देश जब पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु के शोक में डूबा था उस वक़्त कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने अपने की-बोर्ड खोल रखे थे. ये अपनी बात कह रहे थे, बिना ये ध्यान दिए कि वो क्या कह रहे हैं. देखिये पांच ऐसे लोगों को जिनकी बातें पढ़कर दिल कहता है काश ये कभी फेसबुक-ट्विटर पर न आये होते-
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कैप्स लॉक में आम आदमी, और उतना ही जोर देकर लिखा गया आम आदमी प्रेसीडेंट. वेल प्लेयड मिस्टर आशुतोष, वेल प्लेयड! किसी को पता ही नही चला आपने क्या किया. |
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अनुष्का शर्मा ABJ KALAM AZAD को श्रद्धांजलि देती नजर आईं. कवि, लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के पहले शिक्षामंत्री थे. अब्दुल कलाम और अबुल कलाम में ऐसा कुछ है जिसके चलते भ्रम हो सकता है, लेकिन इस मौके पर ऐसी गलती अखर गई, हालांकि बाद में अनुष्का ने ट्वीट डिलीट कर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया. |
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ये कौन हैं? परसाई! फेसबुक पर शरद जोशी? व्यंगकार? जो हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर झगड़ने वालों पर तंज़ कस रहे हैं. क्या वाकई? यही सही मौका है? |
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कलम, बहार और पाखण्डवाद को छोड़ भी दीजिये, तो इनके हिसाब से शायद दुनिया के सबसे बड़े अपराधों में एक ये होगा कि हर सफल आदमी जिंदगी में कुछ करने से पहले इनसे आकर सलाह नही लेता. |
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और सबसे अंत में सबसे बुरा, जब हर किसी को कोई अपना सा खोया लग रहा हो. जब सारे देश का दिल भारी हो, आँखें नम हो. तब कोई सिर्फ इसलिए खुश हो रहा है क्योंकि उसे एक दिन की छुट्टी मिल रही है. |
दूर किसी देश में एक मार्क ट्वेन हुए थे, उन्होंने जिन्दगी भर कई बातें कहीं पर एक ख़ास बात उन्होंने कही थी. 'It is better to keep your mouth closed and let people think you are a fool than to open it and remove all doubt' शायद अगली बार कुछ लिखने के पहले ये लोग इस बात का ध्यान रखें।
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