बाबा या व्यापारी? आसाराम की अघोषित संपत्ति 2300 करोड़ रुपये
आयकर विभाग ने अपनी जांच में पाया है कि जेल में बंद आसाराम के पास 2300 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति है, आसाराम और चेलों ने शुरू की थी लोन बांटने की योजनाएं, जानिए उसकी करतूतों का काला चिट्ठा.
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आसाराम बापू को नाबालिग लड़की से यौन शोषण के मामले में दोषी पाया गया था. 2013 का ये केस POSCO एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. इस केस को लेकर 1 सितंबर 2013 में आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी और तब से लेकर अब तक आसाराम की 12 बेल याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं. आसाराम पर वैसे तो हत्या से लेकर यौन शोषण तक कई आरोप लग चुके हैं, लेकिन अघोषित संपत्ति को लेकर आयकर विभाग द्वारा एक खुलासा किया गया था.
वो आसाराम, जो कभी खुद को गुरु बताकर और ईश्वर तक पहुंचाने का मार्ग बताकर देश भर के लाखो लोगों को अभिभूत किए थे. वही साल 2013 से एक 16 लड़की की नाबालिग के यौन शोषण के आरोपों में सलाखों के पीछे है.
कभी लोगों को 'माया' से मुक्ति की राह बताने वाले बाबा आसाराम की 'माया' से जुड़ा एक और खुलासा हुआ है. आयकर विभाग की जांच में पता चला कि आसाराम के पास 2300 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति है. इस जानकारी के बाद आईटी विभाग ने आसाराम द्वारा नियंत्रित ट्रस्टों को टैक्स में दी जाने वाली छूट को रद्द किए जाने की भी मांग की है. आइए जानें कितना बड़ा है आसाराम का गोरखधंधा?
आसाराम के नाम है 2300 करोड़ की बेनामी संपत्ति:
आयकर विभाग ने अपनी जांच में कहा है कि आसाराम और उसके चेलों ने 2008-09 से करीब 2300 करोड़ रुपये की अघोषित आय को आयकर विभाग से छुपाए रखा था. इस जांच के मुताबिक आसाराम और उसके चेलों से संबंधित रियल एस्टेट, म्युचल फंड्स, शेयर्स, किसान विकास पत्र और फिक्स्ड डिपॉजिट में की गई 'बेनामी निवेश' का भी पता लगाया है.
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इनमें से ज्यादातक निवेश कोलकाता स्थित सात निजी कंपनियों द्वारा किया गया, जोकि आसाराम की थीं और उसके चेलों द्वारा चलाई जाती हैं. साथ ही आईटी विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आसाराम अपने शिष्यों के माध्यम से लोन योजनाएं भी चलाता था. जिसके तहत व्यक्तियों, संस्थाओं और कई नामी बिल्डर्स को 1-2 फीसदी ब्याज दर पर नगद लोन दिया जाता था.
आसाराम 2013 से एक नाबागिलग लड़की के कथित यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद हैं |
वर्ष 1991-92 से आसाराम के चेलों ने देश भर में 1400 कर्जदाताओं को करीब 3800 करोड़ रुपये लोन दिया है. इस रिपोर्ट को आईटी विभाग के असेसमेंट विंग के पास भेजा गया है, जिससे इन पैसों टैक्स की बकाया रकम वसूली जा सके. आईटी विभाग के सूत्रों का कहना है, 'पोस्ट डेटेड चेक, वायदा नोट्स और जमीन खरीद सौदों की सिक्योंरिटी के साथ लोन नगद में दिए गए. हमें संदेह है कि आसाराम और उनके चेलों द्वारा लोन योजना का इस्तेमाल आश्रम को मिलने वाले दान को छिपाने के लिए किया गया था.'
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आसाराम के सहयोगियों ने फिर अलापा पुराना रागः
इस मामले के सामने आने के बाद आसाराम के शिष्यों ने एक बार फिर से उनके निर्दोष होने का पुराना राग अलापा है.
संत श्री आसारामजी आश्रम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, 'ये बापूजी के खिलाफ एक षड्यंत्र और हिंदू धर्म पर सीधा हमला है. बापूजी के पास कोई संपत्ति नहीं है, उनके पास अपनी एक कार तक नहीं है. हर संपत्ति ट्रस्ट के नाम पर है और उनके अनुयायियों से संबंधित है. वह दुनिया के सबसे बड़े हिंदू संत हैं. वह तीन वर्षों से जेल में हैं लेकिन अब तक कोई भी चार्ज साबित नहीं हो पाया है.'
आसाराम अपने आश्रम में एक 16 साल की नाबालिग लड़की के कथित यौन शोषण के आरोपों में 2013 से राजस्थान के जोधपुर जिले स्थित एक जेल में बंद हैं. आसाराम के वकील चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा, 'मैं इनकम टैक्स के मामले में कुछ नहीं कह सकता हूं क्योंकि मैं आसाराम बापू के खिलाफ फाइल किए गए आपराधिक केसों को देख रहा हूं.'
आईटी विभाग का कहना है कि पिछले वर्षों के दौरान उसने 11 शहरों में स्थित उन 71 ठिकानों पर छापे मारे जिनका कथित संबंध आसाराम और उसके शिष्यों से था. इन छापों के दौरान वित्तीय लेनदेन से संबंधित 22000 दस्तावेज और 300 जीबी डेटा बरामद किए गए.
टैक्स अधिकारियों के मुताबिक आसाराम और उसके चेले देश भर में 400 आश्रमों का संचालन करते हैं जिन्हें टैक्स से छूट मिली हुई है. टैक्स अथॉरिटी का कहना है कि चैरिटेबल ट्रस्टों ने पिछले 20 वर्षों के दौरान मिले चंदों के सिर्फ दसवें हिस्से की जानकारी दी है.
उम्मीद है इन खुलासों से उन लाखों लोगों की आंखों पर बंद अंधविश्वास की पट्टी खुलेगी, जो तमाम आरोपों के बावजूद अभी भी आसाराम को पूज्यनीय मानते हैं. ऐसे अंधभक्तों को ये समझने की जरूरत है कि जिसे वे पूज्य समझकर पूजते रहे हैं वह बाबा नहीं बल्कि लोगों को बेवकूफ बनाने वाला बेईमान है!
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