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Updated: 08 सितम्बर, 2015 02:17 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक गांव का लड़का एक ऊंची जाति की लड़की के साथ भाग गया, तो खाप पंचायत ने लड़के की दो छोटी बहनों के बलात्कार का फरमान सुना दिया. हांलाकि सुप्रीम कोर्ट ने इन खाप पंचायतों को अवैध घोषित किया हुआ है, पर ये लोग अब भी अपने-अपने इलाकों में सक्रीय रूप से राज कर रहे हैं. इन खाप पंचायतों के खिलाफ आवाज उठाई गई है, पर एक बिलकुल नए अंदाज के साथ. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर 'खाप पंचायत' नाम से एक अकाउंट बनाया गया है जिसमें खाप पंचायत के ऑफिशियल फैसलों की जमकर आलोचना की जाती है और व्‍यंग्‍य किया जाता है.

क्या कहती है @Khap Panchayat-

रक्षाबंधन पर खाप पंचायत का कहना था कि बहनों की रक्षा करो (कन्या भ्रूण की नहीं)

बच्चों को यौन शिक्षा दिए जाने पर पर खाप पंचायत अपनी सहमति जाहिर करती है, इसीलिए तो लड़कियों की शादी बचपन में ही करा देते हैं. 

कन्या भ्रूण हत्या पर इनका कहना है कि एक लड़की अकेले दस लड़कों के बराबर होती है, और आज के समय दस बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाना कितना मुश्किल है, इसलिए हम उन्हें मार देते हैं.

चीन में कुत्तों पर हुई यातनाओं के खिलाफ हैं ये खाप पंचायत पर हिंदुस्तान में महिलाओं, गाय और बकरियों पर होने वाले जुल्‍म में सहयोग करते हैं.

महिलाओं के पहनावे पर खाप पंचायत के विचार हैं कि शादीशुदा औरतों को हमेशा साड़ी और पल्लू रखना चाहिए क्योंकि वो उत्तेजक नहीं होती.

इनकी नजर में महिलाएं भी दहेज में लाए सामान की तरह हैं-

नोबल पुरस्कार पर खाप पंचायत का दर्द कुछ ऐसे निकला

ट्विटर पर इस खाप पंचायत को चलाने वाले शख्स हैं हरयाणा के तुषार शर्मा जो एक आईटी प्रोफेश्नल हैं और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करते हैं, हांलाकि लोग जो नहीं जानते कि ये खाप पंचायत का पैरोडी एकाउंट है वो उन्हें काफी भला बुरा सुना भी डालते हैं.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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