अच्छा हुआ ये हेलिकॉप्टर सर्जिकल स्ट्राइक में नहीं था
9 जनवरी को दिल्ली में परेड की रिहर्सल के दौरान हुआ हादसा कुछ ऐसे सवाल खड़े कर रहा है, जिस पर सरकार और सेना प्रमुख जवाब देना जरूरी है.
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सर्जिकल स्ट्राइक का दिन तो सभी को याद होगा. जब सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. सेना के इस कदम की तो तारीफ हुई ही, साथ ही मोदी सरकार की भी खूब तारीफ की गई. लेकिन क्या सेना के जवानों को सरकार की तरफ से उस हिसाब से सुविधाएं और सहूलियत दी जाती हैं, जितना मुश्किल काम वो करते हैं? अगर दी जाती हैं तो क्या ये सब जवानों को मिलता है या फिर यहां भी भ्रष्टाचार मुंह खोले बैठा रहता है? 9 जनवरी को दिल्ली में परेड की रिहर्सल के दौरान हुआ हादसा कुछ ऐसे ही सवाल खड़े कर रहा है, जिस पर सरकार और सेना प्रमुख जवाब देना जरूरी है.
सेना के 3 जवान घायल
15 जनवरी को भारतीय सेना अपना आर्मी डे मनाएगी. इस मौके पर खास परेड निकाली जाती है, जिसे लिए 9 जनवरी को रिहर्सल की जा रही थी. रिहर्सल के दौरान ध्रुव हेलिकॉप्टर से सेना के जवान रस्सी के सहारे नीचे उतर रहे थे. इसी दौरान अचानक हेलिकॉप्टर में बंधी रस्सी का हुक टूट गया और 3 जवान सीधे जमीन पर आ गिरे. सेना के अनुसार जवानों को गंभीर चोट नहीं लगी है. भले ही सेना के जवानों को गंभीर चोट नहीं लगी, लेकिन सेना के हेलिकॉप्टर का हुक टूट जाना बड़े सवाल खड़े करता है. अपनी जान खतरे में डालकर सेना के जो जवान हेलिकॉप्टर से रस्सी के सहारे नीचे उतरते हैं, उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना सेना के अधिकारियों की और सरकार की जिम्मेदारी है. आखिर वो लोहे का हुक इतना कमजोर क्यों था, जो कुछ जवानों के वजन से ही टूट गया? क्या पहले ही उसमें कोई दरार पड़ रही थी? अगर ऐसा कुछ था तो हेलिकॉप्टर की सुरक्षा जांच में उसका पता क्यों नहीं चला? यह सारे सवाल सैन्य अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं.
Terrifying accident caught on cam: 3 Indian Army soldiers fall from Dhruv chopper after rapple snaps during slithering ops rehearsal for Army Day parade. Thankfully Army confirms 'no serious injuries to any of the three'. pic.twitter.com/s37aaARYqj
— Mohit Grover (@mohitgroverAT) January 11, 2018
सर्जिकल स्ट्राइक में ऐसा हो जाता तो...
जरा सोचिए, दिल्ली में परेड रिहर्सल के दौरान जो हादसा हुआ, अगर ऐसा 28 सितंबर 2016 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हो जाता तो क्या होता? अगर ऐसी घटना उस दौरान हो जाती तो जिस सर्जिकल स्ट्राइक में सेना के जवानों ने बिना किसी नुकसान के कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था, शायद वो मिशन खतरे में पड़ जाता. खैर, सर्जिकल स्ट्राइक में एमआई-17 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था, जबकि दिल्ली में हुआ हादसा देश में बने ध्रुव हेलिकॉप्टर में हुआ है.
3 साल में 35 विमान हादसे
20 दिसंबर 2017 को संसद में देश के रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने जो आंकड़े दिए, वह भी डराने वाले हैं. उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में कुल 35 विमान हादसे हो चुके हैं, जिनमें 14 पायलट अपनी जान गंवा चुके हैं. इन विमानों में 11 हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं. सभी हादसों में या तो तकनीकी खामी पाई गई या फिर मानवीय चूक इन हादसों का सबब बने.
484 हेलिकॉप्टर बदलने की जरूरत
पुराने हो चुके एयरक्राफ्ट्स, खराब मेंटेनेंस और पायलटों को अपर्याप्त प्रशिक्षण क्रैश रेट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हैं. इन पुराने विमानों को न बदला जाना फिर से किसी दुर्घटना को न्योता दे सकते हैं. आपको बता दें कि सशस्त्र सेना बलों में कुल 484 ऐसे हल्के हेलिकॉप्टर (सिंगल इंजन चीता/चेतक) हैं, जिन्हें जल्द से जल्द बदलने की जरूरत है.
सेना दिवस पर परेड और हथियारों का प्रदर्शन दुनिया को अपनी ताकत दिखाने और देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए किया जाता है. लेकिन अगर इस तरह की लापरवाही होंगी, तो न तो हमारी सेना या हथियारों से कोई देश डरेगा, ना ही कोई युवा जबरन अपनी जान खतरे में डालेगा. सेना में भर्ती होने वाला हर शख्स देश के लिए मरने-मिटने को तैयार होता है. वह देश के दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद होने से नहीं डरता, लेकिन अगर उनके हथियार या उपरकरण ही उनकी जान के लिए खतरा बन जाएंगे, तो कोई भी सेना में शामिल होने से पहले डरेगा.
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