छह चीजें जो हम बजरंगी भाईजान से सीख सकते हैं
दोनों धर्मों को खुश करने के लिए एक गाना बनाओ... मीडिया को भूल जाओ, सोशल मीडिया के जरिये सीधे लोगों तक पहुंचो... यदि आप कश्मीर की समस्या हल करना चाहते हैं तो दोनों कश्मीर को एक कर दो...
-
Total Shares
ठीक है. ठीक है. तो सलमान खान ने अब ईद से एक दिन पहले खुद के लिए जेल-फ्री पास बना लिया है. ऐसे कौन से सबक हैं जो छुटकारा पाने के लिए नेता उनसे सीख सकते हैं.
बहुत से हैं, जैसेः
1. जब आप संकट में हों तो खुद को दोबारा तलाशने के लिए एक फिल्म बनाइएः खुद को पोस्टमास्टर पिता के साथ कमअक्ल दिखाओ, जो एक शाखा प्रमुख होता है. सुनिश्चित करो कि आप एक हनुमान भक्त हो, जो रास्ते से गुजरने वाले हर बंदर को प्रणाम करता हो. मांस मत खाओ. जब तक सिर पर ही न आ पड़े, मस्जिद मत जाओ. हर वो शख्स जो गोरा और सुंदर है, उसे ब्राह्मण समझो. लिनेन का बढ़िया मोदी कुर्ता पहनो. और सुधार सिर्फ तब करो जब आपकी गर्लफ्रेंड कहे कि वह आपसे प्यार करती है, क्योंकि आप साफ दिल के आदमी हैं और पराया धर्म और अलग लोग जैसी बातों में भरोसा नहीं करते. दोनों धर्मों को खुश करने के लिए एक गाना बनाओ. एक गाना जो कहे कि यदि आप सलमान खान का दिल चीरकर देखें तो उसमें आप राम को पाएंगे और दूसरा चिकन खाने के गुणों का बखान करे. इतना काफी नहीं है, फिल्म में दूसरे प्रतीक भी डालो. सुनिश्चित करो कि लड़की कुरुक्षेत्र में कहीं गुम हो जाए, वहीं जहां महाभारत हुआ था. फिल्म का अंत ऐसे सलमान से करो जो गाइड के देवानंद जैसा दिखता हो और लोग उसे "खुदा का बंदा" कहकर पुकारें. अपने टर्क्वाइज ब्रैसलेट को छोड़ो और गले में हनुमान का धागा पहनो. इंसान को सुपरहीरो जैसा बनाओ.
2. जब भारत पाकिस्तान संकट हो तो बस साथ चलिएः और यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोचा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ हाथ मिलाने की जरूरत है और वो भी उफा में. शायद उन्हें अपने पूर्ववर्ती अटल बिहारी वाजपेयी की तरह साथ चलने की जरूरत थी, जैसा उन्होंने वाघा बॉर्डर से किया था (और भगवान से प्रार्थना की थी कि सेना प्रमुख कोई कारगिल न करें.) यह कहना गलत है कि फिल्म में सलमान खान का मिशन उस छोटी लड़की को ले जाना है जो पाकिस्तान की सरहद के पार बोल नहीं सकती, लेकिन चूंकि उसे वीसा नहीं मिल पाता इसलिए उन्हें यह सब छुपते-छुपाते करना पड़ता है. बेशक, चूंकि उन्हें इंसानियत में भरोसा है, वह बड़े अच्छे लोगों से मिलते हैं जो रास्ते में उनकी मदद करते हैं. इसलिए यह सलमान खान से लेकर मोदी के लिए है - यह उम्मीद करना कि जब आप अगले साल सार्क सम्मेलन के लिए जाएंगे तो कि सीमा पार के लोग इंसान बनना चाहेंगे.
3. जब मुख्यधारा का मीडिया आपकी अनदेखी करे तो सीधे लोगों के पास जाइएः पाकिस्तानी टीवी पत्रकार बने नवाजुद्दीन सिद्दिकी कहते हैं, नफरत बिकती है, मोहब्बत नहीं. वह यह कहानी बेचने की कोशिश कर रहे हैं कि सलमान अच्छे आदमी हैं, न कि भारत से भेजे गए जासूस. जब कोई भी नहीं सुनता तो वह इंटरनेट की ताकत और मोबाइल फोन की लोगों में पहुंच पर भरोसा करते हैं. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 के चुनाव जीतने की रणनीति जैसा प्रतीत होता है? मीडिया को भूल जाओ, सोशल मीडिया के जरिये सीधे लोगों तक पहुंचो.
4. अगर आप कॉलेज नहीं गए हैं तो ऐसा मत सोचो कि आपका भविष्य नहीं हैः नहीं, नहीं, मेरा मतलब केंद्रीय कैबिनेट के कुछ सदस्यों से नहीं है. यह बजरंगी भाईजान का मैसेज है. सलमान न तो अच्छे पंडित हैं न पहलवान. फिर भी पुरानी दिल्ली में स्कूल टीचर का रोल अदा कर रही खूबसूरत करीना कपूर उनके प्यार में पड़ जाती हैं. क्या जिंदगी इससे अच्छी हो सकती है?
5. यदि आप कश्मीर की समस्या हल करना चाहते हैं तो दोनों कश्मीर को एक कर दोः पाकिस्तान में ओम पुरी के मदरसा के टीचर हैरान-परेशान सलमान खान को बताते हैं कि "थोड़ा सा कश्मीर हमारे पास भी है." फिल्म का ज्यादातर हिस्सा पाक अधिकृत कश्मीर में जो होता है उस पर आधारित है. और अंत अच्छा होता है, जब दो कश्मीरों के बीच की सीमा कुछ देर के लिए खुल जाती है. फिल्म के डायरेक्टर कबीर खान ट्रैक टू वालों की खूब बात करते हैं. वाघा में हाथ में मोमबत्ती लिए प्रदर्शनों के बाद वे मुजफ्फराबाद में मशाल लेकर प्रदर्शन करने की सोच सकते हैं. यदि दूसरे सारे उपाय भी कामयाब नहीं हुए तो वे हमेशा के लिए सलमान खान को यूनाइटेड कश्मीर का एंबेसडर नियुक्त कर सकते हैं.
6. यदि आप पाकिस्तान को पहचानना चाहते हैं तो शाहिद अफरीदी टेस्ट लीजिएः यदि कोई शख्स अफरीदी की बैटिंग के दौरान तालियां बजाए और खास तौर पर भारत की पिटाई पर, तो आप तय समझिए कि वह पाकिस्तानी है. यह प्रवासियों के टेबिट टेस्ट का अपडेट है और हर उम्र के लोगों पर काम करता है. निश्चित रूप से, आपको यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि यह सब सलमान की एक्टिंग के स्पेशल ब्रैंड के साथ हो और हर्षाली मल्होत्रा, बतौर गुम हुई लड़की और सिद्दिकी, बतौर साहसी पत्रकार और बेहद चतुर कबीर खान, बतौर डायरेक्टर के साथ हो. यह फिल्म एक्सप्लॉइट करने लायक है. क्या यह साधारण है, हां बिल्कुल. क्या यह देखने लायक है, हां. क्या इससे सलमान को मदद मिलेगी? जल्द पता चल जाएगा.
आपकी राय