Sonu Sood के पैतृक शहर ने जो किया, उस पर उनको भावुक तो होना ही था
गरीब प्रवासी मजदूरों (Migrant Labourers) के लिए रॉबिन हुड सोनू सूद (Sonu Sood) सातवें आसमान पर हैं. मोगा (Moga) में एक सड़क का नाम उनकी मां प्रोफेसर सरोज सूद (Prof Saroj Sood Road) के नाम पर रखा गया है. सोनू इस बात से काफी खुश हैं. अपनी ख़ुशी का इजहार करते हुए सोनू ने जो बातें सोशल मीडिया (Social Media) पर लिखी हैं वो मन मोह लेने वाली हैं.
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साल 2020 भले ही बीत चुका हो और नए साल यानी 2021 का आगाज़ हो गया हो मगर गुजरे साल जिसे कोरोना काल (Coronavirus Pandemic) भी कहा गया, में हम ऐसे तमाम मंजर देख चुके हैं जो न केवल दिल को दहला कर रख देने वाले हैं बल्कि जिन्हें देखकर ईश्वर और इंसानियत के प्रति हमारी आस्था बढ़ी है. बात कोरोनाकाल और उस दौर में मुहैया कराई गई मदद की हुई है और ऐसे में अगर हम बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) का जिक्र न करें तो सारी चर्चा धरी की धरी रह जाती है. इस कोरोनाकाल में जो कुछ भी सोनू ने किया, एक बड़ा वर्ग है जो सोनू के मद्देनजर इस बात को मानता है कि उसने भगवान नहीं देखा लेकिन यदि भगवान हमारे बीच हों तो वो सोनू सूद जैसा ही होगा. इस कोरोनाकाल में चाहे पैदल अपने ठीहों की तरफ पैदल लौटते प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) को घर पहुंचाना हो या फिर बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराना हो. सोनू ने विवाह योग्य लड़कियों की शादी भी कराई और अपने फैंस की उन सभी मांगों को पूरा करने में अपना योगदान दिया जिन्हें लोगों ने उन्हें ट्वीट करके बताया. सोनू ने पुनःट्विटर इस्तेमाल करते हुए अपनी एक बड़ी उपलब्धि अपने फैंस के साथ शेयर की है. सोनू के गृह जनपद मोगा (Moga) में उनकी स्वर्गीय मां के नाम पर रोड (Prof Saroj Sood Road) का नाम रखा गया है जिसके चलते सोनू बहुत खुश हैं.
मोगा में जो हुआ उससे सोनू सूद खुश हैं और इस ख़ुशी की माकूल वजह भी है उनके पास
बताते चलें कि प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए किसी रॉबिन हुड से बढ़कर सोनू सूद ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से कुछ तस्वीरों को शेयर किया है और लिखा है कि, ये है और यही मेरी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. मोगा में मेरी मां के नाम पर एक रोड का नाम 'प्रोफेसर सरोज सूद रोड.' मेरी सफलता के लिए वास्तविक रोड. इसके बाद सोनू ने अपनी मां को याद करते हुए लिखा है कि 'मिस यू मां.'
This is... and this will be..My Biggest Achievement Till Date. A road in Moga on my mother’s name :“Prof. Saroj Sood Road” My actual road to success ????Miss u maa. pic.twitter.com/KiHtfeUK28
— sonu sood (@SonuSood) December 31, 2020
गौरतलब है कि अपनी इस उपलब्धि के बाद सोनू काफी भावुक हैं और भावुकता का लेवल क्या है इसे सोनू के दूसरे इंस्टाग्राम पोस्ट से समझ सकते हैं. अपने इंस्टाग्राम पर सोनू ने लिखा है एक दृश्य जिसे मैंने पूरी लाइफ अपने सपने में देखा. आज मेरे होम टाउन मोगा में मेरी मां के नाम पर सड़क का नाम प्रो. सरोज सूद रखा गया. ये वही सड़क है जिससे उन्होंने अपनी पूरी लाइफ घर से कॉलेज और फिर कॉलेज से घर की यात्रा की. यह मेरी लाइफ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहेगा. मुझे यकीन है कि मां और पिता स्वर्ग में मुस्कुरा रहे होंगे. काश, वह इसे देखने के लिए यहां पर होते.'
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सोनू के मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस कोरोनाकाल में जैसा उनका रुख रहा उससे केवल लोगों को फायदा नहीं हुआ. उससे सोनू को भी मदद मिली. सवाल होगा कैसे? तो जवाब के लिए हमें बीते दिनों आया उनका एक इंटरव्यू देखना चाहिए. ख़ुद सोनू ने इस बात को स्वीकार किया था कि उनके नेक कामों और मानवतावादी चरित्र के कारण अब जो रोल उन्हें ऑफर हो रहे हैं वो पहले के मुकाबले काफी अलग हैं. अब जो रोल उनके पास आ रहे हैं वो रियल लाइफ हीरो के रोल हैं.
ध्यान रहे कि बॉलीवुड के अलावा साउथ की इंडस्ट्री में सोनू की अच्छी पकड़ है और कई सुपरहिट फिल्मों में मेन विलेन के रोल उन्हें ही ऑफर हुए हैं. कुल मिलाकर इस कोरोनाकाल में किसी देवता की तरह लोगों के बीच आए सोनू अपनी प्रोफेशनल लाइफ से भी काफी खुश हैं और हमदर्द होने का सिला उन्हें काम के रूप में मिल रहा है.
सोनू आज भले ही गरीबों, जरूरतमंदों के बीच उम्मीद की इकलौती किरण हों लेकिन इस मुकाम को हासिल करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था.
सही मदद सही समय पर सही लोगों को मिल सके इसके लिए सोनू ने अपना सब कुछ गिरवी रख दिया. बताया जा रहा है कि मुंबई की कई क्रीम लोकेशन पर स्थित अपनी प्रॉपर्टी को सोनू ने सिर्फ इसलिए गिरवी रख दिया ताकि वो जरूरतमंदों का सहारा बन सकें. शायद आपको सुनकर आश्चर्य हो एक ऐसे समय में जब मुसीबत के वक़्त भाई भाई का साथ छोड़ देता हो अंजान लोगों की मदद से सोनू सूद ने 10 करोड़ रुपये का लोन ले रखा है.
ख़ुद सोचिये क्या हमारे आपके लिए ये सम्भव है? वो भी एक ऐसे युग में जब स्वार्थ और अपना उल्लू सीधा करने का समय हो. जैसा रवैया इस पूरे कोरोनाकाल में सोनू का रहा ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि एक देश के रूप में भारत और एक नागरिक के रूप में हम कभी भी सोनू के किये की कीमत चुका पाएंगे.
बाकी बात मोगा की एक रोड का नाम सोनू सूद की मां के नाम पर पड़ने से शुरू हुई है तो हम भी बस इतना ही कहेंगे कि वाक़ई ये क्षण उनके लिए गर्व करने वाला है. नमन है उस मां को जिसने इतने लायक और दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझने वाले बेटे को जन्म दिया.
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