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Updated: 22 जुलाई, 2015 10:07 AM
सोनिया चोपड़ा
सोनिया चोपड़ा
  @SoniaChopra28
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पिछले हफ्ते मैं अपने घर में सफाई कर रही थी, तभी सीएनएन के एक नियमित कार्यक्रम को रोककर यह ब्रेकिंग न्यूज दी गई. चट्टानूगा, टेनेसी में एक सैन्य ठिकाने पर हुई गोलीबारी में चार अमरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी.

इस घटना को अंजाम देने वाला शूटर शायद एक मुस्लिम था. मैंने सोचा और मुझे अपने आप पर तुरन्त शर्म आ गई. मैंने अल्पसंख्यकों पर एक तमगा लगा दिया. और वैसे मैं जल्द फैसले पर पहुंचने के खिलाफ हूं.

खासकर जब से मैं पत्रकार हूं. मुझे खुद पर गर्व है कि मैं एक प्रगतिशील, आगे की सोच रखने वाली व्यक्ति हूं. मैं बच्चों और महिलाओं के अधिकारों, मानवाधिकारों और लैंगिक समानता के लिए खड़ी होती हूं. मैं भी इसी सिद्धांत को मानने वाली हूं कि "दोष सिद्ध होने तक व्यक्ति निर्दोष होता है."

मैं अमेरिका से प्यार करती हूं क्योंकि वहां एक ही झंडे के नीचे सभी को पूरी आजादी है और सबको समान अधिकार की गारंटी है. गरीब, सताए हुए, सपने देखने वाले, उपलब्धि हासिल करने वाले और एक बेहतर जीवन की तलाश करने वाले सभी यहां आते हैं.

हम सब यहां बराबर हैं. एक निश्चित स्तर पर यह सच है लेकिन समय-समय पर यहां शांति भंग हो जाती है जब कोई मुसलमान धर्म के नाम पर अमेरिका की धरती पर अपराध करता है.

मैं बड़ी ही ईमानदारी के साथ ऑन रिकॉर्ड यह कहने जा रही हूं: मुसलमान बड़ी तेजी के साथ अमेरिका में सबसे ज्यादा नफरत किए जाने वाले अल्पसंख्यकों के रूप में उभर रहे हैं.

वे लोग अफ्रीकी अमेरिकियों और मेक्सिकन मूल के लोगों को पीट रहे हैं, यह सब "शीर्ष हिंसक अपराधियों" की श्रेणी में वर्चस्व का खेल नजर आता है.

इन जातियों के आपराधिक इतिहास में एक साफ अंतर है.

काले और मैक्सिकन लोग अपने निजी फायदे के लिए अपराध करते हैं और उसी के कारण हत्याएं व उत्पीड़न जैसे मामले सामने आते हैं.

लेकिन उनके अपराध देश के खिलाफ व्यवस्थित घृणा के साथ सिस्टमैटिक तरीके से नहीं किए जाते, यही विचारधारा है और उसके लोग हैं.

इन "समर्पित मुस्लिम" अपराधियों के साथ एक स्थापित पैटर्न है और यह लगभग कुत्सित नियमितता के साथ चलता है.

ये मुस्लिम शूटर्स देश के नागरिक हैं. ये सफल नहीं रहे हैं और एक वक्त पर या किसी किसी और वजह से ये जो कानून प्रवर्तन विभाग की नजर में आ गए हैं. जिसमें स्थानीय पुलिस या संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) भी हो सकते हैं. अंततः वे साफ निकल जाते हैं या शक के घेरे में होते हैं.

ऐसे में उन्हें कठिनाई इस तरह के मामलों का सामना करना पड़ता है: उनके घर के लिए आवेदन अस्वीकार कर दिए जाते हैं या उन्हें प्रतिष्ठित जगहों पर नौकरी के लिए इनकार कर दिया जाता है. और फिर वे किसी भी तरह "कट्टरपंथी" हो जाते हैं.

मध्य पूर्व की एक यात्रा इस चक्र को पूरा करती है. वे वापस अमेरिकी "कुत्ता" किराए पर लेते हैं और उस पर अमेरिकी सरकार का "शैतानी" व्यवहार और जितना जल्दी से आप "अल्लाहो अकबर" कह सकते हैं, की तुलना में वे गुस्से में गोलीबारी या एक बमबारी कर रहे हैं.

बिल्कुल चट्टानूगा वाले शूटर की तरह, जो लोग तस्वीरों में आते हैं वे हमेशा "समर्पित मुसलमान" होते हैं.

समाचार रिपोर्टों के मुताबिक पिछले 45 वर्षों में हुए 75 आतंकवादी हमलों में मुस्लिमों के हाथों अमेरिका में 3,106 लोगों की जान चले जाने का अनुमान है. इसमें 9/11 का घातक हमला भी शामिल है.

यहां देश के विभिन्न भागों से कुछ उदाहरण हैं: पिछले साल सितंबर में एक शरीयत अदालत ने इस्लामी आतंक जीत के लिए एक महिला को मौत की सजा दी. इससे पहले जून में दो समलैंगिकों की एक इस्लामी चरमपंथी संगठन ने हत्या कर दी और विदेश में मुस्लिमों की मौत का बदला लेने के लिए एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्र को गोलीमार कर मौत के घाट उतार दिया गया था.

अप्रैल में "मुस्लिम कट्टरपंथी" संगठन ने एक आदमी को मार दिया था. मार्च में एक मुस्लिम पिता ने अपनी समलैंगिक बेटी और उसकी प्रेमिका को गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी और मौका-ए-वारदात पर पवित्र कुरान का वह पेज खुला छोड़ दिया था जिसमें समलैंगिकता की निंदा की गई है.

2013 में एक दुकान के क्लर्क को कन्वर्ट हुए व्यक्ति ने चाकू से मार दिया था. बताया जाता है कि वह "अल्लाह के मिशन पर" था.

वहां हर साल मुसलमान कई 'सम्मान हत्याएं' कर रहे हैं और उन आंकड़ों को अलग से गिना जा रहा है.

और इस कारण निर्दोष पीड़ितों की मौत में वृद्धि हुई, इसलिए देश में मुसलमानों के खिलाफ असंतोष, क्रोध, बदले की भावना और पक्षपात पनपा है.

मैं एक छोटे से उपनगरीय शहर में रहती हूं और मैं हर दिन मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते शक और नफरत के सबूत देखती हूं.

पीड़ितों में सबसे ज्यादा स्कूल और कॉलेजों के बच्चे हैं.

कुछ महीने पहले एक स्थानीय हाई स्कूल में उत्साही लड़कियों के एक छोटे से समूह ने हिजाब डे मनाने का फैसला किया. उनका मानना था कि यह एक ऐसा दिन होगा कि सभी लड़कियां हिजाब (घूंघट) पहनेंगी, ताकि वे समझ सकें कि एक जवान मुस्लिम लड़की को हिजाब पहनने पर कैसा लगता है.

माता-पिता की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया बहुत ही क्रूर थी, वे इसके खिलाफ मुखर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब स्कूल ने लड़कियों को इस आइडिया को खत्म करने का फरमान जारी किया. इसमें क्या गलत था उन्होंने लड़कियों से अपने कार्यक्रम को "रद्द" करने के लिए कहा और इस बात पर जोर दिया कि यह उन्हीं का आइडिया था.

लड़कियों ने बात मान ली लेकिन उन्होंने इस मामले पर लोकल अखबार में अपनी राय का एक लेख सार्वजनिक कर दिया और सोशल मीडिया में भी कई पोस्ट डालकर अपनी नाराजगी जताई.

एक अन्य हाई स्कूल में एक मुस्लिम छात्र को गोरे बच्चों ने ताने मारे और उसके साथ लड़ाई की. उस मुस्लिम छात्र के भाई दजोखर तसारनेव को हाल ही में बोस्टन मैराथन बम विस्फोट मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. उसका किसी शहर या दोषी या पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है. वह छात्र सिर्फ मुसलमान था और जाहिर तौर पर उसके हमलावरों के लिए यह काफी था.

अमेरिका के हर छोटे शहर में इस तरह की शर्मनाक घटनाएं सामने आ रही हैं, कभी-कभी बात-चीत के जरिए और कभी-कभी सोशल मीडिया में इस तरह के मामले मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं.

हम यहां बैठ कर इस बात पर लंबी बहस कर सकते हैं कि किस तरह से अमेरिका की विदेश नीति और मध्य पूर्व में युद्ध इन हमलों के लिए जिम्मेदार हैं. हम भी अमेरिका में रहने वाले लाखों मुसलमानों को शांतिप्रिय और कानून के मानने वाले कह सकते हैं. और वे सफलतापूर्वक देश के रंग में रंग गए हैं इस पर बात की जा सकती है.

एक आप्रवासी रूप में हम सच्चाई से गवाही दे सकते हैं कि हमने कभी यहां कोई भेदभाव या किसी भी तरह की कठोरता को महसूस नहीं किया. अमेरिका एक दयालु और स्वागत करने वाला देश है लेकिन मुसलमानों के खिलाफ जनता का आक्रोश तेजी से बढ़ रहा है.

मुस्लिमों के खिलाफ गुस्सा और नफरत हर एक बुरी घटना का खुलासा होने के बाद और बढ़ जाता है और सभी मुसलमान एक दूसरे को दबकर रहने के लिए कहते हैं. ध्यान आकर्षित नहीं करते. आरोपों का जवाब नहीं देते हैं, भड़काने के लिए कुछ नहीं करते, उनके समुदाय के नेता उन्हें यही सलाह देते हैं.

क्या ऐसे जीने के लिए कोई और रास्ता है? क्या यह किसी भी अपराध में निर्दोष लोगों के लिए ठीक है? कैसे हम इंसान के रूप में इस देश में सभी को निष्पक्षता और समानता देने की बात को सही ठहराते हैं?

और क्या मैं हकीकत में इस मामले पर एक और पत्थर उछाल सकती हूं? मैं एक शिक्षित पत्रकार जो जल्दी से इस नतीजे पर पहुंच गई कि शूटर एक मुस्लिम है हमेशा वहां नफरत एक अपराध है?

लेकिन क्या आप मुझे दोष दे सकते हैं अगर यह एक सुसंगठि‍त पैटर्न है?

#मुस्लिम, #अमेरिका, #समाज, मुस्लिम, इस्लाम, विरोध

लेखक

सोनिया चोपड़ा सोनिया चोपड़ा @soniachopra28

लेखिका अमेरिकी पत्रकार और स्तंभकार हैं.

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