ये दिल्ली मेट्रो है या हम किसी और देश में हैं !
दिल्ली मेट्रो का एक वीडियो फिर वायरल हो गया है जिसमें प्रेमी युगल सार्वजनिक प्रेम का प्रदर्शन कर रहे हैं, शायद वो भूल गए कि वो मेट्रो में अकेले नहीं हैं.
-
Total Shares
प्रेम का प्रदर्शन, कितना हो कि सहज लगे? ये सवाल कुछ कुछ वैसा ही है जैसे लड़कियों की स्कर्ट की लंबाई कितनी हो कि सहज लगे. और जवाब सबके अलग अलग होंगे, क्योंकि ये अपनी सोच पर निर्भर करता है.
कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के भिवंडी में एक मुस्लिम युवक का सड़क पर अपनी गर्लफ्रेंड को घुटनों के बल बैठकर प्रपोज़ करने का वीडियो सामने आया और फिर उसे बाहों में लेना लोगों को इतना नागवार गुजरा कि लड़के से पब्लिकली माफी मंगवाई गई. वजह सिर्फ ये थी कि वो मुस्लिम थे और प्रेम का प्रदर्शन पब्लिक प्लेस में किया गया था.
अब जरा प्रेम के इस प्रदर्शन को देखिए. ये दिल्ली मेट्रो में फिल्माया गया वीडियो है. जो इस वक्त वायरल है.
मेट्रो में प्रेमी प्रमिका अक्सर एक दूसरे का हाथ थामे दिखाई देते हैं, वो सहज होते हैं, उन्हें देखकर औरों को भी कोई परेशानी नहीं होती. लेकिन इस जोड़े ने शायद ये समझ लिया कि ट्रेन में कोई और सफर ही नहीं कर रहा या फिर वो भारत में नहीं बल्कि विदेश की मेट्रो में सफर कर रहे हैं. जो कुछ भी ये लोग कर रहे हैं उसे देखकर भले ही इन्हें कोई परेशानी महसूस नहीं हो रही हो, लेकिन सह यात्री जरूर असहज हुए होंगे. पर मजाल है कि इनके चेहरों पर इस बात की जरा भी शिकन हो कि वो कहां हैं और क्या कर रहे हैं. आज के युवा प्रेमियों के चेहरों पर बस यही तीन चीजें तो देखने नहीं मिलतीं- शिकन, शर्म और अफसोस. वो जो करते हैं बड़ी बेबाकी और उतावलेपन से करते हैं.
सोशल मीडिया पर लोग ये सवाल भी उठा रहे हैं कि इन दोनों से ज्यादा कसूरवार तो वो व्यक्ति है जिसने ये वीडियो बनाया है. हां, किसी की आज्ञा के बिना तस्वीर या वीडियो लेना जुर्म है, लेकिन यहां सवाल वीडियो रिकॉर्ड करने का नहीं बल्कि आचरण का है. उन सैकड़ों आंखो का क्या जिन्होंने इस दृश्य को अपनी स्मृतियों में कैद किया?
मेट्रो ट्रेन में हर तरह का व्यक्ति सफर करता है. आपका हमउम्र, आपसे छोटा और आपसे बड़ा, कोई अपनी बहन या कोई अपनी बेटी के साथ भी होगा, जिसका लिहाज हर सहयात्री को होना ही चाहिए.
फूहड़ता को प्रेम कैसे कहेंगे
यहां अब उस मुस्लिम जोड़े की बात करना भी जरूरी है जिसका जिक्र शुरुआत में किया गया. उन्होंने भी सड़क पर प्रेम प्रदर्शन किया लेकिन 10 सेकंड और 1.18 मिनट में प्रेम कब अश्लीलता बन जाता है उसे इस वीडियो ने साबित कर दिया. प्यार करना अपराध नहीं, प्यार का इजहार करना भी अपराध नहीं, लेकिन पब्लिक प्लेस में प्रेम प्रदर्शन करते वक्त प्रेमियों को विवेक से काम लेना होगा. वरना प्रेम, प्रेम न रहकर फूहड़ता और अश्लीलता ही कहलाएगा.
अभी कुछ दिनों पहले मेट्रो में नाइजीरियन महिला के निर्वस्त्र होने का वीडियो काफी चर्चित हुआ था. एक महिला ने बहस करते वक्त अपनी टीशर्ट उतार दी और उससे फाइट करने की धमकी भी दी थी. उस वक्त लोगों ने वो वीडियो देखकर उस महिला को टीशर्ट उतारने पर न जाने क्या क्या कह दिया था. 'पब्लिक प्लेस में कपड़े उतार दिए... वगैरह वगैरह'. कोई ये मानने को तैयार ही नहीं था कि भारतीयों की भी उस मामले में कोई गलती हो सकती है. पर इस वीडियो को देखकर आप क्या कहेंगे, जगह वही है, पर इस बार कोई नाइजीरियन नहीं बल्कि भारत के ही लोग हैं. पब्लिक प्लेस में ये जो कुछ भी हो रहा है वो कितना स्वीकार करने योग्य है, फैसला समाज ही करे तो अच्छा.
ये भी पढ़ें-
आपकी राय