Bullibai क्या है? कौन हैं जो इतनी गहरी और घिनौनी साजिश रचते हैं
सुल्ली डील्स के बाद बुल्ली बाई ऐप को लेकर विवाद देखने में आ रहा है. ऐप पर कई महिलाओं की पर्सनल जानकारी साझा कर उनकी बोली लगाईं गई है.
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सोशल मीडिया पर एक ऐप की चर्चा है. ऐप है बुल्ली बाई. सोशल मीडिया पर तमाम महिलाओं ने पिछले दो दिनों में ऐप को लेकर शिकायत की है. आरोप है कि यहां उनकी नीलामी हो रही है. खासकर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है. ऐप पर महिलाओं की तस्वीर अपलोड की गई है. इसका खालिस्तानी कनेक्शन भी सामने आ रहा है. मामले में दिल्ली में साउथ ईस्ट पुलिस के साइबर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है. पूरे मामले में तमाम दलों ने भे गंभीर सवाल उठाए हैं. केंद्र सरकार ने पूरे मामले का संज्ञान लिया है. आइए बुल्ली ऐप से जुड़े विवाद की पड़ताल करते हैं.
क्या है बुल्ली बाई ऐप?
गिटहब ( Github) माइक्रोसॉफ्ट का एक ओपन सोर्स होस्टिंग प्लेटफॉर्म है. यहां अलग-अलग तरह के ऐप मिल जाएंगे. गिटहब ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां कोई ऐप्स बना सकता है और उसे साझा कर सकता है. यहां ऐप बनाने के लिए सिर्फ ईमेल की जरूरत पड़ती है. किसी यूजर ने बुल्ली बाई ऐप को इसी प्लेटफॉर्म पर बनाकर साझा किया. Bullibai.github.io यूआरएल से ऐप होस्ट हुआ है. यहां महिलाओं खासकर मुस्लिम महिलाओं की फोटो चोरी छुपे डाला जाता है और फिर इंटरनेट पर उनकी बोली लगाईं जाती है. उन महिलाओं को निशाना बनाया जाता है जो सोशल मीडिया पर मुखर रहती हैं और उन्हें फॉलो करने वालों का ठीकठाक बेस है.
प्रतीकात्मक फोटो
ऐप खोलने पर ही किसी महिला की फोटो आती है और उसे बुल्ली बाई ऑफ़ द डे बताया जाता है. इसे बुल्ली बाई हैश टैग के साथ ट्विटर जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर साझा और ट्रेंड कराया जाता है. महिलाओं का ट्विटर हैंडल भी साझा किया जाता है. यह ऐप ज्यादा पुराना नहीं है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इसे हाल ही में बनाया गया है. हालांकि इसके पीछे कौन है अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है. मगर विवाद सामने आने के बाद ऐप हटाया जा चुका है और इससे जुड़े तमाम सोशल प्लेटफॉर्म भी सस्पेंड हो चुके हैं.
बुल्ली बाई को लेकर विवाद क्यों और कैसे शुरू हुआ?
मामला नए साल पर तब सामने आया जब एक मुस्लिम पत्रकार इस्मत आरा ने सोशल मीडिया पर शिकायत की. इस्मत आरा की फोटो भी कुछ पंजाबी टेक्स्ट के साथ बुल्ली बाई ऐप पर नीलामी के लिए डाली गई थी. इस्मत आरा ने इसे मुस्लिम महिलाओं के घृणा की भावना करार दिया. इस्मत के ट्वीट पर कुछ अन्य महिलाओं ने भी ऐसी ही शिकायत की है. हालांकि इस्मत के अलावा हिंदू और सिख पहचान वाली महिलाओं को भी निशाना बनाए जाने का दावा किया जा रहा है. और सिर्फ पत्रकार ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों की महिलाओं को भी निशाना बनाया गया है. इस्मत के ट्वीट को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई दिग्गजों ने साझा कर आलोचना की और मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक़ बुल्ली बाई अपने आप में अपमानजनक शब्द है जिसका इस्तेमाल खासतौर पर मुस्लिम महिलओं के खिलाफ हो रहा है.
It is very sad that as a Muslim woman you have to start your new year with this sense of fear & disgust. Of course it goes without saying that I am not the only one being targeted in this new version of #sullideals. Screenshot sent by a friend this morning.
pic.twitter.com/pHuzuRrNXR
— Ismat Ara (@IsmatAraa) January 1, 2022
बुल्ली बाई ऐप का सुल्ली डील्स से क्या संबंध है?
अभी कुछ दिन पहले सुल्ली डील्स नाम का एक ऐप दिखा था. आरोप है कि यहां भी मुसलमानों खासकर महिलाओं को अपमानित करने वाली गतिविधियां नजर आईं. मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें उनके अलग-अलग तस्वीरें और उनसे जुड़ी जानकारियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से उठाकर साझा की गईं उन्हें ऐप पर अपलोड किया गया. सोशल मीडिया पर एक धड़े ने इसके पीछे कट्टर हिंदुत्ववादी समर्थकों का हाथ बताया. जबकि दूसरा पक्ष इसे खालिस्तानी और मुस्लिम कट्टरपंथियों से जो ऐप के जरिए हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश मान रहे हैं. तमाम शिकायतों के सामने आने के बाद ऐप को बंद कर दिया गया था.
बुल्ली बाई से जुड़ा खालिस्तानी कनेक्शन क्या है ?
बुल्ली बाई को किसने बनाया है और इसका असल मकसद क्या है यह अभी जांच का विषय है. हालांकि ऑप इंडिया की रिपोर्ट्स में खालिस्तानी कनेक्शन की बात भी सामने आ रही है. इसके मुताबिक़ बुल्ली ऐप के पीछे "खालिस्तान" के समर्थक हैं. ये लोग भारतीय जेलों में बंद खालिस्तानी आतंकियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. अस्सी के दशक में पाकिस्तान के उकसावे पर सिख चरमपंथियों ने सिखों के लिए अलग देश के रूप में खालिस्तान की मांग की थी. नागरिकता क़ानून और किसान आंदोलन के बाद 'खालिस्तान आंदोलन के उभार' की कोशिशों की आशंका प्रकट की जाती रही है. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि इसके पीछे विदेशी ताकतें हैं जो खालिस्तान आंदोलन और मुस्लिम महिलाओं का सहारा लेकर देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. दावा यह भी किया जा रहा है कि बुल्ली ऐप के निशाने पर असल में हिंदू कट्टरपंथी हैं.
सरकार ने क्या किया, विपक्ष ने कैसे सवाल उठाए?
शिकायतों के सामने आने के बाद बुल्ली बाई ऐप को हटा दिया गया है. दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश में भी अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है. मामले के तूल पकड़ने के बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सफाई दी है. उन्होंने गिटहब के हवाले से बताया कि ऐप बनाने वाले यूजर को ब्लॉक किया जा चुका है. मामले में जरूरी कार्रवाई हो रही है. हालांकि शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बुल्ली ऐप के बहाने सरकार पर तीखा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सुल्ली डील्स का मामला सामने आने के बाद सितंबर में प्रधानमंत्री को शिकायत की गई थी जिसका जवाब नवंबर में आया. विवादित ऐप को ब्लॉक तो किया गया लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.
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