Meat Ban in Delhi: नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद करवाने के फैसले पर आपकी क्या राय है?
देश के कुछ इलाकों में मीट बैन (Meat Ban in Delhi) को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. दरअसल, नवरात्रि (Navratri) की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के कुछ हिस्सों में नौ दिनों के लिए मीट बैन किए जाने की खबरें सामने आई हैं. जिसने सोशल मीडिया पर लोगों को दो खेमों में बांट दिया है.
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पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन, इन सबके बीच देश के कुछ इलाकों में मीट बैन को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के कुछ हिस्सों में नौ दिनों के लिए मीट बैन किए जाने की खबरें सामने आई हैं. वहीं, साउथ दिल्ली के मेयर मुकेश सुर्यान ने नवरात्रि के मौके पर मंदिरों के करीब खुले में मीट बेचने वाली दुकानों को 11 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश दिया है. उन्होंने कमिश्नर को लिखे पत्र में कहा है कि 'आम जनता की भावनाओं और भक्ति को ध्यान में रखते हुए संबंधित अधिकारियों को नौ दिन की अवधि के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश जारी किए जा सकते हैं.' मीट बैन को लेकर इस खबर के सामने आने के साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों के बीच दो-फाड़ हो गया है. कुछ लोग इसके समर्थन में उतर आए हैं. तो, कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर ये लड़ाई Veg Vs Non-Veg की बन गई है. आइए डालते हैं ऐसे ही कुछ सोशल मीडिया रिएक्शन पर नजर...
नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के कुछ हिस्सों में नौ दिनों के लिए मीट बैन किए जाने की खबरें सामने आई हैं.
सोशल मीडिया पर वेज बनाम नॉनवेज की ये लड़ाई धीरे से हिंदू बनाम मुस्लिम की ओर भी बढ़ती जा रही है. एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि ये पागल लोग भारतीय व्यवसायों/आजीविका और भारतीय संस्कृति को धीरे-धीरे और तब तक नष्ट करते रहेंगे जब तक हम श्रीलंका की तरह नहीं बन जाते - यह मीट बैन केवल धर्म के बारे में नहीं है, यह उस ताकत के बारे में है और हर एक पर इसे थोपने की छूट है. यह दिल्ली के 70% को अपराधी बनाने के बारे में है.
These maniacs will destroy Indian businesses/livelihoods and Indian culture slowly and surely till we become like Sri Lanka - this meat ban isn’t just about religion it’s all about power and the impunity of imposing it on each of you. It’s about making criminals of 70 % of Delhi
— INJESTERS ?? (@rockyandmayur) April 5, 2022
एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मीट बैन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'मोदी बड़े उद्योगपतियों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और वैचारिक गुर्गों के लिए ईज ऑफ कट्टरता चाहते हैं. इससे होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मांस अशुद्ध नहीं है, यह लहसुन या प्याज की तरह ही सिर्फ भोजन है. अगर लोग मीट खरीदना नहीं चाहते हैं, तो सिर्फ 99% नहीं 100% लोगों के पास मांस नहीं खरीदने का विकल्प है.'
Modi wants ease of doing business for big industrialists & ease of bigotry for ideological henchmen. Who will compensate for income loss? Meat is not impure, it’s just food like garlic or onion. Not just 99%. 100% of people have the choice to not buy meat if they don’t want to https://t.co/o5z3s7MOfN
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 4, 2022
वहीं, साउथ दिल्ली के मेयर की इस चिट्ठी को लेकर सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा है कि 'मैं हिंदू हूं और तकरीबन रोज नॉनवेज खाता हूं. दिल्ली आने से पहले मैं नवरात्रि के बारे में नहीं जानता था. लोकतंत्र में नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों पर प्रतिबंध हास्यास्पद है, जहां 70 फीसदी लोग मांसाहारी हैं. दिल्ली में भी. मैं नवरात्रि के दौरान नॉनवेज खाने से कम हिंदू नहीं होने वाला.'
I'm a Hindu & eat non-veg almost daily. Didn't know what Navratri is before I came to Delhi. Ban on meat shops during Navratri is ridiculous in a democracy, where 70 per cent are non-veg. Even in Delhi. I'm no less Hindu for consuming non veg during Navratri. pic.twitter.com/zXF2QmBDk4
— Kaushik Deka (@KDscribe) April 5, 2022
एक सोशल मीडिया यूजर का कहना है कि प्याज और लहसुन की बिक्री पर भी क्यों बैन नहीं लगाया जा रहा है? और, सारे नमक पर भी सेंधा नमक को छोड़कर, क्योंकि मेयर के हिसाब से केवल 1% लोग ही नवरात्रि के दौरान इन चीजों का इस्तेमाल करते हैं. जो मीट खाने वाले 2% लोगों से भी कम है. ये मेयर केवल मीट बैन पर ही क्यों रुक गए हैं?
Why not a ban on the display and sale of garlic and onion too? And all salt except rock salt, since according to the mayor only 1% of households use these during Navaratri, which is even less than the 2% who eat meat. Why is this mayor stopping at a meat ban? https://t.co/vOI2gleHRN
— Siddharth (@svaradarajan) April 4, 2022
वहीं, एक सोशल मीडिया यूजर ने गाजियाबाद में मीट बैन को लेकर कुछ मुस्लिम समाज के लोगों से बातचीत का वीडियो शेयर किया है. जिसमें लोग कहते नजर आ रहे हैं कि ये एक अच्छा फैसला है. हम लोगों को एकदूसरे के त्योहारों पर ऐसे ही सबका ख्याल रखना चाहिए. इस फैसले में कुछ भी गलत नहीं है.
Burnol moment for Leli gang Jai ho Maharaj ji ki ?#Ghaziabad pic.twitter.com/A9fDEFDUlh
— Nandini Idnani Andhbhakt ?? (@nandiniidnani69) April 5, 2022
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