क्या ईद पर हिंदू सेलिब्रिटीज का मुबारकबाद देना गलत है?
सोशल मीडिया के मूर्खों को कौन बताए कि सितारों का अपना सार्वजनिक जीवन है. उनके प्रशंसक हर धर्म, जाति, आयु, वर्ग और क्षेत्र में हैं. इनके प्रति सितारों की एक जिम्मेदारी भी है. उन्हें कब कैसे किसे विश करना है इसकी स्वतंत्रता है उन्हें.
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धार्मिक आधार पर सेलिब्रिटीज के ऊपर निशाना साधना सोशल मीडिया ट्रोल्स की कॉमन आदत बनती जा रही है. आए दिन कुछ ना कुछ दिखता ही रहता है. कुछ ट्रोल्स की प्रतिक्रियाओं को देखकर लगता है कि शाह रुख, सलमान खान दिवाली की बधाई नहीं दे सकते और अक्षय कुमार. अजय देवगन को ईद की मुबारकबाद नहीं देनी चाहिए. हिंदू त्योहारों पर शाह रुख-सलमान बधाई देकर सोशल मीडिया के "मुल्लों" के निशाने पर आ जाते हैं. अक्षय-अजय मुस्लिम त्योहारों की बधाई दें तो धर्मध्वजा के "आदि सेनापति" उन्हें घेर लेते हैं. इसका ताजा शिकार सोनम कपूर आहूजा और डेजी शाह हैं.
ईद पर सोनम कपूर ने रणबीर कपूर के साथ अपनी फिल्म सांवरिया की एक क्लिप साझा करते हुए मुबारकबाद दी थी. एक ट्रोल को उनकी बात पसंद नहीं आई. ट्रोल ने वाहियात रिएक्शन में सोनम से पूछा- "इस पोस्ट के लिए कितने पैसे मिले." इसके बाद तो एक्ट्रेस ने ट्रोल की शिकायत करते हुए उसे ब्लॉक कर दिया. बॉलीवुड एक्ट्रेस डेजी शाह की ईद पोस्ट पर भी वाहियात सुनने को मिल रही है. डेजी ने ईद की बधाई दी, जिसपर एक ट्रोल ने एक्ट्रेस के लिए लिखा- तू हिंदू है पहले ढंग से अपने धर्म को संभाल ले... मुस्लिम लोग उनका ईद संभाल लेंगे. अनपढ़ गंवार लोग.
डेजी ने भी पलटकर रिएक्शन का जवाब दिया और लिखा- मेरे पैरेंट्स ने मुझे हर धर्म की इज्जत करना सिखाया है. शायद आप सीखना भूल गए होंगे अपने बचपन में. कृपया घटिया सोच का ज्ञान कहीं और जाके बताइए. एक्ट्रेस ने एक और ट्रोल को जवाब में लिखा- मैडम दिवाली आती है साल के अंत में और वो जानने के लिए आपको फीड स्क्रोल करना होगा. पर बुद्धिहीन लोगों की यही दिक्कत है. बहस करने पहले उतर आते हैं. अक्ल का इस्तेमाल करना भूल जाते हैं.
किसी के प्रति इस तरह की घृणा से ट्रोल्स सिर्फ अपनी घटिया मानसिकता को ही उघाड़ रहे हैं और कुछ नहीं. यह सोशल मीडिया का सबसे खराब ट्रेंड है जहां हर आदमी दूसरे के लिए उपदेशक और चौकीदार की भूमिका में आ जाता है. भले ही वो खुद तमाम एटीकेट फॉलो नहीं करता हो. सोशल मीडिया पर लोगों की ये जो आदत दिखती है असलियत में एक बीमारी है. बेमतलब की प्रतिक्रियाओं से लोग ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोग लगभग हर धर्म और जाति समूह में हैं. किसी ना किसी बहाने लोगों को निशाना बनाना इनकी फितरत है.
कई सेलिब्रिटी तो ट्रोल्स से इतने परेशान हुए कि उनकी सोशल सक्रियता ही कम हो गई. कुछ ने सोशल पॉलिटिकल इशूज पर लिखना ही बंद कर दिया. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद करण जौहर के पीछे सोशल मीडिया का एक ग्रुप इस कदर पड़ा कि करण कई दिनों तक चुपचाप रहे. अरे भाई, सोनम या डेजी शाह ईद की बधाई दें और सलमान-शाहरुख दिवाली की, इससे आपको क्या दिक्कत है? पूरा देश तो आपकी लाठी के हाकने से नहीं चलेगा ना.
सोशल मीडिया के मूर्खों को कौन बताए कि सितारों का अपना सार्वजनिक जीवन है. उनके प्रशंसक हर धर्म, जाति, आयु, वर्ग और क्षेत्र में हैं. इनके प्रति सितारों की एक जिम्मेदारी भी है. उन्हें कब कैसे किसे विश करना है इसकी स्वतंत्रता है उन्हें. हम आप कौन होते हैं उनको रोकने और ताकझांक करने वाले. अगर सितारों से दिक्कत है तो जाकर अपनी वाल, हैंडल और स्टोरी में भड़ास निकालिए.
लेकिन आपकी असल दिक्कत तो ध्यान खींचना है. भले ही इसके लिए किसी को गाली ही क्यों ना देना पड़े. और ध्यान खींचने के लिए सितारों की पोस्ट से अच्छी जगह और क्या हो सकती है. बधाई संदेशों में सितारों ने तो किसी की धार्मिक भावना को आहत नहीं किया है. ट्रोल्स ख्वामखां आहत हो रहे हैं.
और इन सबके बीच सितारों को क्या कहें? प्रचार खोजने वाले एक्टर भी ऐसे बखेड़ों में मौका सूंघते रहते हैं. सबकुछ लिखने से पहले मैंने कुछ दूसरे सितारों की ईद पोस्ट को स्कैन किया. वहां भी तमाम ट्रोल्स ने वैसी ही प्रतिक्रियाएं लिखी जिस तरह सोनम और डेजी के पोस्ट पर थीं. जितना मैं चेक कर पाया उसमें नहीं दिखा कि किसी एक्टर ने मामूली ट्रोल को भाव दिया हो. भई एक सितारे की पोस्ट पर हजार-हजार की संख्या में लोग अच्छा-बुरा लिखते हैं. मगर सितारे कभी-कभार किसी एक को जवाब देकर सुर्खियां बटोर लेते हैं. संभवत: पीआर के लिए ही हो ये सब.
अगर पीआर स्टंट नहीं है तो ऐसे मामूली ट्रोल्स को कम्प्लेन कर इग्नोर कर दीजिए बस. आखिर घटिया चीजों की इतनी मुनादी क्यों.
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