लखनऊ में कैब ड्राइवर को सरेआम मारती लड़की को क्या कहेंगे, सनकीपन या फिमिनिज्म ओवरलोडेड?
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें प्रियदर्शिनी यादव नाम की लड़की सरेराह पुलिस और पब्लिक की उपस्थिति में एक कैब वाले को मारते हुए दिखाई दे रही है. घटना ने लखनऊ को तो ट्विटर पर ट्रेंड कराया ही है, लॉ एंड आर्डर और पुलिसिंग के मद्देनजर एकसाथ कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं.
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तारीख - 30 जुलाई
दिन - शुक्रवार
स्थान - लखनऊ का अवध चौराहा
समय - जिस हिसाब से सड़क पर ट्राफिक है 8 से 9 के बीच का समय
उधर Tokyo Olympic 2021 में लड़कियों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत वेट लिफ्टिंग, बैडमिंटन के मेडल भारत आ चुके हैं. माना जा रहा है कि इसके अलावा भी कुछ एक मेडल हिंदुस्तान की झोली में आएंगे. सारे देश को अपनी बेटियों पर गर्व है. गर्व होना भी चाहिए टोक्यो पहुंची देश की बेटियां यूं ही इस मुकाम पर नहीं पहुंची हैं. उन्होंने पेट्रिआर्कि को तमाचा जड़ा है. रूढ़ियों को घूंसे जड़े है. नकारात्मक सोच को लातें जड़ी हैं. चाहे मणिपुर की मीरा बाई चानू हों या फिर मेरी कौम और असम की लवलीना इन्होंने परिस्थितियों से लंबी लड़ाई लड़ी है और उस मुकाम पर हैं लोग उनकी शान में कसीदे पड़े जा रहे हैं. टोक्यो के इतर एक लड़ाई उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी लड़ी गई है. लखनऊ स्थित कृष्णानगर के अवध चौराहे पर भी खूब थप्पड़ चलें हैं. उचक-उचक के चले हैं. लपक लपक कर चले मगर लखनऊ में लड़ाई करने वाली महिला की कोई तारीफ नहीं कर रहा. लोग उसे लड़की के नाम पर काला धब्बा बता रहे हैं. कह रहे हैं लखनऊ की लड़की ने लड़की होने का नाजायज फायदा उठाया है.
लखनऊ के कृष्णानगर में लड़की ने जो कैब ड्राइवर के साथ किया वो तमाम चीजों पर सवाल खड़े करता है
ओलंपिक की लड़कियों की तरह लखनऊ की लड़कियों की तारीफ नहीं की जा रही बल्कि उसकी आलोचना में लंबे लंबे पोस्ट लिखे जा रहे हैं. 'लड़का बचाओ दल' लड़की के विरोध में सामने है और उसकी मुहीम रंग लाई है. लड़की के खिलाफ मामले पर तमाम तरह की आलोचनाओं का सामना कर रही लखनऊ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
#UttarPradesh | FIR Registered by UP Police u/s 394, 427 at Krishna Nagar Police Station, Lucknow against a girl seen assaulting a cab driver and another man in a viral video. #ArrestLucknowGirl pic.twitter.com/NQoPli5VIh
— Asianet Newsable (@AsianetNewsEN) August 2, 2021
क्यों वीडियो बना है चर्चा का विषय
चूंकि लखनऊ मामले का वीडियो पूरे इंटरनेट पर जंगल की आग की तरह फैला है और इसके कारण अदब और तमीज का शहर बदनाम हुआ है तो कुछ और बात करने से पहले इस वीडियो पर बात हो जाए. वीडियो में एक लड़की बीच सड़क पर, पुलिस की उपस्थिति में भरे मजमे के बीच एक कैब वाले की उछल उछल कर पिटाई कर रही है. लड़की बिना रुके कैब वाले को एक के बाद एक चांटे लगा रही है.
शुरुआत में पुलिसवाला बीचबचाव करता है लेकिन जैसे ही उसे लड़की का गुस्सा देखकर इस बात का एहसास होता है कि यहां 'चौधरी' बनने में नुकसान है वो फौरन ही पीछे हट जाता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़की ने पत्थर उठाकर कैब पर मारा जिससे कैब का साइड मिरर टूट गया है. इसी बीच मौके पर बीचबचाव के लिए एक युवक भी आता है लेकिन लड़की अपनी हरकतों से बाज नहीं आती और उस युवक से भी बदसलूकी करती है.
क्या है बवाल की जड़ ? क्यों लड़की हुई इतनी आग बबूला?
जैसा कि हम बता चुके हैं घटना बीते दिनों की है. तो हुआ कुछ यूं था कि लखनऊ के कृष्णानगर स्थित अवध चौराहे पर एक युवती पैदल सड़क क्रॉस कर रही थी. ओला से संबंध रखने वाली एक कैब उसके बिल्कुल पास से गुजरी. युवती का आरोप है कि गाड़ी अपनी निर्धारित गति से तेज थी और गाड़ी की साइड से उसे चोट भी लगी. इस बीच गाड़ी रुक गयी थी और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
अभी ट्रैफिक पुलिस का कॉन्स्टेबल कैब वाले से ज्यादा कुछ पूछ भी नहीं पाया था युवती ने इसकी पिटाई कर दी. युवती ने पुलिस को बताया कि तेज रफ्तार कैब से उसकी जान जाते जाते बची. साथ ही अपने को बचाने और सिम्पैथी गेन करने के लिए युवती ने ये भी कहा कि कैब के अंदर जो लोग थे वो भी उसे परेशान कर रहे थे.
वहीं कैब ड्राइवर ने युवती पर अपना फोन और गाड़ी तोड़ने का आरोप युवती पर लगाया है. लड़की ने कैब वाले पर बदसलूकी के अलावा बहस करने/ जुबान लड़ाने का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में कायदे से जिसकी आलोचना होनी चाहिए वो और कोई नहीं लखनऊ पुलिस है. जैसा कि हम वीडियो में देख चुके हैं. वीडियो की शुरुआत में पुलिस वाला बीच बचाव करने आता है मगर लड़की का गुस्सा देखकर फौरन ही पीछे हट जाता है.
.@lkopolice CCTV फुटेज से साफ है कि लड़की की गलती है. उसने ओला ड्राइवर को बिना वजह मारा था. कृपया इस लड़की को जल्द से जल्द गिरफ्तार कीजिए. मौके पर मूकदर्शक बने पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. @Uppolice https://t.co/NR0wYnvzcH
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) August 2, 2021
वीडियो के बाद के हिस्से में यूपी पुलिस के एक होम गार्ड को तसल्ली बक्श तरीके से मजा लेते हुए देखा जा सकता है. पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली पूरे सिस्टम पर तमाम तरह के सवाल तो खड़े करती है साथ ही ये भी बताती है कि यूपी जैसे सूबे और उसकी राजधानी लखनऊ दोनों जगह लॉ एंड आर्डर राम भरोसे है.
किरकिरी के बाद पुलिस ने लड़की के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
मामले के मद्देनजर पुलिस का रवैया संदेह के घेरे में था इसलिए उसकी खूब जमकर आलोचना हुई. अब जबकि किरकिरी हो गयी है पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए लड़की पर मुकदमा दर्ज किया है. एक सीसीटीवी फुटेज को आधार बनाते हुए पुलिस ने प्रियदर्शिनी यादव नाम की सरेराह कैब ड्राइवर की पिटाई करने वाली लड़की पर लूट और तोड़फोड़ करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
सामने ये भी आया है कि पुलिस ने घटना को बहुत हल्के में लिया है. घटना तीन दिन से सुर्खियों में है इसलिए उसूलन तो पुलिस को प्रक्रिया का पालन करते हुए सबसे पहले मेडिकल कराना चाहिए था. लेकिन इस मामले में मेडिकल तो दूर की कौड़ी है पुलिस ने युवती पर जो धाराएं लगाई हैं उन तक में गड़बड़ है.ड्राइवर के साथ जो हुआ वो 'सिस्टम' को शर्मसार करता है.
थाना कृष्णानगर क्षेत्रान्तर्गत अवध चौराहे पर युवती द्वारा की गयी मारपीट के मामले में सोशल मीडिया पर वायरल हुये विडियो के सम्बन्ध में एडीसीपी मध्य द्वारा दी गयी बाईट। @Uppolice @CMOfficeUP @dgpup pic.twitter.com/dbk6kMnl88
— POLICE COMMISSIONERATE LUCKNOW (@lkopolice) August 2, 2021
जैसा कि हम स्पष्ट कर चुके हैं अपने को बचाने के लिए मारपीट करने वाली युवती प्रियदर्शिनी ने ड्राइवर के लिए ओवर स्पीडिंग की बात कही थी जिसपर पुलिस ने ड्राइवर का 151 में चालान किया वहीं बाद में उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. जब मेडिकल को लेकर बात हुई तो पुलिस ने भी बड़ी बेशर्मी के साथ कह दिया कि मामले में उसे मेडिकल की जरूरत ही नहीं महसूस हुई.
वहीं जब मामला डीसीपी सेंट्रल के पास पहुंचा तो उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया कि ऐसी स्थिति में मेडिकल कराया जाना चाहिए था. अब फिर सवाल खड़ा होता है कि जब मेडिकल का प्रावधान था तो फिर वो हुआ क्यों नहीं? साफ है कि इस घटना ने लखनऊ पुलिस, सिस्टम और लॉ एंड आर्डर को शर्मसार किया है.
क्या कह रहे हैं लोग
मामला था ही ऐसा कि इसके लिए लोगों का सामने आना लाजमी था. इस मामले में दिलचस्प ये है कि लोग लड़की के साथ न होकर कैब ड्राइवर के पक्ष में हैं. सौरभ वर्मा नाम के एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया है कि, वह लैंगिक लाभ उठा रही है. आप सोचिए अगर किसी ने गलती से गाड़ी टच कर दिया तो क्या आपको अधिकार मिल जाता है की आप उससे थप्पड़ मार सकते हैं, सबके सामने बदनाम कर सकते हैं? घोर निंदनीय कृत्य.
वह लैंगिक लाभ उठा रही है। आप सोचिए अगर किसी ने गलती से गाड़ी टच कर दिया तो क्या आपको अधिकार मिल जाता है की आप उससे थप्पड़ मार सकते हैं, सबके सामने बदनाम कर सकते हैं? घोर निंदनीय कृत्य?
— Saurabh verma (@Sauraberma) July 31, 2021
तनुज सिंह नाम के यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है कि, लड़की को किसने हक़ दिया किसी पर हाथ उठाने का? कोई बताओ IPC में कोई धारा हो जिसके तहत कोई भी खुद सज़ा दे सकता है? इस मामले की जांच होनी चाहिए और सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए इस लड़की पर भी और अगर लड़के ने कुछ गलत किया हैं तो उस पर भी.
लड़की को किसने हक़ दिया किसी पर हाथ उठाने का???कोई बताओं IPC में कोई धारा हों जिसके तहत कोई भी खुद सज़ा दे सकता हैं??इस मामले की जांच होनी चाहिए और सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए इस लड़की पर भी और अगर लड़के ने कुछ गलत किया हैं तो उस पर भी।@AdminLKO@lucknowtraffic@Uppolice
— Tanuj Singh (@TanujSinghDU) July 31, 2021
संतोष तिवारी नाम के यूजर भी इस मामले के सामने आने के बाद बहुत आहत हैं. उन्होंने लिखा है कि युवती का ये बहुत गलत व्यवहार है, लड़का दोषी हो या नहीं लेकिन युवती को ये अधिकार कतई नहीं है. अगर युवक गलत है तो भी ये क्यों जज बन रही हैं. पुलिस से शिकायत करें पुलिस एक्शन लेगी.
युवती का ये बहुत गलत व्यवहार है, लड़का दोषी हो या नहीं लेकिन युवती को ये अधिकार कतई नहीं है अगर युवक गलत है तो भी ये क्यों जज बन रही हैं पुलिस से शिकायत करें पुलिस एक्शन लेगी।
— Santosh Tiwari (@SantoshTiwari_) July 31, 2021
कैब वाला कुछ करता तो चूड़ियां फोड़ देते फेमिनिस्ट
लखनऊ में हुए इस मामले में वाक़ई कैब वाले की शराफत ही थी कि अपने साथ इतना कुछ होने के बावजूद कैब ड्राइवर ने मारपीट करती युवती पर हाथ नहीं उठाया. हो सकता है लोग ये कह दें कि कैब वाला जानता था कि यदि उसने कोई एक्शन लिया तो उसकी पिटाई दोगुनी, तीनगुनी, चार गुनी होगी.
बात बिल्कुल सही है. महिलाओं और लड़कियों को लेकर माहौल ही कुछ ऐसा है. लेकिन फिर भी अगर कैब वाला हिम्मत कर लेता और हिंसा पर उतरी महिला पर पलटवार कर देता तो सोचिए क्या स्थिति होती? यकीनन फेमिनिस्ट लॉबी अपनी अपनी चूड़ियां फोड़ लेती और इसे महिला अधिकारों का हनन बताती.
सवाल ये है कि किन अधिकारों की बात हो रही है जो अधिकार के नाम पर एक महिला को सरेराह गुंडई करने के लिए बाध्य करते हैं? या फिर वो जिसमें एक महिला द्वारा नियम और कानूनों को ताक पर रख दिया जाता है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जो कुछ भी हुआ है उसपर अवलोकन जनता करे और साथ ही ये भी जरूर बताए कि घटना में असली दोषी कौन है और उसे क्या और कितनी सजा मिलनी चाहिए. घटना शर्मसार करने वाली है और इसकी और इसके जैसी घटनाओं की निंदा होनी ही चाहिए.
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