IAS Niyaz Khan तो The Kashmir Files की बहस में नाहक ही कूद पड़े
The Kashmir Files पर ट्वीट करने वाले नियाज एक आईएएस अधिकारी हैं तो क्या हुआ ? लेकिन नियाज का भी अपना एजेंडा है जिसे वो बखूबी चला रहे हैं और अपने को मुस्लिम सिंपैथाइजर दिखा रहे हैं. बाकी जैसा उनका अंदाज है द कश्मीर फाइल्स के रूप में वो उड़ते हुए तीर को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़े हैं. रास्ते में तमाम कष्ट आएंगे. जिसे उन्हें भोगना ही होगा.
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हर बीतते दिन के साथ निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की चर्चित फिल्म The kashmir Files सफलता के नए मानक स्थापित कर रही है. अपनी तरह के अनोखे रिकॉर्ड बना रही है. फिल्म विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दास्तां पर आधारित और यक़ीनन रौंगटे खड़े करने वाली है. फिल्म के मद्देनजर दिलचस्प बात ये है कि समाज दो वर्गों में विभाजित है. एक वर्ग फिल्म के समर्थन में है तो वहीं दूसरी तरफ IAS ऑफिसर Niyaz Khan जैसा प्रबुद्ध वर्ग है जो फिल्म की आड़ लेकर तमाम तरह की अनर्गल बातें कर रहा है और जैसा उनका तेवर है वो कहीं न कहीं खुद को मुसलमानों का रहनुमा बनाने के लिए लगातार प्रयत्नशील है. सवाल होगा कैसे तो जवाब है वो ट्वीट जो आईएएस अफसर नियाज खान ने किया है.
द कश्मीर फाइल्स पर ट्वीट कर आईएएस ऑफिसर नियाज खान ने अनचाही मुसीबत मोल ले ली है
बात बीते दिनों की है. सियासी गलियारों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब नियाज खान ने ट्वीट किया कि कश्मीर फाइल ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है. उन्हें कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए. निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म भी बनानी चाहिए. मुसलमान कीड़े नहीं बल्कि इंसान और देश के नागरिक हैं.
Kashmir File shows the pain of Brahmins. They should be allowed to live safely in Kashmir with all honour. The producer must also make a movie to show the killings of Large number of Muslims across several states. Muslims are not insects but human beings and citizens of country
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
नियाज का ये ट्वीट करना भर था. वो भाजपा नेताओं और उन लोगों की हिट लिस्ट में आ गए हैं कहा जा रहा है कि वो अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दें और खुद को समुदाय विशेष के नेता के रूप में स्थापित कर दें. कश्मीर फाइल्स को जिस तरह नियाज ने मुद्दा बनाकर अपना एजेंडा चलाया है और जिस तरह वो ट्रोल्स के निशाने पर हैं कहना गलत नहीं है कि कश्मीर फाइल्स के रूप में तीर उड़ रहा था नियाज खान पूरी ऊर्जा के साथ उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़े हैं.
Thinking to write a book to show the massacre of Muslims on different occasions so that a movie like Kashmir Files could be produced by some producer, so that, the pain and suffering of minorities could be brought before Indians
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
ये कोई पहली बार नहीं हैं जब आईएएस ऑफिसर नियाज खान किसी तरह के विवाद की भेंट चढ़े हैं. कंट्रोवर्सी से उनका पुराना नाता है. पूर्व में भी वो ऐसा बहुत कुछ कर चुके हैं जो अनचाहे विवाद की वजह बन चुका है.
कौन हैं नियाज खान? क्या थी उनके विवादों में आने की वजह?
जिक्र नियाज खान का हुआ है तो बताना बहुत जरूरी हो जाता है कि छत्तीसगढ़ के रहने वाले नियाज खान 2015 बैच के हैं. नियाज राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे बाद में उनका प्रमोशन हुआ और वो आईएएस बने. नियाज के विषय में दिलचस्प ये है कि वो एक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा एक पब्लिश्ड ऑथर भी हैं और उनकी सात नॉवेल बाजार में हैं. वर्तमान में नियाज लोक निर्माण विभाग में उपसचिव के पद पर कार्यरत हैं.
कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को लेकर विवेक की फिल्म कश्मीर फाइल्स पर विवादों में भले ही आज चर्चा का विषय बने हों लेकिन कंट्रोवर्सी और नियाज का चोली दामन का साथ है. उन विवादों पर चर्चा होगी लेकिन हमारे लिए ये जान लेना भी जरूरी हो जाता है कि नियाज एक ऐसे ऑफिसर है जिनकी दिनचर्या का एक बड़ा हिस्सा हिंदू मुस्लिम की बातें करते हुए बीतता है.
जैसा कि हम बता चुके हैं नियाज और विवादों का साथ पुराना है. नियाज सुर्ख़ियों में जुलाई 2019 में उस वक़्त आए थे जब उन्होंने ट्वीट किया था और ये कहकर ट्रोल्स का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था कि, 'मैं अपनी पहचान छिपाना चाहता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि नया नाम मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचा सकता है.
अपने ट्वीट में नियाज ने ये भी लिखा था कि, 'नया नाम मुझे हिंसक भीड़ से बचाएगा. मैं कुर्ता-टोपी नहीं पहनता और दाढ़ी भी नहीं रखता हूं तो मैं हिंसक भीड़ से नकली नाम के सहारे बचा सकता हूं. नियाज का मानना था कि उनका सरनेम किसी भूत की तरह लगातार उनका पीछा कर रहा है.
जैसा कि हम बता चुके हैं. एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ साथ नियाज एक पब्लिश्ड ऑथर भी हैं इसलिए उन्होंने अबू सलेम की लव स्टोरी पर एक नॉवेल भी लिखी है. किताब का नाम लव डिमांड्स ब्लड है जिसमें सलेम और उनकी जिंदगी से जुड़े कई हैरान करने वाले तथ्य हैं. साल 2017 में इसी किताब के मद्देनजर लोग हैरत में तब आए थे जब ये कहकर नियाज ने सनसनी फैला दी थी कि क्योंकि अबू सालेम उनकी नॉवेल का मुख्य किरदार है इसलिए कैरेक्टर को समझने के लिए वो जेल में उसके साथ एक महीना बिताना चाहते हैं. तब नियाज गुना जिले के एडीएम हुआ करते थे.
बात नियाज खान और विवेक अग्निहोत्री की फिल्म The Kashmir Files की हुई है तो बता दें कि फिल्म को मुद्दा बनाकर नियाज लगातार ट्वीट कर रहे हैं और अपने मन की वो बात कर रहे हैं जो सीधे सीधे दो समुदायों के बीच के सौहार्द को प्रभावित करती हुई नजर आ रही है.
आईएएस नियाज खान ने द कश्मीर फाइल्स के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को मुद्दा बनाया है और कहा है कि फिल्म की कमाई 150 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. बढ़िया. लोगों ने कश्मीरी पंडितों की भावनाओं का बहुत सम्मान किया है. मैं फिल्म निर्माता का सम्मान करूंगा कि वह सारी कमाई कश्मीरी पंडितों की शिक्षा और कश्मीर में उनके लिए घरों के निर्माण में ट्रांसफर कर दें. यह एक महान दान होगा.
Income of Kashmir Files reached 150 crore. Great.People have given a lot of respect for Kashmiri Brahmins' feelings.I would respect film producer to transfer all earnings to the Brahmin children's education and construction of homes for them in Kashmir. It will be a great charity
— Niyaz Khan (@saifasa) March 20, 2022
नियाज द्वारा कही गयी इस बात पर फिल्म के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि सर, नियाज खान साहब, 25 मार्च को भोपाल आ रहा हूं. हमें मिलने का समय दें ताकि हम विचारों का आदान-प्रदान कर सकें कि हम कैसे मदद कर सकते हैं. साथ ही आप अपनी किताबों की रॉयल्टी और आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी पावर के साथ कैसे मदद कर सकते हैं.
Sir Niyaz Khaan Sahab, Bhopal aa raha hoon 25th ko. Please give an appointment so we can meet and exchange ideas how we can help and how you can help with the royalty of your books and your power as an IAS officer. https://t.co/9P3oif8nfL
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 20, 2022
भले ही विवेक के इस रिप्लाई के बाद नियाज चुप हों और जवाब में उन्होंने कोई बात न कही हो लेकिन फिल्म को लेकर जैसा कटाक्ष नियाज ने किया है उसने इस बात की तस्दीख कर दी है कि एक आईएएस अधिकारी हैं तो क्या हुआ ? लेकिन नियाज का भी अपना एजेंडा है जिसे वो बखूबी चला रहे हैं और अपने को मुस्लिम सिंपैथाइजर दिखा रहे हैं.
बाकी जैसे रिप्लाई नियाज को उनके ट्वीट्स पर मिले हैं सफाई वो चाहे लाख दे दें लेकिन जैसा उनका अंदाज है द कश्मीर फाइल्स के रूप में वो उड़ते हुए तीर को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़े हैं. रास्ते में तमाम कष्ट आएंगे. जिसे उन्हें भोगना ही होगा.
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