मोदी-बाइडेन की जुगलबंदी, और फिर कलेजा छलनी करने वाले चुटकुले ही चुटकुले
भारत में कई लोगों का मानना है कि बीते दिनों अमेरिका (USA) का रुख भारत (India) के प्रति काफी कड़ा रहा है. लेकिन, जी-7 सम्मेलन (G7 Summit) में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच दिखी जुगलबंदी को देख बहुत से लोगों के दिलों पर सांप लोट गए होंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 देशों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए जर्मनी की यात्रा पर हैं. और, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने G7 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से गर्मजोशी से मुलाकात की. और, इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अचानक से वायरल हो गया. वैसे, बात मुलाकात तक ही सीमित होती, तो इस वीडियो की क्या ही चर्चा होती. तो, मामला ये है कि जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी सभी जस्टिन ट्रूडो और इमैनुअल मैंक्रो व अन्य राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात कर रहे थे. इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कुछ दूरी से चलकर पीएम मोदी की तरफ आते हैं. इस दौरान पीएम मोदी का ध्यान जस्टिन ट्रूडो की ओर ही होता है. और, जो बाइडेन पीछे से पीएम मोदी की पीठ थपथपा कर उन्हें इशारा करते हैं. पीएम मोदी पीछे मुड़कर देखते है. और, अमेरिकी राष्ट्रपति को खड़ा देख पूरी गर्मजोशी से उनसे हाथ मिलाते हैं. खैर, ये वीडियो बताने के लिए काफी है कि भारत और पीएम नरेंद्र मोदी का कद पश्चिमी देशों के साथ ही पूरी दुनिया में कितनी तेजी से बढ़ रहा है.
#WATCH | US President Joe Biden walked up to Prime Minister Narendra Modi to greet him ahead of the G7 Summit at Schloss Elmau in Germany.(Source: Reuters) pic.twitter.com/gkZisfe6sl
— ANI (@ANI) June 27, 2022
लेकिन, भारत में ही कई लोगों का मानना है कि बीते दिनों अमेरिका का रुख भारत के प्रति काफी कड़ा रहा है. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2021 की रिपोर्ट में भारत को आड़े हाथों लिया गया था. पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा प्रवक्ताओं की ओर से की गई टिप्पणियों की भी अमेरिका ने आलोचना की थी. वो अलग बात है कि इन दोनों ही मामलों पर भारत की ओर से दो टूक शब्दों में अमेरिका को उसी की भाषा में समझा दिया गया था. खैर, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच की इस जुगलबंदी को देखकर इस वीडियो का सोशल मीडिया पर वायरल होना तय था. तो, हो गया.
अब समस्या ये है कि भारत को अंतराष्ट्रीय मंचों पर अपने एजेंडे के तहत घेरने वाले उन तमाम लोगों के दिलों पर इस वीडियो को देखने के बाद सांप लोटना लाजिमी है. दरअसल, भारत में घटी किसी छोटी सी घटना को लेकर भी सीधे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाकर माहौल बनाकर दबाव बनवाने की रणनीति के तहत काम करने वालों के लिए मोदी-बाइडेन की जुगलबंदी का यह वीडियो कष्टकारी तो है ही. वैसे, इतने पर ही बात रूक जाती तो फिर भी ठीक था. लेकिन, अब इस वायरल वीडियो के साथ कलेजा छलनी करने वाले चुटकुलों की लाइन भी लगा दी गई है.
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ऐसी मुलाकात के बारे में किसने सोचा होगा?
दिल की तसल्ली के लिए मोदी को बनाया सैंटा क्लॉज
एक यूजर ने लिखा है कि मोदी को बधाई देने के लिए जाते बाइडेन को देखने के बाद वामपंथी और वंशवाद के पक्षधर : अरे चिंता मत करो, बाइडेन अभी भी मोदी से नफरत करता है. उसने (जो बाइडेन) सोचा कि उसे सैंटा क्लॉज दिख गया. बता दें कि 2002 के गोधरा दंगों के बाद अमेरिका ने तत्कालीन गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था. और, ऐसा करने के लिए भारत के इन्हीं लोगों ने अमेरिका को चिट्ठी लिखी थी. जो कथित तौर पर मानवतावादी (आतंकी याकूब मेनन की फांसी रोकने के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले), बुद्धिजीवी (हर मामले पर विदेशी अखबारों में भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने वाले) समुदाय से आने वाले लोग हैं. वैसे, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों पर एसआईटी की रिपोर्ट को सही मानते हुए जाकिया जाफरी के केस को कठोर शब्दों में निंदा के साथ खारिज कर दिया है.
ये दुख खत्म काहे नहीं होता है
वैसे, एक यूजर ने लिखा है कि ऊपरवाला भी बहुत निर्मम है. मोदी विरोधियों के दुख कम होने ही नहीं देता है. गजबे है. वहीं, एक यूजर ने एक शायरी लिखते हुए कहा है कि कभी जो फुर्सत मिले तो मुड़कर देख लेना मुझे, तेरी नजरों से घायल होने की चाहत मुझे आज भी हैं. खैर, देखा जाए, तो जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने जितनी गर्मजोशी के साथ पहुंचे थे. तो, इस शायरी को बल तो मिलता ही है. वहीं, एक यूजर ने लिखा है कि मामले को इससे बेहतर तरीके से घुमाया जा सकता है कि बाइडेन ही एकमात्र वैश्विक नेता हैं, जिनके पास इस बात का साहस है कि वह एक फासीवादी के पास आत्मविश्वास भरी मुस्कान के साथ चलकर जाते हैं. उनकी आंखों में देखते हैं, उनका हाथ पकड़ते हैं. और, उनसे कहते हैं कि अब इसे रोकने का समय आ गया है. दरअसल, ये यूजर उन बुद्धिजीवियों पर निशाना साध रहा था, जो पीएम मोदी को फासीवादी कहते हैं.
PM @narendramodi with @POTUS @JoeBiden, @President @EmmanuelMacron and PM @JustinTrudeau at the G-7 Summit in Germany. pic.twitter.com/PFaKKqfGu4
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2022
एक यूजर ने लिखा है कि लिबरल के लिए एक और बर्नोल मोमेंट, सुपर पावर अमेरिका आज भारत को ढूंढ रहा है. वहीं, एक यूजर ने लिखा है कि शादी के समारोह में फूफा जी अपने लिए अलग से पार्टी का इंतजाम करने की बात कह रहे हैं. वहीं, एक यूजर ने लिखा है कि मोदी विरोधियों का सबसे बुरा सपना सच हो रहा है. खैर, कहना गलत नहीं होगा कि इन चुटकुलों से इतर भारत एक देश के तौर पर अब अमेरिका जैसी सुपर पावर को भी आंखें दिखाने से परहेज नहीं करता है. पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद भारत उससे सस्ता तेल खरीद रहा है. और, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में अमेरिका को उसी की धरती पर भारत से पहले यूरोपीय देशों को नसीहत देने की बात कही थी.
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