आकांक्षा दुबे जैसे लोग क्यों जीवन का साथ छोड़ देते हैं?
आकांक्षा दुबे (Akanksha Dubey) की तरह सुसाइड करना इन दिनों जैसे न्यू नॉर्मल हो गया है. जाने वाले तो चले जाते हैं मगर अपने पीछे एक पीड़ा छोड़ जाते हैं, जिसकी तड़प उनके अपनों के मन में जिंदगी भर तड़पाती रहती है.
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भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे (Akanksha Dubey) ने वाराणसी के सारनाथ के एक होटल में सुसाइड (Suicide) कर लिया. वे तो दुनिया छोड़कर चली गईं मगर उनके माता-पिता और परिवार के दूसरे सदस्यों की हालत खराब है.
हम जब भी ऐसी खबरें सुनते हैं तो दुख तो लगता ही है साथ में गुस्सा भी आता कि आखिर सुसाइड करने वाले ने ऐसा फैसला क्यों लिया? क्यों उसने अपने लिए ऐसी मौत चुनी? अरे इस दुनिया से तो हम सभी को एक न एक दिन जाना ही है मगर इस तरह से सुसाइड करना इन दिनों जैसे न्यू नॉर्मल हो गया है. जाने वाले तो चले जाते हैं मगर अपने पीछे एक पीड़ा छोड़ जाते हैं, जिसकी कसक उनके अपनों के मन में जिंदगी भर तड़पाती रहती है.
अब सवाल यह है कि आकांक्षा दुबे जैसे लोग...जिनके पास दौलत होती, शोहरत होती है, जिंदगी के सारे ऐशों आराम होते हैं वे भला इस तरह दुनिया को अलविदा क्यों कहते हैं? असल में इनकी जिंदगी दो तरह की होती है. पहली जिंदगी, जो हमें दिखती है उसमें कोई परेशानी नहीं होती. उसमें ग्लैमर होता है, चकाचौंध होती है, सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स होते हैं मगर दूसरी यानी असल जिंदगी में ये लोग अकेले होते हैं.
इनकी जिंदगी सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित हो जाती है. ये आइसोलेशन में जिंदगी जीते हैं. फेमस होने के साथ ही ये धीरे-धीरे घरवालों और अपने लोगों से दूर होते जाते हैं. अकेलापन इनपर हावी होता जाता है. ये सोशल मीडिया को ही अपनी दुनिया बना लेते हैं. मगर असल दुनिया में तो मगरमच्छ जैसे लोग भी रहते हैं. ऐसे में ये खुद से भी लड़ते हैं और दुनिया से भी इनकी लड़ाई चलती रहती है.
भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे ने सारनाथ के एक होटल में सुसाइड कर लिया
सच तो यह है कि इनकी दुनिया एक मोबाइल में आकर समा जाती है. जहां फॉलोअर्स तो लाखों होते हैं मगर एक सच्चा साथी नहीं होता है. इन्हें जल्दी कामयाबी चाहिए होती है. ये दूसरे कामयाब लोगों की तरह बनना चाहते हैं और चाहते हैं कि कुछ भी करके औऱ नाम कमा लें. इनके पास जो शोहरत होती है वह काफी नहीं होती है, इन्हें और ऊंचाई पर जाना होता है. और जब वो ऊंचाई नहीं मिलती तो ये हतास हो जाते हैं. इनके पास जो होता है वह इनकी नजरों में पर्याप्त नहीं होता है. ऊपर से इन्हें जिंदगी में प्राइवेसी चाहिए होती है, इतनी अधिक प्राइवेसी कि उसमें माता-पिता भी दखल नहीं दे पाते हैं.
आकांक्षा दुबे को ही ले लीजिए. इनकी मां ने भोजपुरी सिंगर समर सिंह और उसके भाई पर एक्ट्रेस को टॉर्चर करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. आकांक्षा के परिजनों का कहना है कि 21 मार्च को आकांक्षा दुबे और सिंगर समर सिंह के भाई के बीच विवाद हुआ था. इसके बाद ही एक्ट्रेस को धमकी मिली थी. कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि आकांक्षा और समर सिंह रिलेशनशिप में थे. कहने का मतलब यह है कि एक्ट्रेस ने सुसाइड तो अब किया है मगर इनके माता-पिता तो उन्हें कबसे परेशान देख होंगो. सोचिए उनके दिल पर क्या गुजर रही होगी?
ऐसे लोगों के माता-पिता चिंता में मरे जाते हैं. भला कौन से ऐसे माता-पिता होंगे जो अपने बच्चे को डिप्रेशन में देखना चाहेंगे. कौन से माता-पिता चाहेंगे कि उनका बच्चा किसी से मिलना जुलना छोड़ दे. वह अकेला रह जाए.
बात तो यह भी है कि अगर इनकी जिंदगी में कोई पार्टनर आ जाए तो ये पूरी तरह उस पर डिपेंड हो जाते हैं. पता चलता है कि वह आगे चलकर धोखा दे देता है. वह इन्हें टॉर्चर करता है फिर भी प्यार में अंधे होकर वे उसी के साथ रहते हैं. माता-पिता ये सब देखकर दुखी होते हैं मगर इनकी माई लाइफ माई च्वाइस के आगे वे कुछ नहीं कर पाते हैं. वैसे भी ऐसे लोग एक उम्र के बाद माता-पिता की सुननी छोड़ देते हैं.
इन्हें कम उम्र में शोहरत मिल जाती है जिसे ये जीवन की सच्चाई मान लेते हैं. ये माता-पिता से विद्रोह कर एक अनजान दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं. ये इसे ही नई ऊंचाई हांसिल करना समझ लेते हैं. जबकि इस दुनिया में अधिकतर नशा, धोखा और फरेब से सिवा कुछ नहीं मिलता है. ऐसे हालात में अकेलापन घेर लेता है जिसका अंत अक्सर दुखद होता है...इसलिए सावधान रहने की जरूरत है.
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