Kanpur guthka man: जभऊ गुटखा खाते पकड़ाओ, तो बहाना रेडीमेड है- सुपारी खा रहे थे!
कानपुर के माहेश्वरी मोहाल में रहने वाले शोभित पांडेय नाम के ये महानुभाव भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच के दौरान टीवी स्क्रीन पर कथित रूप से गुटखा चबाते नजर आए थे. दूसरे दिन भी मैच देखने पहुंचे शोभित पांडेय ने अपने वायरल हो रहे वीडियो पर सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है. वो गुटखा नहीं सुपारी खा रहे थे.
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कानपुर टेस्ट मैच के पहले ही दिन सोशल मीडिया पर 'गुटखा मैन ऑफ द मैच' निर्विवाद रूप से शोभित पांडेय को घोषित कर दिया गया. कानपुर के माहेश्वरी मोहाल के रहने वाले शोभित टेस्ट मैच के दौरान टीवी स्क्रीन पर कथित रूप से गुटखा चबाते नजर आए थे. गुटखा खाने को कथित रूप से लिखने की वजह भी ये भाईसाहब ही बने हैं. दरअसल, कानपुर टेस्ट दूसरे दिन मैच देखने पहुंचे शोभित पांडेय ने अपने वायरल हो रहे वीडियो पर सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है. वो गुटखा नहीं सुपारी खा रहे थे. जैसे बच्चे कोई गलती करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके बहाने जितने सरल और मन को छूने वाले होते हैं. कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में गुटखा चबाने वाले शोभित पांडेय का भी बहाना उतना ही मासूम नजर आता है.
मतलब पता चला कि गुरू...टीवी पर आ गए हैं और जनता ने सब देख लिया है. तो, पापा की मार की डर से सारी बकैती दो मिनट में फुस्स हुई गई. कहने का अर्थ है कि अरे यार...जित्ती रंगबाजी से VIP पैवेलियन का 5000 रुपइया का टिकट लेने के बाद वहां बैठकर गुटखा खा रहे थे. टीवी पर वायरल होने के बाद काहे डर रहे हो. डर भी इस दर्जे का का दूसरे दिन ग्रीन पार्क स्टेडियम केवल ये बताने पहुंच गए कि गुटखा खाना गलत बात है. ये कोई स्पेशल बात तो थी नहीं, जो ऐसी चीज बताने स्टेडियम पहुंच गए. गुटखे के पाउच के साथ मिलने वाली पुड़िया पर फोटो के साथ बोल्ड अक्षरों में ये लिखा ही रहता है.
उनके इस बयान के बाद गुटखा खाने वाले लोगों की बीच सुपारी बहस का मुद्दा बन गई है. तमाम तरह के तर्कों के साथ गुटखा एक्सपर्ट्स इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि यार...सुपारी खाने वाला कोई आदमी इस तरह का मुंह बनाता ही नहीं है. अखिल भारतीय गुटखा प्रेमी संघ के अध्यक्ष पिंकू तिवारी ने इस बारे अपनी राय रखते हुए कहा है कि गुटखा खाने के बाद मुंह में जो पीक भरी रहती है, उसे निगलने पर आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है. लेकिन, इस मामले में को देखकर यही लगता है कि शोभितवा जो है, वो गुटखा खाना हाल-फिलहाल में ही सीखा होगा. वरना हमारे जैसे पेशेवर लोग तो ऐसे मामलों में एक बार में गटक जाते हैं. कैमरे देखने के बाद भी गुटखे की पीक न निगल पाना यही साबित करता है कि गुटखा खाने में वो नया खिलाड़ी ही होगा. लेकिन, इस बात की संभावना नहीं है कि वो सुपारी खा रहा था. खा तो वो 100 फीसदी गुटखा ही रहा था. क्योंकि, सुपारी खाने वाला शख्स साथ ही साथ पीक निगलता जाता है. लेकिन, मुंह में इतना सारा पीक भरना केवल सुपारी के सहारे नहीं किया जा सकता है.
Kanpur hoo ya gujrat..Gutka lovers shear same Energy pic.twitter.com/qxGunPWWMF
— Jr.Dixit ࿗ ?? || Your Rihansh (@jrdx_24) November 25, 2021
वहीं, सबजन गुटखाखोर संघ के अध्यक्ष दिनेश लखेतर का कहना है कि सबसे पहले तो ग्रीन पार्क स्टेडियम के VIP पैवेलियन में थूकने की व्यवस्था करवाई जानी चाहिए. अगला आदमी इतना पैसा खर्च कर टिकट ले रहा है, उस पर तमाम सिक्योरिटी को धता बताते हुए गुटखा अंदर तक लिए जा रहा है, तो बीसीसीआई को भी गुटखाप्रेमियों के बारे में सोचना चाहिए. और, रही बात शोभित पांडेय के सुपारी खाने की, तो वो सौ फीसदी झूठ बोल रहा है. मुंह में गुटखा और उसके रस को भरे हुए वायरल होने के बाद घर में पिताजी सौ परसेंट कूटेंगे. इसी डर से लड़का जो है, दूसरे दिन अपनी छवि सुधारने वहां सुपारी खाने की बात कहने गया है. वरना कानपुर पुलिस ढूंढ रही हो और आदमी पकड़े जाने वाली जगह पहुंच जाएगा. ऐसा हो ही नहीं सकता है. पिताजी के चप्पल के प्रभाव में ही कोई शख्स दोबारा शेर के मांद में जाने की हिम्मत कर सकता है. क्योंकि, पुलिस की दो लठियां पड़ने के बाद आदमी उछला-उछला घूमता है.
शोभित का कहना है कि मैं गुटखा खाता हूं. लेकिन, उस दिन नहीं खा रहा था.
कनपुरिया गुटखा प्रेमी संघ के अध्यक्ष सुमित ने इस बारे में एक्सपर्ट राय देने से पहले मुंह में भरा गुटखा थूकते हुए कहा कि देखो गुरू...बहुत ज्ञान की बात बताने जा रहे हैं, तभी गुटखा थूका है. वरना इत्ती देर से मुंह में भरे बैठे थे, चूं तक नहीं किया है. तो, ध्यान से सुनो. शोभितवा जो पुड़िया खा रहा होगा, उसमें तंबाकू की मात्रा ज्यादा रहा होगी. क्योंकि, ज्यादा तंबाकू मिले हुए गुटखे को शुरुआती दौर में ही निगलने पर हिचकी आने लगती है. जब तक मुंह पूरा गुब्बारे ऐसा न फूल जाए, तब तक अगर गुटखा को जरा सा भी गटकने का प्रयास किया, तो हिचकियां शुरू हो जाएंगी. तो अगले आदमी ने सोचा होगा कि मुंह का मामला ताजा है, तो रिस्क नहीं लिया जा सकता है. इसी चक्कर में उसने पीक को गटका नहीं होगा. वरना हिचकियां चालू हो जातीं. पुलिस वैसे ही खाने-पीने का सामान अंदर नहीं लिए जाने दे रही है. और, स्टेडियम में पानी की बोतल 200 रुपया की बिक रही है, तो शोभितवा मुंह में पीक भरे-भरे ही टीवी स्क्रीन पर वेव करने लगा होगा.
कानपुर के लोग गुटका तभी थूकते है. जब बात की कीमत गुटके से जादा हो। Video via #Whatsup #Kanpur #KanpurTest #gutka pic.twitter.com/iYzSrasSyx
— Arun Sharma (@ARUNSHARMAJI) November 25, 2021
एक अन्य कनपुरिया गुटखा प्रेमी अजीत का कहना है कि लोग सुपारी-गुटखा को लेकर दुनियाभर की बातें कर रहे हैं. लेकिन, कोई ये बात कर ही नहीं रहा है कि हमारा शोभितवा जो है, वो स्वच्छ भारत अभियान को कित्ते अच्छे तरीके से प्रचारित कर रहा है. अगला बंदा चाहता तो इधर-उधर कहीं भी पीक मार के जमीन लाल कर देता. लेकिन, उसने स्वच्छ भारत अभियान में पलीता लगाने से अच्छा कैमरे पर मुंह में गुटखा भरे आना चुना. देशहित में इतना बड़ा बलिदान आखिर कौन देता है. और, अगर वो सुपारी खा रहा था, तो ये कोई अपराध थोड़े ही है. गुटखा का विज्ञापन तो अमिताभ बच्चन से लेकर ऋतिक रोशन तक कर रहे हैं. उन्हें कोई क्यों नहीं रोकता है. ये कानपुर को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश है. कानपुर के बारे में बात करने के लिए उसके स्वर्णिम क्रांतिकारी इतिहास से लेकर इस शहर की उद्यमशीलता तक को लेकर सुर्खियां बनाई जा सकती हैं. लेकिन, साजिश के तहत कानपुर की पहचान के साथ गुटखा को फेवीकॉल के ऐसे मजबूत जोड़ से चिपका दिया गया है कि क्या ही कहा जाए?
इस वीडियो के वायरल होने के बाद दूसरे दिन ग्रीन पार्क मैच देखने पहुंचे शोभित पांडेय ने कुछ मीडिया चैनलों से बातचीत की है. उनका कहना है कि मैं गुटखा खाता हूं. लेकिन, उस दिन नहीं खा रहा था. गुटखा खाने वाले को उलझन मचती है. इसी चक्कर में बहन के पर्स में पड़ी मीठी सुपारी खा ली थी. उनका कहना है कि मजाक करना ठीक है. लेकिन, अब थोड़ा ज्यादा हो रहा है. वैसे, शोभित पांडेय का गुस्सा करना जायज है. लोग फालतू में ही जज कर रहे हैं. भाई ज्यादा समस्या है, तो पुलिस से मामले की जांच करा लो. तुरंत सुपारी की सुपारी और गुटखा का गुटखा हो जाएगा.
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