मुंह छुपाते फिरे मोहम्मद शमी की बीवी को बुर्के की सलाह देने वाले
अभी कुछ दिनों पहले लोगों को करीना और सैफ के बेटे का नाम पसंद नहीं आया था, और अब मोहम्मद शमी की बीवी के कपड़े रास नहीं आ रहे.
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पति और पत्नी की एक प्यारी सी तस्वीर सोशल मीडिया पर ऐसे वायरल हो गई जैसे कोई राष्ट्रीय समस्या हो. तस्वीर थी भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां की. अब ये सोशल मीडिया है, जहां कुछ लोग तो बस इसीलिए बैठे रहते हैं कि कैसे किसी के फटे में टांग अड़ाई जाए, कैसे लोगों को ज्ञान दिया जाए, खासतौर पर जब सिलेब्रिटी हों तो ये कुछ लोग खुद को उनके माता-पिता समझकर सलाह भी देने में पीछे नहीं हिचकते.
अभी कुछ दिनों पहले लोगों को करीना और सैफ के बेटे का नाम पसंद नहीं आया था, और अब मोहम्मद शमी की बीवी के कपड़े रास नहीं आ रहे. मोहम्मद शमी को इस्लाम का हवाला देकर समझाइश दी जा रही है कि उन्हें अपनी बीवी को किस तरह के कपड़े पहनाने चाहिए.
एक ने कहा कि 'शमी भाई अल्लाह के लिए आप अपनी बीवी को इस्लामी तरीके से रखो', एक कहता है, 'शर्म करो आप एक मुस्लिम हो, बीवी को पर्दे में रखो'. एक कहता है 'अल्लाह से डरो' वगैरह वगैरह... एक ने तो उन्हें दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर हाशिम अमला से सीख लेने की सलाह दे डाली.
वो इसलिए कि हाशिम अमला की बीवी बुर्का पहनती हैं.
हाशिम अमला की बीवी को हमेशा बुर्के में ही देखा गया. |
लोगों ने मोहम्मद शमी को शर्मिंदा करने की पूरी कोशिश की लेकिन नाकाम रहे. उनके खुले विचारों की तारीफ करते हुए बहुत से लोगों ने उन्हें सपोर्ट किया, और भद्दे कमेंट्स करने वालों को खरी खोटी सुनाई.
ऐसे बहुत से मुस्लिम थे जिन्होंने मोहम्मद शमी का समर्थन किया और इस्लाम के सही मायने समझाए.
Bilkul sahi Shami. Apne dil ki suno. Khush raho donon aur tumhari bitiya. https://t.co/oS1Pdbay46
— Rànā Safvi رعنا राना (@iamrana) December 26, 2016
For those extra religious men commenting on Mohd Shami's wife:"Say to the believing men that they cast down their looks"Qur’an, 24:30-31
— Rànā Safvi رعنا राना (@iamrana) December 26, 2016
The comments are really really Shameful.Support Mohammed Shami fully.There are much bigger issues in this country. Hope sense prevails. pic.twitter.com/dRJO5WfOgU
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) December 25, 2016
भारत आजाद है, यहां के हर बाशिंदे को अपने हिसाब से जीने की पूरी आजादी है, यहां एयरफोर्स की तरह कड़े नियम और कायदे नहीं चलते. जिसे जो पहनना है वो पहनता है, लेकिन सिर्फ इस्लाम के जानकारों को ही अपने लोगों के पहनने ओड़ने पर ऐतराज होता है. लेकिन जब दकियानूसी मान्यताओं के दरकिनार कर, एक मुस्लिम अपनी पत्नी को आजादी के मायने समझने का मौका दे रहा है तो दूसरे उसे पीछे खींचने में अपनी जान लड़ा दे रहे हैं. इस्लाम का हवाला देकर कभी सानिया मिर्जा की स्कर्ट पर आपत्ति जताते हैं तो कभी मुस्लिम क्रिकेटर्स की पत्नियों की तस्वीरें खंगालते हैं और देखते हैं कि कौन इस्लामी तरीके से रह रहा है और कौन नहीं. अगर हाशिम अमला जैसे लोग इन्हें प्रेरित करते हैं, तो इन्हें भारत में रहने की जरूरत ही क्या है. इन्हें भी तालिबान जैसे किसी मुल्क में बस जाना चाहिए, जहां ये अपने कट्टरपन के साथ आराम से जी सकें.
कभी कभी तो समझ नहीं आता कि सोशल मीडिया पर इस तरह का ज्ञान देने के लिए लोगों के पास कितना समय है. पर ऐसे लोगों के लिए जवाब देना तो बनता है, जो मोहम्मद शमी ने उन्हें देकर उनकी बोलती बंद की. पर ये जरूरी है कि भारतीय मुस्लिमों के हित में, ऐसे जवाब इन्हें मिलते रहने चाहिए.
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