ओबामा जी, बाल्टीमोर के दंगों से हम क्या सीखें !
बाल्टीमोर के दंगों की विभीषिका चौंकाने वाली है. अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट के 50 साल बाद भी रंगभेदी मानसिकता जस की तस है.
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प्रिय ओबामा जी,
मैं खुश था कि भारत आगमन पर आपने सांप्रदायिक सौहार्द्र की बात की थी और इशारों-इशारों में पिछले दिनों यहां हुए तनाव पर चिंता जताई थी. वैसे मैं तो क्या, पूरी दुनिया कान लगाए सुनती है कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्या कह रहे हैं. शायद इसलिए कि सभी ये मानकर चलते हैं कि अमेरिका में हालात आदर्श हैं और पूरी दुनिया को उस स्तर तक पहुंचने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए. लेकिन बाल्टीमोर के दंगों की विभीषिका चौंकाने वाली है. छह माह पहले फर्ग्यूसन में ऐसे ही लोग सड़कों पर उतरे थे. तब सड़क पर एक पुलिस अफसर ने अश्वेत युवक को गोली मार दी थी, इस बार पुलिस स्टेशन में ले जाकर एक अश्वेत की जान ले ली गई. महाशक्तिशाली ओबामा जी, विरोध सिर्फ एक अश्वेत की मौत का नहीं है, बल्कि उस रंगभेदी मानसिकता का है, जो अमेरिका में हुए सिविल राइट्स मूवमेंट के 50 साल बाद भी जस की तस है. दुनिया कम ही जानती है इन तथ्यों के बारे में-
1. अमेरिका में अश्वेतों की तादाद 13 फीसदी है. कुल ड्रग्स लेने वालों में भी अश्वेत 14 फीसदी हैं. लेकिन ड्रग्स से जुड़े अपराधों में गिरफ्तार लोगों में अश्वेतों की संख्या 37 फीसदी है.
2. अध्ययन ये कहता है कि पुलिस शंका होने पर किसी श्वेत के मुकाबले अश्वेत और लैटिन लोगों की तलाशी या हिरासत में लेने में ज्यादा तत्परता दिखाती है. तलाशी के लिए रोके जाने वालों में 85 फीसदी अश्वेत, जबकि 8 फीसदी श्वेत होते हैं.
3. हिरासत में लेने के बाद जिन लोगों पर मुकदमा चलाया जाता है, उनमें अश्वेतों की तादाद श्वेतों के मुकाबले 33 फीसदी ज्यादा है.
4. यूएस सेंटेंसिंग कमिशन ने 2010 में बताया था कि एक जैसे अपराध होने पर भी अश्वेतों को श्वेत अपराधियों के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा सजा मिलती है.
5. न्यूनतम अनिवार्य सजा पाने वालों में अश्वेत अपराधी श्वेत के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा होते हैं, जबकि ऐसे 20 फीसदी ज्यादा लोगों को जेल जाना पड़ता है.
6. अमेरिका में आजीवन कारावास पाने वालों में दो-तिहाई अपराधी अश्वेत होते हैं. न्यूयॉर्क में तो यह 83 फीसदी है.
7. ड्रग्स से जुड़े अपराधों के कारण जेल में बंद लोगों में अश्वेतों का अनुपात 57 फीसदी है.
8. यूएस ब्यूरो ऑफ जस्टिस का एक अध्ययन कहता है कि 2001 में जन्मे एक अश्वेत बालक के अपने जीवन में जेल जाने की आशंका 32 फीसदी है, लेटिनो की 17 फीसदी और श्वेत बालक के लिए यह आशंका 6 फीसदी है.
9. 2011 में हुए एक सर्वे के अनुसार 52 फीसदी अश्वेत लोगों ने श्वेत लैटिनो समुदाय के प्रति घृणा व्यक्त की थी.
10. एक रिपोर्ट के मुताबिक 18 वर्ष से कम आयु के अमेरीकियों में आधे अल्पसंख्यक वर्ग के हैं. यह ट्रेंड अमेरिका की आबादी में एक बड़े बदलाव का संकेत है. जिसके मुताबिक 2030 तक 18 वर्ष से कम आयु के लोगों में श्वेत अल्पसंख्यक रह जाएंगे. जबकि 2042 तक अमेरिकी की बहुसंख्यक आबादी अश्वेत होगी.
हालात और खराब न हों, इसलिए कुछ कीजिए ओबामा जी. चिंता इसलिए है कि अमेरिका में अश्वेतों के प्रति नफरत बढ़ती जा रही है. नासूर बनती इस रंगभेदी मानसिकता का आलम यह है कि एक पोल में 2008 में अश्वेत लोगों के खिलाफ 3 फीसदी लोगों ने अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं, जो 2012 में बढ़कर 51 फीसदी तक पहुंच गईं. अब आप तो सक्षम हैं. कुछ भी कर सकते हैं. कुछ ऐसा फॉर्मूला निकालिए कि लोगों के बीच यह कड़वाहट मिट जाए. और हो सकता है कि भारत भी उससे सीख सके. इस मामले में फिलहाल जितना काम यहां प्रधानमंत्री मोदी को करना है, उतना ही वहां आपको भी करना है. है ना ओबामा जी ?
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