#MeToo : सरोज खान हों या रेणुका चौधरी क्यों हमें इनकी बातें इग्नोर नहीं करनी चाहिए
भले ही सरोज खान अपने कथन पर माफ़ी मांग चुकी हों मगर जो उन्होंने कहा उसपर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए और इसे किसी भी सूरत में नजरंदाज नहीं करना चाहिए.
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मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने बॉलीवुड में कास्टिंग काउच का मुद्दा क्या उठाया पूरे इंटरनेट पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. इस पूरे मुद्दे पर समाज दो वर्गों में बंट गया है. एक वर्ग ऐसा है जो सरोज का और उनकी बातों का समर्थन करता है और उनके साथ है तो वहीं एक वर्ग सरोज से खफा है और उनके बयान की आलोचना कर रहा है. ध्यान रहे कि न सिर्फ सिने जगत में बल्कि पूरे देश में सनसनी तब मच गयी जब कोरियोग्राफर सरोज खान ने METOO कैंपेन के मद्देनजर एक अजीब ओ गरीब बयान दिया. सरोज खान का मानना है कि बॉलीवुड में कास्टिंग काउच है. जो बॉलीवुड आने वाली नई लड़कियों का शोषण तो करता है मगर साथ ही साथ उन्हें काम भी दिलवाता है जिससे इंडस्ट्री में उन लड़कियों को दौलत और शोहरत मिलती है.
यौन शोषण पर सरोज खान के बयान के बाद हंगामा होना स्वभाविक था
काम के नाम पर लड़कियों के साथ हो रहे शोषण पर सरोज खान का तर्क है कि ये कोई आज की बात नहीं है. ये बाबा आदम के जमाने से होता चला आ रहा है. चाहे कोई भी लड़की हो हर कोई उसपर अपना हाथ साफ करना चाहता है. सरकार में बैठे लोग भी यही करते हैं वहां से भी अक्सर ऐसी खबरें आती हैं. सरोज खान के मुताबिक बॉलीवुड में अगर कास्टिंग काउच है तो ये कास्टिंग काउच ही इंडस्ट्री में उन लड़कियों को नौकरी दिलवाता है.
Yeh chala aa raha hai Baba azam ke zamaane se. Har ladki ke upar koi na koi haath saaf karne ki koshish karta hai. Govt ke log bhi karte hain. Tum film industry ke peeche kyun pade ho? Woh kam se kam roti toh deti hai. Rape karke chhod toh nahi deti: Saroj Khan on Casting Couch. pic.twitter.com/xvHxSbvhzg
— ANI (@ANI) April 24, 2018
यानी अगर सरोज की बात पर यकीन करें तो शायद ये कहना गलत न हो कि बॉलीवुड एक ऐसी जगह है जहां उच्च स्तर पर वेश्यावृत्ति होती है और वहां के लोगों द्वारा मौन होकर इसका भरपूर समर्थन किया जाता है. खैर सरोज का सोचना कुछ भी हो सकता है मगर तकलीफ तब होती है जब हम कास्टिंग काउच की बातें राजनीतिक गलियारों से सुनते हैं.
It is not just in the film industry. It happens everywhere & it is the bitter truth. Don't imagine that Parliament is immune or other work places are immune to it. It is time that India stood up & said 'Me Too': Renuka Chowdhary, Congress on Saroj Khan's remark on Casting couch. pic.twitter.com/bDekV48xEB
— ANI (@ANI) April 24, 2018
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने सरोज खान के इस बयान पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया दी है और कहा है कास्टिंग काउच केवल बॉलीवुड में नहीं है बल्कि इसकी घुसबैठ सभी जगहों पर है. चौधरी का मत है कि ये लगभग सभी जगहों पर होता है. इस गंभीर विषय पर रेणुका का कहना है कि हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि संसद इससे अछूती है या कोई भी जगह जहां काम हो रहा हो इससे अछूती है. रेणुका ने बहुत ही मजबूती से इस बात का समर्थन किया है कि अब वो समय आ गया है जब पूरे देश को इस मुद्दे पर खड़ा होना चाहिए और बोलना चाहिए MeToo.
सरोज खान के बयान पर रेणुका चौधरी की प्रतिक्रिया ये बताती है कि ये समस्या कितनी गहरी है
गौरतलब है कि MeToo कैम्पेन, यौन शोषण को लेकर सरोज का तर्क था कि लोग इसके लिए इंडस्ट्री को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है. यहां कास्टिंग काउच हैं मगर वो लड़की को रेप करके छोड़ नहीं देते,बल्कि उन्हें रोजी-रोटी भी देते हैं. इस मुद्दे पर सरोज का तर्क था कि शोषण के मद्देनजर समाज को केवल फिल्म इंडस्ट्री के पीछे नहीं पड़ना चाहिए. वैसे भी ये सारी चीजें लड़की के ऊपर है कि वो क्या करना चाहती है.
Yeh ladki ke upar hai ki tum kya karna chahti ho. Tum uske haath mein nahi aana chahti ho toh nahi aaogi. Tumhare paas art hai toh tum kyun bechoge apne aap ko? Film industry ko kuch mat kehna, woh humaara mai-baap hai: Saroj Khan on Casting Couch. pic.twitter.com/kYpPAPWMtB
— ANI (@ANI) April 24, 2018
बहरहाल, एक ऐसे वक्त में जब सम्पूर्ण देश से रेप या यौन शोषण से जुड़ी ख़बरें आ रही हैं सरोज का बयान और उस बयान पर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी की प्रतिक्रिया दोनों को ही एक बड़ी घटना माना जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आज जो महिलाओं को लेकर देश के हालात हैं वो बेहद चिंताजनक हैं. कहा जा सकता है कि यदि इन पर नियंत्रण न रखा गया तो वो दिन दूर नहीं जब हमारे पास सहेजने के नाम पर कुछ नहीं बचेगा.
चूंकि बात सरोज खान पर शुरू हुई है तो उनके सन्दर्भ में हम इतना ही कहेंगे कि अगर बॉलीवुड में शोषण के बाद लोगो को काम मिलता है और उस काम के बल पर वो अपने को सफल समझते हैं तो उन्हें जान लेना चाहिए कि भविष्य में उन्हें कोई उनके काम की बदौलत याद नहीं रखेगा बल्कि वो एक ऐसे कृत्य के चलते याद किये जाएंगे जिसे हमारा समाज हीन भावना से देखता है.
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