होली पर Boycott तो होना ही था, खाने को छोड़कर हर मुद्दे पर बात कर रहा है Swiggy!
Swiggy जब आया तो महसूस हुआ कि अब घर बैठे ही लोगों को क्वालिटी फ़ूड मुनासिब कीमतों पर मिलेगा। शुरू- शुरू में ऐसा हुआ लेकिन अब वैसे हालात नहीं हैं. अब Swiggy ने खाने से ध्यान हटा लिया है और हर मुद्दे पर बात कर रहा है फिर चाहे वो दिवाली और होली ही क्यों न हो.
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शुरू- शुरू में Swiggy जैसा प्लेटफॉर्म जब हमें मिला तो लगा कि अब जाकर हमारे अच्छे दिन आए हैं. हम घर बैठे अपनी फेवरेट चीज आर्डर कर सकते हैं. क्योंकि मामला शुरूआती दौर या ये कहें कि इनिशियल फेज का था तो Swiggy ने इस दिशा में काम भी किया और बिजनेस चल निकला. दिक्कत यहीं हुई. कामयाब होने के बाद स्विगी ये भूल गया कि वो आया किसलिए था. जैसे हाल अब के हैं स्विगी, फ़ूड उसकी क्वालिटी, क्वांटिटी के अलावा हर वो बात कर रहा है जो उसकी विश्वसनीयता को संदेह के घेरे में डाल रही है.
स्विगी का हर मुद्दे पर वोकल होना अब कई मायनों में बड़ा असहज करता है
कहने वाले बता रहे हैं कि Swiggy अब वो Swiggy नहीं है जो पहले सिर्फ फ़ूड सप्लाई करता और खाना ख़राब होने पर सॉरी बोलते हुए लिबीर-लिबीर करता. अब क्योंकि उसका रेवेन्यू हर दिन देश की आबादी की तरह बढ़ रहा है, वो रसूखदार हो गया है. अब वो किसी को भी कुछ भी कह सकता है.
क्योंकि अब Swiggy वोक है. देश के हर दूसरे मुद्दे पर राय देता है. तो वो त्योहारों पर भी अपना पक्ष रख रहा है. होली पर भी उसने अपने मन की बात की है और दिलचस्प ये कि उसे इस बात की कोई परवाह नहीं है कि उसकी बातों का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में देश की जनता पर क्या असर पड़ रहा है. होगा ज्ञानी. समझता रहे अपने को बुद्धिजीवी लेकिन स्विगी इस बात को जरूर जान लें कि होली का मतलब हमारा एक दूसरे पर अंडे मारना नहीं है. त्योहारों के प्रति जैसा हमारा उत्साह है आज भी हम होली रंगों से, पानी से, फूलों से ही खेलते हैं.
#HinduPhobicSwiggyHey @swiggy, it's not okay to give selective gyan on Hindu festivals.Pic-1 On ChristmasPic-2 On EidPic -3 On Holi#HinduPhobicSwiggy pic.twitter.com/ad69FzO0E8
— Manoj Singh (@manojkrs29) March 7, 2023
कहने वाले Swiggy द्वारा होली पर की गयी हरकत के मद्देनजर तमाम तरह की बातें कह सकते हैं. बाकी भारत एक लोकतान्त्रिक देश है इस लिए चाहे हम और आप हों या फिर स्विगी सभी को पूरा हक़ है किसी भी चीज पर अपना रुख रखने के लिए. लेकिन फिर हमें ये भी याद रखना होगा कि हर बात कहने का जहां एक तरफ दायरा होता है. तो वहीं सही समय भी. कई बार होता है कि बात तो सही होती है लेकिन उसे कहने का जो वक़्त हम चुनते हैं वो गलत होता है और फिर भूल चूक लेनी देनी हो जाती है और व्यक्ति के साथ वही होता है जो मौजूदा वक़्त में Swiggy के साथ हो रहा है.
? ' O ' Hindu Boycott @Swiggy , uninstalling the applicationWhy such Gyan only in Hindu❓#HinduPhobicSwiggy pic.twitter.com/JiQMsPl2Q4
— Ganesh Pansare (@GA_Pansare) March 7, 2023
बात किसी के समर्थन या फिर विरोध की नहीं है. मुद्दा जो है अभी है हमारे पास, वो मूलभूत जिम्मेदारियों का है. हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है. हम आशा करते हैं स्विगी को भी जल्द ही अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो. हम स्विगी को बताना चाहेंगे कि अब जैसा खाना वो हमारी थालियों में परोस रहा है वो बेस्वाद है. जो रेस्त्रां उसकी लिस्ट में हैं उन्हें घटिया खाना खिला कर सिर्फ और सिर्फ अपने ग्राहकों को और परेशान करना है. कितना अच्छा होता कि जिस तरह Swiggy ऊल जलूल चीजों पर अपनी राय देता है उतनी ही शिद्दत से वो हमारी समस्याओं का निवारण करता.
आज क्योंकि Swiggy खाने के अलावा हर चीज पर बात कर रहा है. हम भी बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि ज्ञानी या बुद्धिजीवी बनने में बुराई नहीं है. लेकिन तब जब दूसरे का पेट भरा हो और माध्यम अच्छा, पौष्टिक और बढ़िया गुणवत्ता वाला खाना हो. बात जब खाने की आएगी तो स्विगी ऐसा करने में असमर्थ है. बेहतर है वो हर मुद्दे पर बक बक करने से पहले अपने इस दोष को दूर करे.
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