‘जब पैसे नहीं थे तो लॉक नहीं करना था कलेक्टर’ यह चोर कैसे बन गया हीरो?
सोशल मीडिया पर एक चोर की पर्ची की फोटो वायरल हो रही है जो शायद आप तक भी पहुंची होगी जिसमें लिखा है कि ‘जब पैसे नहीं थे तो लॉक नहीं करना था कलेक्टर’...इस लाइन को पढ़कर लगता है चोर ने ताला खोलने की बड़ी कोशिश की होगी लेकिन जब पैसे हांथ नहीं लगे तो गुस्से में ये चिट्ठी लिखकर छोड़कर चला गया. चलिए बताते हैं कि बात क्या है?
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चोर गए तो थे कलेक्टर साहब के घर चोरी करने...उन्होंने लॉक भी बड़ी शिद्दत और मेहनत से तोड़ी थी लेकिन जब वहां कैस पैसे नहीं मिले तो उसने कुछ ऐसा किया कि अब लोगों ने उसे हीरो ही बना दिया. सोशल मीडिया पर कोई उसे ईमानदार चोर कह रहा तो कोई कह रहा भाई आत्मविश्वास हो तो ऐसा. क्या इसे डर नहीं लगता?
असल में सोशल मीडिया पर एक चोर की पर्ची की फोटो वायरल हो रही है जो शायद आप तक भी पहुंची होगी जिसमें लिखा है कि ‘जब पैसे नहीं थे तो लॉक नहीं करना था कलेक्टर’...इस लाइन को पढ़कर लगता है चोर ने ताला खोलने की बड़ी कोशिश की होगी लेकिन जब पैसे हांथ नहीं लगे तो गुस्से में ये चिट्ठी लिखकर छोड़कर चला गया. चलिए बताते हैं कि बात क्या है?
ऐसे चोरों के बारे में क्या कहा जाए समझ नहीं आता
दरअसल, मध्य प्रदेश से एक बड़ी ही आजीब चोरी की घटना सामने आई है. देवास में डिप्टी कलेक्टर के घर ही चोर घुस गए और 30 हजार रुपए कैश और कुछ चांदी की ज्वैलरी चुरा ले गए. उन चोरों ने शायद कलेक्टर साहब के घर से ज्यादा नकदी की उम्मीद की थी लेकिन उन्हें शायद कैशलेस इंडिया का ध्यान नहीं रहा. भाई साहब इस जमाने में घर में ज्यादा कैश कौन रखता है? उनकी हिम्मत तो देखिए उन्होंने आस-पास रहने वाले शीर्ष अधिकारियों की परवाह तक नहीं की. अब तो ऑटो वाले से लेकर सब्जी वाले तक सभी ऐप से ही काम चलाते हैं. लगता है चोर, पुराने जमाने के थे.
और तो और चोरों ने एसडीएम के ही पेन और पैड से लिखकर पर्ची छोड़कर आ गए. जैसे वे सामने वाले कि बेइज्जती खराब कर रहे हों या मजे ले रहे हों. ऐसा अक्सर फिल्मों में होता है. एक बार चोर ने इसी तरह पर्ची पर लिखा कि माफ करना पता नहीं था कि कोरोना की दवाई है और इतना कहकर उसने दवाई वापस कर दी थी.
एक बार बुजुर्ग दंपत्ति को लूटने वालों ने उनके पैर छूकर माफी मांगी थी और कहा कि माफ करना मजबूरी थी...हम आपके पैसे लौट देंगे. अब ऐसे चोरों के बारे में क्या कहा जाए समझ नहीं आता. पर्ची कितनी भी लिख लें काम तो गलत ही है लेकिन इनके स्वैग तो सबसे अलग ही निकले, इतनी इमानदारी अगर नेता दिखा दें तो देश के हालात बदल जाएं...तो सफेद पोशाक पहनकर जनता के साथ चोरी भी करते हैं और सीनाजोरी भी…नेताओं को चोरों से ईमानदारी सीखने की जरूरत है...
In a strange incident of theft in Dewas, burglars not only broke into the house of a deputy collector but also left a note for him. "Jab paise nahi they toh lock nahi karna tha na collector! pic.twitter.com/mafaLj4gPC
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 10, 2021
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