पोर्न वाली बात पर मध्यप्रदेश के मंत्री को ट्रोल करने से पहले ये जान लें...
मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने कहा है कि पोर्न देखना रेप की वजह है. ये स्टेटमेंट पूरी तरह से अगर सही नहीं कहा जा सकता तो गलत भी नहीं कहा जा सकता. कुछ तथ्य जो इस बयान का समर्थन कर रहे हैं.
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मध्यप्रदेश से एक खबर आई है. होम मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते रेप का कारण पोर्न है और ये उनके द्वारा की गई जांच में सामने आया है. मध्यप्रदेश ने 25 पोर्न साइट्स बैन कर दी हैं, लेकिन ये काफी नहीं है और पूर्णत: बैन लगाना होगा.
सुनिए बयान..
इस बयान के आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लगातार मंत्री जी को ट्रोल किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि भारत इसी लिए तरक्की नहीं कर पा रहा है, ऐसी मानसिकता के लोग हैं और वगैराह-वगैराह. रेप के लिए पोर्न पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है ये तो सही है, लेकिन क्या बिलकुल भी नहीं है?
इसपर बहस करने से पहले गुजरात की एक और खबर जान लीजिए...
खबर है गुजरात से .. जहां एक 22 साल के लड़के ने अपनी ही मां के साथ रेप कर दिया. वो लड़का घर में पहले भी अपनी मां से ऐसा करने को कह चुका है, लेकिन इस बार मौका पाकर उसने रात के एक बजे ऐसा किया. मां के कमरे में पानी पीने का बहाना लेकर आया और मां के साथ बलात्कार किया. वो लड़का पोर्न देखने का आदी था और कई बार अपनी मां और बहन के सामने भी ये हरकत कर चुका था.
ये तो एक केस है, लेकिन भारत के साथ-साथ दुनिया भर में ऐसे केस सामने आए हैं जहां सीरियल रेपिस्ट पोर्न से जुड़े हुए हैं.. चलिए कुछ उदाहरण देखते हैं...
1. पहला किस्सा भारत का है. दिल्ली का रविंदर कुमार, जिसे बच्चों का सीरियल रेपिस्ट कहा गया था. 24 साल के इस रेपिस्ट की आदत थी कि वो दो से 12 साल तक के बच्चों को अपना निशाना बनाता था. उन्हें मार देता था, फिर लाश के साथ रेप करता था ताकि वो पकड़ा न जाए. वह रोज़ पोर्न देखता था. फिर शराब पीता और उसके बाद हैवान बन जाता था.
2. अमेरिकी सीरियल किलर जेफ्री डैह्मर (Jeffrey Dahmer) ने कुल 17 आदमियों और लड़कों का खून किया था. उसने ये कबूल किया था कि किसी को मारने से पहले वो पिछले पीड़ितों की तस्वीरें और सेक्शुअल वीडियो देखता था. इसके अलावा, पोर्नोग्राफी वीडियो और मैग्जीन पढ़ने का आदी था.
3. टेडी बंडी (Ted Bundy), एक और अमेरिकी सीरियल रेपिस्ट और किलर ने भी ये माना था कि हार्ड कोर पोर्न का उसके दिमाग में काफी गहरा असर पड़ा है. उसकी हिंसक गतिविधियां इसी कारण हैं.
इसी तरह उटाह के Arthur Gary Bishop, रशिया के Andrei Chikatilo, और अमेरिकी किलर John Wayne Gacy, ब्रिटेन के Stuart Hazell जैसे भयंकर अपराधी जिन्होंने कई मासूमों का रेप किया है और हत्या भी की है सभी ने ये माना कि उनके पास पोर्न और ऐसा मटेरियल रहा है. और वो लोग लगातार पोर्न देखने के आदी रहे हैं.
पोर्न एडिक्शन कितना असर डालता है..
मुंबई के KEM अस्पताल के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सागर का कहना है कि पोर्न एडिक्ट आम तौर पर काम नहीं कर पाते अगर उन्हें हर रोज़ पोर्न न मिले तो. चाहे रिश्तों की बात हो या फिर काम की, ये लोग कुछ भी ठीक तरह से नहीं कर पाते. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि उनका एक मरीज़ गर्लफ्रेंड के वर्क टूर पर जाने पर उसे पोर्न देखने की आदत लग गई. करीब एक महीने तक ऐसा करने के बाद जब गर्लफ्रेंड वापस आई तो उसे सेक्स का मन नहीं था और उसे सिर्फ और सिर्फ पोर्न देखना था.
पोर्न एडिक्शन की बात ज्यादातर समझ नहीं आती है, लेकिन ये लोगों में मानसिक तौर पर स्ट्रेस और एडल्ट इच्छाओं का कारण बन सकता है. 12 साल के बच्चों से लेकर ये किसी भी उम्र के मर्द या औरत को हो सकता है.
हां, इसका कोई डेटा नहीं निकाला जा सकता कि पोर्न की वजह से महिलाओं को समस्या हो रही है, लेकिन बढ़ती हिंसक पोर्न की मांग चिंता करने के लिए काफी है.
अमेरिका में साइबर साइकोलॉजी और व्यवहार पर की गई एक स्टडी के अनुसार 39 प्रतिशत कॉलेज के लड़कों और 23 प्रतिशत लड़कियों ने हिंसक पोर्न वीडियो देखे, जिसमें महिलाओं को बंदी बनाकर उनके साथ सेक्स किया जाता है. 18 प्रतिशत लड़कों का ये कहना था कि उन्होंने रेप पोर्न देखा. ये वो कॉलेज के बच्चे हैं जिन्हें रेप जैसे कृत्य करने की इच्छा होने लगी. इसका एक अहम कारण सेक्स एजुकेशन में कमी भी है.
इस तरह के कंटेंट की उपलब्धता से ये डर लगा रहता है कि विकृत मानसिकता वाले लोग महिलाओं को अपने से कम समझने लगते हैं, इस तरह की पोर्नोग्राफी में महिलाएं सिर्फ भोग-विलास की वस्तु लगती हैं. रेप पोर्न के कारण सेक्स हिंसक हो सकता है. इस तरह की मानसिकता से मर्द अग्रेसिव हो सकते हैं.
भारत में चाइल्ड पोर्न का ट्रेंड...
मेल टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 40 मिनट में एक चाइल्ड पोर्न वीडियो ऑनलाइन भेजा जा रहा है और हरियाणा इस तरह के वीडियो देखने में नंबर वन पर है. चाइल्ड एब्यूज और पोर्न की बात करें तो इंटरनेट पर अपलोड होने वाला 35-38 प्रतिशत कंटेंट चाइल्ड पोर्न का है. कठुआ रेप विक्टिम का नाम भी एक पोर्न साइट पर ट्रेंड कर रहा था. ये ट्रेंड भारत का था. लोग कठुआ रेप विक्टिम का वीडियो ढूंढ रहे थे. रिसर्च बताती है कि भारत में डाउनलोड होने वाला 35-40 प्रतिशत कंटेंट पोर्न होता है.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. ऐसा कोई स्थिर डेटा तो नहीं है लेकिन इंडियन साइबर आर्मी की रिपोर्ट कहती है कि कुल 1 लाख 16 हज़ार सर्च डेली चाइल्ड पोर्न की होती हैं. दुनिया भर में हर सेकंड करीब 380 लोग इस तरह का कंटेंट खोज रहे होते हैं. अब खुद ही समझ लीजिए कि चाइल्ड पोर्न कितनी बड़ी समस्या है खास तौर पर तब जब बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.
यकीनन भूपेंद्र सिंह इस बात में गलत हैं कि सिर्फ पोर्न ही इस तरह के जघन्य काम के लिए जिम्मेदार है, लेकिन कुछ हद तक शायद है. रेप का अहम कारण देखा जाए तो खराब मानसिकता है. कहीं ईगो हर्ट हो जाने के कारण, कहीं अपना दबदबा बनाने के कारण, कहीं धार्मिक कारणों से तो कहीं सिर्फ मजे के लिए रेप किया जाता है.
ये कहना कि सिर्फ पोर्न ही रेप के लिए जिम्मेदार है, गलत है. लेकिन उतना ही गलत ये कहना भी है कि पोर्न बिलकुल खराब नहीं है और इसका इस्तेमाल दिमाग पर कोई असर नहीं डालता. पोर्न का असर दिमाग पर इसलिए भी ज्यादा पड़ता है क्योंकि हमारे देश में सेक्स एजुकेशन के नाम पर कुछ भी नहीं है. यहां अभी भी लोगों को यही सिखाया जाता है कि पुरुष सेक्स करता है और औरतों को उसकी इच्छा का सपोर्ट करना चाहिए. यहां अभी भी यही सिखाया जाता है कि लड़कियां जो छोटे कपड़े पहनती हैं वो सेक्स मांग रही होती हैं. हर पोर्न देखने वाला रेपिस्ट नहीं हो सकता, लेकिन रेपिस्ट ने पोर्न न देखा हो ऐसा केस भी शायद न हो.
कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि पोर्न के मामले में कम से कम हमारे देश में तो लोगों की मानसिकता बदल सकती है, क्योंकि कहने को तो हमारे देश में कोई पोर्न नहीं देखता, लेकिन भारत तीसरे सबसे ज्यादा पोर्न देखने वाले देश की तरह आंखें उठा कर खड़ा है.
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