'भारत बंद' की बहकी-बहकी रिपोर्टिंग पर न्यूयॉर्क टाइम्स को ट्रोल होना ही था
भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने 28 और 29 मार्च को दो दिन के 'भारत बंद' (Bharat Bandh) का आह्वान किया था. भारत बंद के पहले दिन सार्वजनिक क्षेत्रों के कई बैंकों और परिवहन सेवाओं पर मिला-जुला असर दिखाई पड़ा. वहीं, भारत बंद पर न्यूयार्क टाइम्स (New York Times) की रिपोर्टिंग ने उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल करवा दिया.
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भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने 28 और 29 मार्च को दो दिन के 'भारत बंद' का आह्वान किया था. भारत बंद के पहले दिन सार्वजनिक क्षेत्रों के कई बैंकों और परिवहन सेवाओं पर मिला-जुला असर दिखाई पड़ा. हालांकि, सेंट्रल ट्रेड यूनियनों की मानें, तो उनके भारत बंद को देशव्यापी जनसमर्थन मिल रहा है. इन सबके बीच भारत बंद को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टिंग सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगी. दरअसल, न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत बंद को लेकर अपनी खबर में ऐसे कई दावे किए हैं, जिस पर लोगों विश्वास ही नहीं कर पा रहे हैं. न्यूयार्क टाइम्स के लिए ये खबर उनके संवाददाता समीर यासिर ने लिखी है. समीर यासिर ने इस खबर को हेडिंग दी है कि 'आम हड़ताल ने लोगों को असमंजस में डाल दिया है.' जिसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने न्यूयार्क टाइम्स और उसके संवाददाता समीर यासिर को ट्रोल करना शुरू कर दिया.
सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने 28 और 29 मार्च को दो दिन के 'भारत बंद' का आह्वान किया था.
न्यूयार्क टाइम्स की 'भारत बंद' पर खबर से लोगों में असमंजस
दरअसल, न्यूयार्क टाइम्स ने ट्विटर पर भारत बंद की इस खबर को शेयर करते हुए लिखा है कि 'दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, से देश भर में परिवहन और अन्य सेवाएं बाधित हुई हैं.' जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि उन्हें ऑफिस में शाम को कॉफी ब्रेक के दौरान इस 'हड़ताल' के बारे में पता चला. जिसके बाद हम सभी लोग काम करने लगे. उसके बाद ट्रैफिक में फंसने से पहले ही अपने घर पहुंच गए. वाकई बैंगलोर में भारत बंद का बड़ा प्रभाव दिखा.
भारत बंद को लेकर न्यूयार्क टाइम्स ने दावा किया था कि 'देश का एक भी कोना भारत बंद से अछूता नहीं रहा है.' जिसके जवाब में सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि हड़ताल जिसने भारत के एक भी कोने को नहीं छोड़ा. मैं कोने के तौर पर मुंबई से पुष्टि कर सकता हूं कि किसी ने भी इस बंद का असर महसूस नहीं किया.
A strike that "has spared no corner of India"I can confirm in the "corner" called Mumbai - no one has even felt a strike. pic.twitter.com/DaInNTrTgK
— Vishal Bhargava (@VishalBhargava5) March 28, 2022
लोगों को नही दिखे रेलवे ट्रैक और सड़कें जाम करते कर्मचारी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत बंद को लेकर खबर में दावा किया है कि 'सैकड़ों-हजारों कर्मचारियों ने भारत सरकार की आर्थिक नीतियों और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सड़कें और रेलवे ट्रैक जाम कर दिए.' इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि 'क्या आज कोई हड़ताल थी? मैं सुबह कोलकाता में था और शाम को मुंबई में. सड़कें उसी तरह भरी नजर आ रही थीं, जैसी होती है. न्यूयॉर्क टाइम्स किसके बारे में बात कर रहा है?'
न्यूयार्क टाइम्स ने दावा किया कि 'भारत बंद से निपटने के लिए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. जिससे अस्पतालों, रक्षा प्रतिष्ठानों और रेलवे को बिजली आपूर्ति जारी रहे.' जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि आमतौर पर हड़ताल जैसी स्थितियों से निपटने के लिए सरकार की ओर से ऐसे कदम उठाए ही जाते हैं. जल विभाग या बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूरे देश में पानी सप्लाई की कमी और बिजली के बिना ब्लैकआउट जैसी समस्याएं कभी नही हुई हैं.
I found out about this 'strike' during our evening coffee break in office. After that, all of us worked and went back home, not before getting stuck in traffic as usual.... Indeed had a big impact in Bengaluruhttps://t.co/N9lRbiWGED
— Eshwar (@eshwarchandra) March 28, 2022
न्यूयार्क टाइम्स की खबर पर नहीं हो रहा भरोसा
इस खबर में दावा किया गया था कि 'भारत बंद का असर पूरे देश में हुआ.' जबकि, सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि उन्हें अपने आस-पास और रोजमर्रा के कामों के दौरान भारत बंद जैसी चीज बिल्कुल भी नजर नहीं आई.
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