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Updated: 21 नवम्बर, 2022 06:10 PM
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कर्नाटक के मंगलुरु में एक ऑटो रिक्शा में हुए विस्फोट के बाद घायल हुए संदिग्ध आतंकी मोहम्मद शरीक को गिरफ्तार किया गया था. बताया जा रहा है कि मंगलुरु विस्फोट मामले की जांच अब एनआईए करने जा रही है. वहीं, जांच एजेंसियों को मंगलुरु विस्फोट मामले में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद शरीक के घर से बड़ी मात्रा में विस्फोटक, नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत अन्य चीजों से उसके आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का सबूत मिला है. इन सबके बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर Milords ट्रेंड कर रहा है. आइए जानते हैं इसकी क्या वजह है...

Why Milords is trending on Social Media Mangaluru Blast injured passenger is prime suspect linked to Islamic Stateगिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी शरीक का कोयंबटूर में हुए ब्लास्ट में भी हाथ हो सकता है.

क्यों ट्रेंड कर रहा है Milords?

दरअसल, इसी महीने दिल्ली की एक अदालत ने 9 इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ सुनवाई के दौरान कहा था कि 'जिहादी साहित्य रखने भर से किसी को सजा नहीं दी जा सकती है. जब तक इनके जरिये किसी आतंकी घटना को अंजाम नहीं दिया जाता है. ऐसा करना संविधान प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन होगा.' दिल्ली की अदालत के इस फैसले के साथ सोशल मीडिया पर गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी मोहम्मद शरीक के मामले की तुलना की जा रही है.

क्योंकि, मोहम्मद शरीक भी लंबे समय से जांच एजेंसियों की रडार पर था. और, 2020 में लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान के समर्थन वाले भड़काऊ नारों को दीवारों पर लिखने के लिए गिरफ्तार किया जा चुका था. लेकिन, उस मामले में मोहम्मद शरीक को बेल मिल गई थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मोहम्मद शरीक के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं. जिनमें से दो मामलों में उस पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई थी. जिसमें शरीक तकनीकी कारणों से कोर्ट द्वारा बेल दे दी गई थी.

वैसे, अब तक जांच में पता चला है कि कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी मोहम्मद शरीक ने प्रेशर कुकर बम के जरिये एक मंदिर के बाहर धमाका करने की साजिश रची थी. लेकिन, प्रेशर कुकर बीच रास्ते में ही फट गया. शरीक ने इंटरनेट से बम बनाना सीखा था. इस दौरान शरीक के पास से एक हिंदू शख्स का आधार कार्ड भी बरामद हुआ है. जो साफ इशारा कर रहा है कि 26/11 के आतंकी हमलों की तरह ही इस हमले को भी हिंदू आतंकवाद बताने की कोशिश की जा रही थी.

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