नव्या-आराध्या के नाम अमिताभ के खत को हर महिला को पढ़ना चाहिए!
सदी के महानायक अमिताभ बच्चने अपनी नातिन नव्या नवेली और पोती आराध्या के नाम खत लिखकर उन्हें अपनी शर्तों पर जीवन जीने की सीख दी है, ये खत हर लड़की और महिला के लिए सीख है!
-
Total Shares
एक महिला होना कितना मुश्किल होता है खासकर पुरुषवादी सोच वाले समाज में. अपने अस्तित्व और पहचान के लिए उसका संघर्ष, ये तो हर महिला आपको बता देगी. उनके जीने के ढंग से लेकर, जीवन के लक्ष्य, कर्तव्य, अधिकार सबकुछ दूसरे ही तय करते हैं या तय करना चाहते हैं.
या यूं कहें एक महिला के पूरे जीवन पर बंदिशों और सीमाओं का इतना मजबूत घेरा जकड़ दिया जाता है कि वह शायद ही उससे बाहर कभी निकल पाती है. अक्सर ये सीमाएं और बंदिशें पुरुषों की ही बनाए हुए होते हैं. लेकिन क्या एक आम महिला और एक सेलिब्रेटी महिला के जीवन में अंतर होता है? क्या किसी महिला के नाम के आगे कोई चर्चित सरनेम लगे होने से उसे आम महिलाओं को होने वाली इन सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है.
तो शायद ऐसा नहीं है, महिला तो महिला ही होती है फिर चाहे वह एक आम महिला हो या सेलिब्रेटी, उन दोनों को जीवन में एक महिला होने की वजह से काफी हद तक एक जैसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शायद इसीलिए जब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी नातिन नव्या नवेली और पोती आराध्या के नाम खत लिखकर उन्हें महिलाओं पर थोपी जाने वाली बंदिशों और प्रतिबंधों से अलग होकर जीवन को अपने शर्तों पर जीवन देने की सीख दी.
T 2369 - I write ... a letter .. because I wanted to .. !! pic.twitter.com/l2xUPf1TBa
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) September 4, 2016
अमिताभ बच्चन अपनी नातिन नव्या नवेली के साथ |
तो ये खत न सिर्फ नव्या और आराध्या बल्कि हर महिला के एक नाजीर बन गया कि कैसे महिलाओं को रोकटोक के बंधनों से इतर अपना जीवन अपनी मर्जी से जीना चाहिए, वह भी बिना किसी की परवाह किए.
यह भी पढ़ें: शरारती बेटे के नाम मां का लिखा अनोखा खत हुआ वायरल
अपनी पोती आराध्या के साथ अमिताभ बच्चन |
पढ़िए अमिताभ बच्चन द्वारा अपनी पोती आराध्या और नातिन नव्या नवेली के लिए लिखा गया पूरा खत-
तुम दोनों के नाजुक कंधों पर बहुमूल्य विरासत की जिम्मेदारी है- आराध्या, तुम्हारे परदादाजी, डॉ. हरिवंश राय बच्चन...और नव्या, तुम्हारे परदादाजी, श्री एचपी नंदा जी की विरासत. तुम दोनों के परदादाजी ने तुम्हें सरनेम दिए, ताकि तुम ख्याति और सम्मान का आनंद उठा सको!भले ही तुम दोनों नंदा या बच्चन हो लेकिन तुम दोनों लड़की हो...महिला भी हो!
और क्योंकि तुम महिला हो, लोग तुम पर अपनी सोच, अपना दायरा थोपेंगे. वे तुम्हें कहेंगे कि कैसे कपड़े पहनो, कैसे व्यवहार करो, किससे मिलो और कहां जाओ.
लोगों के विचारों में दबकर मत रहना. अपने विवेक से अपनी पसंद खुद तय करो.
किसी को भी ये तय करने का हक मत देना कि तुम्हारे स्कर्ट की लंबाई तुम्हारे चरित्र का पैमाना है. किसी को भी ये तय करने का हक मत दो कि तुम्हारे दोस्त कौन होने चाहिए, तुम्हें किससे दोस्ती करनी चाहिए. किसी भी वजह से शादी मत करो जब तक कि तुम शादी न करना चाहो.
लोग बाते करेंगे. वे बहुत ही ही बुरी चीजें कहेंगे. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि तुम सबकी बातें सुनो. इस बात की कभी परवाह मत करो-लोग क्या कहेंगे. अंत में अपने लिए गए फैसलों का परिणाम का सामना सिर्फ तुम्हें ही करना होगा. इसलिए दूसरों को अपने लिए फैसले मत लेने दो.
नव्या-तुम्हारे नाम और सरनेम की वजह से तुम्हें मिला विशेषाधिकार उन मुश्किलों से तुम्हें नहीं बचाएगा जिनका सामना एक महिला होने के कारण तुम्हें करना पड़ेगा.आराध्या-जिस समय तुम इसे देखोगी या समझोगी, हो सकता है मैं तुम्हारे आसपास न रहूं. लेकिन मुझे लगता है कि आज जो मैं कह रहा हूं वह उस समय भी प्रासंगिक रहेगा. यह महिलाओं के लिए एक मुश्किल, मुश्किल दुनिया हो सकती है लेकिन मुझे यकीन है कि तुम जैसी महिलाएं ही इसे बदलेंगी. अपनी खुद की सीमाएं बनाना, अपनी पसंद तय करना, लोगों के फैसलों से ऊपर उठना, हो सकता है ये आसान न हो. लेकिन तुम!... लेकिन तुम हर महिला के लिए एक उदाहरण बन सकती हो.
ऐसा ही करना और तुम दोनों अब तक मैंने जितना किया है उससे कहीं ज्यादा करोगी, और यही मेरे लिए सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन नहीं बल्कि तुम्हारे नाना और दादाा के तौर पर जाना जाऊं!!
अमिताभ बच्चन ने भले ही ये खत अपनी नातिन-पोती के नाम लिखा हो लेकिन इसमें दी गई बहमूल्य सीख हर लड़की और महिला के लिए है!
यह भी पढ़ें: बिना पते के सही जगह पहुंचा खत हुआ वायरल, जानिए कैसे?
आपकी राय