. सीट के उपर की बटन दबाई एयरहोस्टेस को बुलाने के लिए, वो नहीं आई, बार-बार आवाज़ दी तब भी नहीं आई. न पीने के लिए पानी था न ही प्राथमिक चिकित्सा के इंतज़ाम. पायलट ने भी किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की, ना ही स्थिति का ब्यौरा दिया और ना कोई आश्वासन- जिससे यात्रियों को पता चलता कि आखिर माज़रा क्या है?
कई यात्री अपनी सीट से खड़े हो गए और ऐसा लग रहा था कि वो एक बड़ी पीड़ा से गुजर रहे हैं. विमान बैठे बच्चों को बदहाल देख दिल बैठा जा रहा था. यात्री सहायता के लिए केबिन क्रू को बुलाने की कोशिश कर रहे थे और एकदम नज़र पड़ी एक यात्री पर, उसके कान-नाक से खून निकल रहा था. दूसरे को देखा तो उस पर भी खून का लाल रंग असर कर रहा, इस तरह करीब 30 लोगों को खून से सना देखा. मैं तब तक ऑक्सीजन मास्क लगा चुका था. ये सब देखकर मैंने कुछ क्षण के लिए असहाय मह्सूस किया, वो क्षण थे जब लगा कि जीवन कितना अप्रत्याशित है. पर मैं कर भी क्या सकता था उस समय. वीडियो ज़रूर बनाया. लेकिन दुसरे ही क्षण ये भाव जागृत हुआ कि जो भी है बस अब इस भयानक समय को दूसरों के लिए जी लिया जाए और शायद ये वो समय था जो मैंने अपने आर्ट ऑफ़ लिविंग से सीखा था कि अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को डरावनी स्थिति में सही प्रकार से इस्तेमाल करना चाहिए. हमारे जीवन में योग और क्रिया कितनी महत्वपूर्ण है, ये एहसास तो मुझे 25 साल पहले हो गया था, लेकिन मौत को करीब से देखना और विषम स्थति में भी मानसिक संतुलन को सयंत बनाए रखना, ये शायद मैंने इस घटना के दौरान अनुभव किया.
सच तो ये है कि काफी दर्शकों को लगेगा कि छोटा सा हादसा है लेकिन उस क्षण ना मैं जानता था और ना वो 165 यात्री और 5 केबिन क्रू मेंबर कि अगला क्षण आखिर क्या दिखाएगा! ये शायद मेरी साधनाओं का असर था कि ऐसी असहाय स्थिति में भी मैं अपने आपको प्रबल और मजबूत मह्सूस कर रहा था. योग और सुदर्शन क्रिया ने मेरे अंदर के भय को मेरे मन और दिमाग पर हावी न होने दिया, गुरुदेव की सिखाई बातों ने मेरे मन और भावनाओं को मैंने स्थिर किया. इतनी कठिन परिस्थिति में भी मैं शांत और सचेत था, आने वाली कठिन परिस्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार.
योग क्रिया से मैंने अपने शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में सीमित किया. उस अनुभव के बाद मुझे इस बात की पुष्टि हुई कि योग, साधना, ध्यान, संयम किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए कितना महत्वपूर्ण है. मैं लंबी किन्तु शांत चित्त सांसे ले रहा था. फ्लाइट जब लैंड हुई, आभास हुआ कि मैं और मेरे साथ सभी जीवित हैं. इस बात ने बहुत सुकून दिया. हालांकि, कुछ लोगों को अस्पताल ले जाने की ज़रूरत पड़ी. बाद में हवाइजहाज के अंदर जो हुआ उसकी तकनीकी फॉल्ट की खबरें सामने आई वो सब आपके सामने है. विचार आए- परमात्मा पर मेरा विश्वास बड़ा गहरा है, हर सांस पर परमात्मा का पहरा है.
Panic situation due to technical fault in @jetairways 9W 0697 going from Mumbai to Jaipur. Flt return back to Mumbai after 45 mts. All passengers are safe including me. pic.twitter.com/lnOaFbcaps
— Darshak Hathi (@DarshakHathi) September 20, 2018
ये था दर्शक हठी का एक्सपीरियंस. दर्शक ने ही वीडियो शेयर किया था और अपने अनुभव को सभी के साथ साझा किया. जरा सोचिए कि क्या बीता होगा उन 166 यात्रियों पर जो अपनी मौत के बारे में सोच रहे होंगे.
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