यमन वॉर पर टिप्पणी करने वाली राना अयूब के खिलाफ सऊदी यलगार!
राना अयूब (Rana Ayyub) ने यमन (Yemen) में की जा रही सऊदी अरब (Saudi Arab) और यूएई (UAE) की एयरस्ट्राइक को लेकर एक टिप्पणी की. जिसमें राना अयूब ने सऊदी को खून का प्यासा बता दिया. यमन में हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) की खिलाफ की गई इस कार्रवाई को राना अयूब ने नरसंहार (Genocide) बताया था.
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आमतौर पर एक्टिविज्म के बारे में कहा जाता है कि ये समाज की बेहतरी के लिए एक जरूरी चीज है. लेकिन, कभी-कभी इस एक्टिविज्म के चक्कर में लेने के देने भी पड़ जाते हैं. एक्टिविज्म के साथ एक सबसे बड़ा खतरा ये है कि वह अपने साथ आलोचना भी लाता है. ये आलोचनाएं तब और गहरी हो जाती हैं, जब यह किसी विदेशी मामले को लेकर की जाती हैं. और, इस बार आलोचनाओं का शिकार हुई हैं अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वालीं पत्रकार राना अयूब. दरअसल, राना अयूब ने यमन वॉर को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि 'यमन में रक्तपात हो रहा है और खून के प्यासे सऊदी को रोकने वाला कोई नहीं है. ये वो लोग हैं, जो खुद को इस्लाम का रखवाला कहते हैं. एक मुसलमान होने के नाते मुझे शर्म आती है कि ये असभ्य लोग पवित्र मस्जिद के रखवाले हैं. दुनिया इस नरसंहार पर दुनिया चुप नहीं रह सकती.' और, इस ट्वीट के बाद राना अयूब के खिलाफ सऊदी अरब के लोगों ने यलगार का ऐलान कर दिया है.
हूती विद्रोहियों ने आबू धाबी के एयरपोर्ट पर ड्रोन हमले किए थे. जिसमें दो भारतीयों समेत तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी.
क्या है यमन में एयरस्ट्राइक का मामला?
मामला ये है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी आबू धाबी (Abu Dhabi) में हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन की ओर से यमन पर लगातार एयरस्ट्राइक की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन एयरस्ट्राइक में 70 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और सैकड़ों के हताहत होने की जानकारी सामने आई है. सऊदी अरब और यूएई की सेनाओं के हवाई हमलों में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है. बता दें कि 17 जनवरी को हूती विद्रोहियों ने आबू धाबी के एयरपोर्ट पर ड्रोन हमले किए थे. जिसमें दो भारतीयों समेत तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी. वैसे, यमन में चल रही जंग बीते कई सालों से जारी है. और, हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व में मिडिल ईस्ट के कई देशों ने एक साझेदारी बना रखी है.
वैसे, इस मामले पर राना अयूब की टिप्पणी ने सऊदी अरब के लोगों को बुरी तरह से भड़का दिया है. भारत में होने वाली घटनाओं के लिए किसी एक समाज या वर्ग पर उंगली उठाना या उसे कठघरे में खड़ा कर देना बहुत आसान है. लेकिन, ऐसे जियोपॉलिटिकल मामलों पर राय के बैकफायर करने की संभावना कहीं ज्यादा होती है. उस स्थिति में और भी ज्यादा जब आपकी आंखों पर मजहब का चश्मा हमेशा ही चढ़ा रहता हो. तो, राना अयूब को फिलहाल यही झेलना पड़ रहा है. और, सऊदी अरब के लोगों में इस गुस्से का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने राना अयूब की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड, आईएसआईएस, हमास, अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों से कर दी. राना अयूब के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने वाले इन तमाम लोगों में ब्लू टिक वाले यूजर्स भी शामिल हैं. एक ट्विटर यूजर का कहना है कि वह खुलेआम आतंकवादियों का समर्थन कर रही हैं. जबकि, हूती विद्रोहियों के खिलाफ चुप हैं, जिन्होंने दो भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी है.
I’ve just read many comments about her and how she openly supports terrorists let alone her silence about Houthis who killed 2 Indian citizens in the recent terrorist attacks on the UAE.So I guess she’s no different than Muslim Brotherhood, Hamas, IRGC, Houthis, ISIS & Al Qaeda. https://t.co/kQ8GKnXoi6
— Hani ?? (@HNI87) January 23, 2022
Gassan नाम के एक यूजर ने राना अयूब की टिप्पणी के फेक न्यूज करार देते हुए लिखा है कि आपका मतलब मुस्लिम ब्रदरहुड (कट्टर इस्लामिक संगठन) की तरह...सऊदी अरब ने 10 से ज्यादा देशों के नेतृत्व में मिलिट्री ऑपरेशन लॉन्च किया है. और, ये सबकुछ यमन की वैध सरकार के अनुरोध पर किया गया है. वहीं, आप आतंकवादियों का साथ दे रही हैं.
Fake news?U mean as a muslim brotherhood ?WhoeverSaudi Arabia has launched military operations in Yemen, as part of a coalition of over ten countries in response to a direct request from the legitimate government of YemenWe supporting legitimate and U supporting terrorists https://t.co/OXwEc2okKm
— GASSAN?? (@gassan_z) January 23, 2022
Hassan Sajwani नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि राना अयूब जैसे लोग ही सबसे बड़े आरोपी हैं. 'मानवतावादी आवाज' के छद्म आवरण के साथ ये लोग लगातार हूती विद्रोहियों, हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े संगठनों का बचाव करते हैं. मिस राना भूल गई हैं कि हूती विद्रोहियों ने दो निर्दोष भारतीय (उनके ही देश के नागरिकों) को पिछले हफ्ते आबू धाबी में मौत के घाट उतारा है. शर्म आनी चाहिए.
The likes of Rana Ayyub are the biggest culprits. Under the smokescreen of “Humanitarian Voice” they constantly back Houthis, Hamas, and Muslim Brotherhood aligned groups. Ms. Rana forgot that Houthis killed 2 innocent Indians (her countrymen) last week in Abu Dhabi. Shame !
— حسن سجواني ?? Hassan Sajwani (@HSajwanization) January 23, 2022
एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि 80 फीसदी से ज्यादा यमन के लोग हमारे साथ हैं. यमन की सेना भी हमारे साथ लड़ रही है और हूती विद्रोहियों के खिलाफ हम इसका समर्थन करते हैं. पूरे यमन के लोग गलत हैं और राना अयूब सही हैं. इन्होंने जवाबों से बचने के लिए कमेंट सेक्शन बंद कर दिया है.
More than 80% of Yemen ?? is with us. The Yemeni army is fighting with us and we support it against the Houthi militia. All these Yemenis are wrong and @RanaAyyub is right!- She closed the comments because she knows that the Yemenis ?? will attack her!https://t.co/q8FWphtVBc pic.twitter.com/6KGycz9Ddr
— عدنان ?? (@AdYo_3) January 23, 2022
एक ट्विटर यूजर ने तो राना अयूब को हिंदू धर्म में वापसी करने की सलाह दे डाली है. इस यूजर ने लिखा कि एक मुस्लिम और सऊदी होने के नाते मुझे फर्क नहीं पड़ता कि तुम मेरे देश और पवित्र स्थानों को लेकर क्या सोचती हो? और, मेरे पास अपने देश की रक्षा करने का पूरा अधिकार है.
As a Muslim and Saudi I don't care what you think about my lands and holy sites. And I have the full right to protect my country.You can revert back to Hinduism now. https://t.co/dJao2Q6ZBQ
— Soudiah Repat. (@soudia_repat) January 23, 2022
वहीं, हजारों लानत-मलानत झेलने के बाद राना अयूब ने चिर-परिचित अंदाज में अपना स्टांस बदलते हुए भारत के राइट विंग और पीएम मोदी के समर्थकों पर अपना गुस्सा निकालना शुरू कर दिया. आमतौर पर ऐसे मामलों पर घिरने के बाद खेला जाने वाला विक्टिम कार्ड यहां भी अप्लाई कर दिया गया है. जिसके बाद एक विचारधारा विशेष के लोगों ने राना अयूब के समर्थन में आवाज उठाना शुरू कर दिया है.
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