आसाराम की सजा से बड़ा है उसके काले सम्राज्य का गिरना
आसाराम बापू को नाबालिग से रेप के मामले में दोषी पाया गया है. जोधपुर की सेंट्रल जेल में ही ये सज़ा सुनाई गई है. गिरफ्तारी के बाद से बापू एक बार भी जेल के बाहर नहीं आ पाए हैं. कहा जा रहा है कि इस मामले में अब हाई-कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया जाएगा.
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आसाराम बापू को नाबालिग से रेप के मामले में 2013 में दोषी पाया गया है. जोधपुर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. आसाराम बापू अपनी गिरफ्तारी के बाद से अब तक जेल में ही हैं. आसाराम बापू के प्रवक्ता का कहना है कि इस केस को हाईकोर्ट लेकर जाएंगे.
'हरी ओम' इस एक शब्द के साथ स्वघोषित गुरू आसाराम बापू फर्श से अर्श पर पहुंच गए थे. एक गुरू जिसके हजारों में नहीं बल्कि लाखों में भक्त थे. गुरुकुल से लेकर शैंपू साबुन की दुकान तक लगभग 10 हज़ार करोड़ का साम्राज्य करने वाला वो गुरू ऐसा गिरा कि कभी उठ ही नहीं पाया. ये वो आसाराम है जिसपर हत्या से लेकर रेप तक के आरोप लगे.
1972 में अहमदाबाद के मोटेरा की एक कुटिया से शुरू हुआ आसाराम का तथाकथित आध्यात्मिक अभियान 2013 आते-आते 10,000 करोड़ के बड़े साम्राज्य में तब्दील हो चुका था. एक-एक करके नेता-अभिनेता सभी आसाराम के भक्त बनते जा रहे थे.
हर गुजरते दिन के साथ आसाराम की समस्या बढ़ती ही गई. अब आसाराम के मामले में फैसला आने वाला है. सुरक्षा कारणों से आसाराम की सज़ा जोधपुर सेंट्रल जेल में ही सुनाई जा रही है जहां उन्हें रखा गया है. पर आखिर इतने बड़े स्वघोषित साधू के अंत की शुरुआत कहां से हुई...
एक चाय बेचने वाला 10 हज़ार करोड़ का मालिक कैसे बनता है ये बताने के लिए आसाराम बापू से बेहतर और कोई नहीं हो सकता...
आसूमल सिरुमलानी. यही वो नाम है जो आसाराम को दिया गया था उनके माता-पिता द्वारा. पाकिस्तान के बेरानी गांव में जन्मे आसाराम का परिवार पार्टीशन के बाद गुजरात आ गया. आसाराम के पिता की मौत के बाद सारी जिम्मेदारी उसपर ही आ गई और फिर मजिस्ट्रेट ऑफिस विजयनगर के सामने चाय बेचने का धंधा शुरू किया.
वो चाय की दुकान आज भी आसाराम के रिश्तेदार सेवक राम चला रहे हैं. चाय की दुकान के बाद आसाराम ने शराब का धंधा शुरू किया. जी हां, बहुत कम लोग ये जानते हैं कि आसाराम अपने चार साथियों के साथ मिलकर शराब का धंधा किया करता था. ये चार साथी थे जामरमाल, नाथुमल, किशनमल और लचरानी. शराब बेचकर इन चारों को काफी मुनाफा भी हुआ.
कुछ लोग जो आसाराम को आसूमल के समय से जानते हैं उनका कहना है कि आसाराम के रिश्ते हमेशा से चर्चा का विषय रहे थे. 1959 में भी आसाराम पर खून का आरोप लगाया गया था. पर सबूतों के कम होने के कारण ये बच निकला. इसके बाद आसाराम ने 300 रुपए प्रति माह की सैलरी पर एक डेयरी में काम करना शुरू किया और यहां से गायब हो गया. इसके बाद 1972 में आसूमल नहीं बल्कि आसाराम की तरह लौटा.
आसाराम का गुरू..
आसाराम के आश्रम द्वारा छापी गई किताब 'संत आसाराम बापूजी की जीवन झांकी' में ये लिखा है कि वो सिर्फ तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा है. 15 की उम्र में भागकर भरूच के एक आश्रम में जा पहुंचा उसके बाद कई आश्रमों में रहा. इसके बाद उसकी शादी लक्ष्मी देवी से कर दी गई. एक साध्वी और गुरू जिनका नाम लीलाशाह था उन्होंने आसाराम को अपना शिष्य बनाया. ये लीलाशाह की ही देन थी कि आसूमल को आसाराम नाम दिया गया.
1972 में मोटेरा गांव में बनाई गई एक झोपड़ी से आसाराम ने प्रवचन देना शुरू किया. शुरुआत सिर्फ पांच-छह भक्तों से हुई थी. इसके बाद सूरत जाकर प्रवचन देना शुरू किया और देखते ही देखते आसाराम को लोगों ने बापू बना दिया.
सबसे पहला केस..
2008 में गुरुकुल के दो बच्चों का शरीर मिला था. इन दोनों का ही शव बहुत बुरी हालत में पाया गया था. उनके कई अंग गायब थे. इनके माता-पिता ने आरोप लगाया था कि आसाराम के आश्रम में काला जादू किया जाता है. इस मामले में CBI जांच की मांग की गई थी और एक कमेटी भी बनाई गई थी. 5 साल बाद 2013 में इस कमेटी की रिपोर्ट आई थी, लेकिन ये आज तक सदन में पेश नहीं हो पाई. न ही इसके बारे में कोई बहुत बात करता है.
रेप मामला जिसपर आज सज़ा होनी है...
आसाराम का रेप मामला 21 अगस्त 2013 का है जब उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई थी. सहारनपुर उत्तर प्रदेश की एक 16 साल की लड़की ने ये आरोप लगाया था कि जोधपुर के आश्रम में उसके साथ रेप किया गया है. आसाराम को POCSO एक्ट के तहत जेल भेजा गया. उनपर रेप, बच्चों के साथ सेक्शुअल अपराध, मानव तस्करी जैसे आरोप लगाए गए थे. आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था और उसे जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. ये 1 सितंबर 2013 की बात है. उसके बाद से लेकर अब तक आसाराम जेल में ही है.
सिर्फ इतना ही नहीं इस स्वघोषित गुरू पर गुजरात की दो बहनों ने भी रेप का आरोप लगाया था. ये आरोप आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं पर लगा था. दोनों बहनों को बंदी बनाकर रखा गया था और उनके साथ रेप किया गया था.
कोई गवाह सुरक्षित नहीं..
केस चलते हुए अब पांच साल होने आए हैं और अभी तक केस से जुड़े 9 गवाहों पर हमले हो चुके हैं जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है. एक फोटोग्राफर राकेश पटेल जो किसी जमाने में आसाराम के भक्त हुआ करते थे उनपर चाकू से हमला हुआ, नारायण साईं ने जिस महिला का रेप किया था उसके पति पर भी इसी तरह चाकू से हमले हुए. किसी सुनियोजित प्लानिंग की तरह एक एक कर केस के गवाहों पर हमले होने शुरू हो गए.
पिछले पांच सालों में आसाराम की 12 बेल याचिकाएं खारिज की गई हैं. इसमें से 6 ट्रायल कोर्ट ने खारिज कीं और 3-3 हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने.
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