ऋचा चड्ढ़ा ने जो कहा, लोगों ने उसे 'नकली देशभक्ति' के खाते में डाल दिया
सोशल मीडिया पर एक्टिव और मुखर रहने वाली अभिनेत्री ऋचा चड्ढ़ा के बोल बड़े बोल्ड होते हैं. लेकिन पुलवामा हमले के बाद ट्विटर पर उनकी एक पोस्ट को लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया. ऋचा भी पीछे नहीं रहीं, और बराबर मोर्चा लेती रहीं.
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हर भारतीय को देश के 46 जवानों को खोने का दुख है. लेकिन हर कोई अपने-अपने तरीके से दुख मना रहा है. कोई शहीदों की पार्थिव शरीर को देखकर रो पड़ता है, तो कोई सिर्फ मौन रह जाता है, कोई सड़कों पर भारत माता की जय के नारे लगताा है तो कोई कैंडल जलाकर अपनी श्रद्धांजलि देता है, कोई सोशल मीडिया पर देश के प्रति अपनी भावनाएं उड़ेलता है तो कोई ये पता लगाकर देशभक्ति दिखाता है कि कौन कितना देशभक्त है, किसने भारत और पाकिस्तान के बारे में क्या कहा और क्या नहीं.
पुलवामा हमले के बाद देश का गुस्सा सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है जिसकी चपेट में बहुत से लोग आ रहे हैं. कुछ सेलिब्रिटीज़ भी इसका ताप सह रहे हैं. वजह सिर्फ एक है- देशभक्ति को लेकर सबका नजरिया एक न होना.
सोशल मीडिया पर एक्टिव और मुखर रहने वाली अभिनेत्री ऋचा चड्ढ़ा के बोल बड़े बोल्ड होते हैं. लेकिन एक चैलेंज देकर उन्होंने सोशल मीडिया के बड़बोलों की बोलती बंद कर दी है. खासतौर पर उनकी, जो देशभक्ति को हमेशा कठघरे में खड़ा करते रहे हैं.
ऋचा ने एक वेबसाइट का लिंक पोस्ट करते हुए लिखा है- 'मैं देश के स्वाभिमानी भारतीयों को आमंत्रित करती हूं कि वो आएं और अपनी योग्यता के हिसाब से भारतीय सेना का हिस्सा बनें. शॉर्ट सर्विस कमीशन में भी जगह खाली है. All the best!' #DontTalkAboutItBeAboutIt
आर्मी में भर्ती होने के लिए आमंत्रित कर रही हैं ऋचा
हैशटैग #DontTalkAboutItBeAboutIt के जरिए ये बताने की कोशिश की गई है कि देशभक्ति की बात मत करो, इसका हिस्सा बनो. किनारे बैठकर तमाशा देखने का वक्त चला गया है, अब समय है देश का साथ देने का. ऋचा चड्ढा ने बिना किसी शोर शराबे और हंगामा किए लोगों को ये बता दिया कि उन्हें क्या करना चाहिए.
जो लिंक उन्होंने पोस्ट किया है वो एक सरकारी वेबसाइट join indian army का है. ये वो वेबसाइट है जो देश के लोगों को भारतीय सेना से जुड़ने के अवसर देती है. जहां लोग अपनी योग्यता के हिसाब से नौकरी के लिए एप्लाई कर सकते हैं. और भला देशसेवा के लिए आर्मी से बड़ा मंच क्या हो सकता है.
ये वेबसाइट देश के लोगों को भारतीय सेना से जुड़ने के अवसर देती है
लेकिन कुछ लोग इस बात से भी उनसे खफा हो गए. एक ने पूछा 'क्या आपने भरा है ये फॉर्म आप भी तो एक प्राउड इंडियन हैं. क्या ऐसा नहीं है?' तो ऋचा ने जवाब दिया- 'हां, हूं. लेकिन वो कहीं न कहीं मेरे दिल में है, केवल मेरे ट्विटर बायोडाटा में नहीं.'
लेकिन, ऋचा के इस जवाब को दूसरी ओर बैठे लोगों ने दिल पर ले लिया. और उन्हें कश्मीरी युवाओं का हिमायती बता दिया गया और आतंकवादियों की फिक्रमंद भी कहा गया. जबकि ऋचा साफ तौर पर देश का ही साथ देने की बात कर रही थीं.
इस तरह ऋचा को बातें सुनाई गईं
खैर देशभक्ति पर तो हमारे देश में काफी लंबे समय से बहस चल ही रही है. देशभक्ति और असहिष्णुता पर बवाल हो जाते हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग इसी बात को लेकर लोगों को ट्रोल कर देते हैं. हमारे देश के लोग अभी तक कन्फ्यूज़ हैं कि असल में देशभक्ति क्या है, और उन्हें करना क्या है. कोई कश्मीर के छात्रों पर बौखला रहा है तो कोई कश्मीरी दुकानदारों का बायकाट करने की बात कर रहा है. तो वहीं कोई आवाज लगा रहा है कि कश्मीरियों आओ मेरा घर खुला है. जबकि हर कोई खुद को देशभक्त ही कहता है. जबकि कश्मीर की बात करें तो वहां के लोग भी तीन हिस्सों में बंटे हैं. एक वो जो शरीर पर बम बांधकर तैयार बैठे हैं, एक वो जो हाथों में बंदूकें लेकर सेना के जवानों का रास्ता देखते हैं और एक वो जो हाथों में पत्थर लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उनका स्टैंड हमेशा से क्लीयर था और रहेगा. भटके हुए तो हम भारतीय हैं जो देशभक्ति पर बहस किए जा रहे हैं.
लेकिन इस बहस को खत्म करने के लिए ही शायद ऋचा चड्ढ़ा ने ये पोस्ट शेयर की. और ये बताया कि जब देश पर कोई विपदा आए, तो पूरे भारत को एकजुट होना चाहिए, वही देश के लिए सच्ची देशभक्ति होती है. उसे साबित करने के लिए सोशल मीडिया पर गाली गलौच करना सिर्फ दिखावा है.
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