केरल में घर लौट रहे लोगों का ज़हरीला स्वागत!
केरल में बाढ़ आपदा का असर कम हो रहा है तो घरों में छुपकर बैठे जहरीले जानवर मुसीबत बन गए हैं.
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बाढ़ जैसी मुसीबत में इंसान और सांप दोनों पेड़ पर चले जाते हैं. इस कहावत का मतलब ये है कि मुसीबत के समय दुश्मन भी एक दूसरे का साथ निभाते हैं, लेकिन केरल में दोनों आमने सामने हो गए. केरल में एक तरफ तो राहत कार्य जोरों से चल रहा है और दूसरी तरफ केरल की आबादी के सामने अपने घरों में लौटने की समस्या है. घरों से पानी तो उतर गया है, लेकिन उन्हें रहने लायक बनाने में कड़ी मशक्कत करनी होगी.
केरल के लोगों के घर वापस जाने में दो सबसे बड़े खतरे हैं. पहला बीमारी का जो घर में गंदे पानी की वजह से फैल सकती हैं. घरों में इन्फेक्शन भी फैल सकता है और उन्हें दोबारा रहने लायक बनाने के लिए पहले सफाई करनी होगी और फिर घरों में दवाइयों का छिड़काव करना होगा. सफाई अभियान आसानी से पूरा हो जाए, लेकिन इसमें सबसे बड़ा अडंगा लगा रही एक और समस्या है वो है सांप. बाढ़ के बाद जहां बीमारियों का और तंगी का खतरा है वहीं केरल के घरों में सांप और अन्य खतरनाक जानवरों ने अपना घर बना लिया है.
केरल के घरों में बाढ़ का पानी कम होते ही सांप और मगरमच्छ जैसी मुसीबत आ गई है
गंदे पानी के साथ लोगों के घरों में सांप और यहां तक कि मगरमच्छ तक घुस आए हैं. केरल में बाढ़ का पानी कम होने के तीन दिन के अंदर ही अंगमालय लिटिल फ्लॉवर हॉस्पिटल में 53 लोग सांप कांटने की शिकायत लेकर आए. इस अस्पताल के डॉक्टर के जोसफ का कहना है कि इनमें से 70% मामले घातक नहीं हैं, सिर्फ तीस प्रतिशत ही ऐसे हैं जिनके शरीर में अधिक मात्रा में जहर गया है. आम तौर पर साल में लगभग 300 ऐसे किस्से आते हैं, लेकिन इस बार सिर्फ तीन दिन के अंदर ही 53 से ज्यादा केस आ चुके हैं.
इनमें से अधिकतर लोगों को सांप ने घर की सफाई करते समय काटा. केरल वालों ने ट्विटर पर इसे लेकर कई ट्वीट किए हैं.
After the flood.. shocking pictures emerging from #Kerala. As the water receding in some areas the real pictures of ruined houses emerges. Snakes on the doors and mudfilled furnitures.. Dear world, we still have hope on you. #HelpKerala #KeralaFloods pic.twitter.com/msL2v1s4kF
— M.Unnikrishnan (@unnis_m) August 20, 2018
केरल में लोगों के घरों में कोबरा से लेकर ईचिस तक भारत में पाई जाने वाली कई नागों की प्रजातियां आई हुई हैं.
When floods saying good byes they gifted Kerala with lots of plastic bags, bottles, snakes and even crocodiles. Whatever you give them, they are giving you back. #KeralaFloods #SaveNature pic.twitter.com/f6BGMOghTQ
— Vineeth John Abraham (@vjabrah) August 20, 2018
सिर्फ सांप ही नहीं घरों में तो मगरमच्छ भी घुसे हुए हैं. केरल के लोगों को काफी देखकर घरों के अंदर जाना पड़ रहा है.
Happy that now that human rescue is under control our @wti_org_india & @action4ifaw team is in action to save animals. This a monitor lizard rescued. Many snakes also rescued. Livestock and domestic companion animals also being treated #keralaflood #KeralaFloodsRelief pic.twitter.com/eGcPWuxSdF
— Vivek Menon (@vivek4wild) August 22, 2018
इसके अलावा मॉनिटर लिजर्ड या ड्रैगन छिपकली भी लोगों के घरों में छुपकर बैठी मिली हैं जिन्हें घरों से निकालने का काम जारी है.
Snakes. The next challenge after flood waters recede in Kerala. #KeralaFloods pic.twitter.com/DMRBLq06Vh
— Anirban Roy (@anirbanroy) August 20, 2018
इस तरह लोग खुद ही सांपों को घरों से बाहर निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन ये बेहद खतरनाक है.
https://t.co/v69b22MdSY Since the waters began to recede in the past two days, Mustafa, a snake catcher in Malappuram, has caught over 100 snakes from homes. #KeralaFloods #Kerala #Floods pic.twitter.com/pXgdrC3xvY
— Hitesh Mathur (@hitmathur) August 21, 2018
कुछ ऐसे हैं केरल के हालात..
कोझिकोड के मेप्पायुर में कार की बोनट के अंदर 10 फुट लंबा अजगर बैठा हुआ था. इसका पता तब चला जब कार के मालिक ने कार स्टार्ट करने की कोशिश की और कार ऐसे घर में पार्क थी जहां बाढ़ का पानी आया ही नहीं. अलुवा में एक घर के अंदर 35 सांप मिले. उस घर में रहने वाला परिवार 5 दिनों से रिफ्यूजी कैंप में था.
केरल वासियों के लिए समस्या और भी ज्यादा इसलिए है क्योंकि मॉनसून के समय सांप अंडे देते हैं और कोबरा के बच्चे तक इतने जहरीले होते हैं कि वो किसी इंसान की जान लेने के लिए काफी हैं. इस कारण समस्या और बढ़ गई है क्योंकि केरल में लोगों के घरों में सांप के अंडे भी मिल सकते हैं.
चूंकि केरल में नमी वाला मौसम रहता है इसलिए वहां सापों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. वैसे तो भारत में सापों की करीब 300 से ऊपर प्रजातियां हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ दर्जन भर ही ऐसी हैं जिनमें बहुत सारा जहर होता है और उनमें से चार ही हैं जो ज्यादातर मौतों के लिए जिम्मेदार होती हैं.
1. कोबरा (Cobra) – काला सांप होता है. इसके फन से इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है.
2. रसेल वाइपर (Russel’s viper) – देसी भाषा में इसे दीगड़ भी कहते हैं. भूरे रंग का सांप होता है और उस पर काले रंग के गोल धब्बे होते हैं. इसके फुंफकारने की आवाज काफी तेज होती है, जिसे दस से बीस फीट दूर से सुना जा सकता है.
3. करैत (Krait) - यह सांप पतला और काले रंग का होता है. काले रंग के साथ-साथ इसकी चमड़ी पर सफेद रंग की धारी भी होती है.
4. ईचिस (Echis)- ये भूरे रंग का सांप होता है जिसके शरीर में कई सारी धारियां होती हैं. इसके पास से रसेल वाइपर की तरह आवाज़ आती है.
भारत ऐसा देश है जहां सांप काटने से होने वाली मौतों की संख्या दुनिया भर से ज्यादा है. 2011 में एक रिपोर्ट आई थी जो बताती है कि भारत में 50 हज़ार से ज्यादा मौतें हर साल सांप काटने से होती हैं.
अगर किसी के घर में सांप घुस गया हो और उसे सांप पकड़ने वाले की जरूरत है तो वो इन नंबरों पर कॉल कर सकता है.
For people who are looking for Animal Rescue & getting rid of snakes in Kerala Floods.This is the compiled list for across the state.Please share & RT#KeralaFloodRescue #KeralaFloodRelief @IndiaHSI @sreoo_em @TVidhya @de_extremist @brumbyOz @Ruptly @thebetterindia @swamv39 pic.twitter.com/YbrE8OrzJM
— Abdul Mohammed (@ImAbdy) August 19, 2018
सांप के काटने से कैसे बचें ?
अगर सांप दिख रहा है तो लकड़ी की मदद से आवाज़ कर उसे दूर भगाने की कोशिश करें. तेज़ आवाज़ करें. सांप अंधे और बहरे होते हैं, लेकिन वो कंपन समझ सकते हैं. जूतों में, किसी छोटी दराज में या कोनों में एकदम से न हाथ डालें और न ही जाएं. पहले पूरी पड़ताल कर लें.
क्या करें अगर सांप काट ले तो?
अगर सांप ने काट लिया है तो ज्यादा हिलें-डुलें नहीं. चिंता न करें, अपने दिल को धड़कने दें. तेज़ दौड़ने, भागने, चलने या चिल्लाने से खून का बहाव शरीर में तेज़ी से होगा और इससे जहर तेज़ी से फैलेगा. जिस जगह सांप ने काटा है उसे कपड़े से बांध लें ताकि जहर फैले न. अगर हाथ या पैर में काटा है तो कोई भी जेवर उतार दें क्योंकि सूजन आने पर उन्हें काटकर उतारना पड़ेगा. डॉक्टरी सलाह लें किसी देसी इलाज से बचें.
केरल में इस समय जिस तरह के हालात बने हुए हैं उन्हें देखकर लगता है कि जिंदगी पटरी पर आने में अभी काफी समय लगेगा. फिलहाल बस इतना कहा जा सकता है कि केरल वालों को घरों की सफाई से लेकर वहां वापस जाकर रहने तक के लिए थोड़ी मशक्कत करनी होगी.
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