'शाहरुखों' से मेलजोल बढ़ाने से पहले सावधान रहें सभी 'अंकिता'
सोशल मीडिया पर दोस्ती के बाद मेलजोल बढ़ाने से पहले झारखंड (Jharkhand) के अंकिता हत्याकांड (Ankita Murder Case) और दिल्ली (Delhi) में नैना मिश्रा को गोली मारे जाने की घटना से सबक लेना चाहिए. दोनों ही नाबालिग लड़कियां दोस्ती को जबरदस्ती प्यार में बदलने वाले 'जिहाद' का शिकार बनी हैं. वैसे, नैना मिश्रा बच गई है. लेकिन, सबकी किस्मत नैना जैसी नहीं हो सकती है.
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दिल्ली के संगम विहार इलाके में एक नाबालिग लड़की को स्कूल से लौटते वक्त गोली मार दी जाती है. जांच में पता चलता है कि हमला करने वाले लड़के अरमान अली की लड़की से सोशल मीडिया पर दोस्ती थी. और, बीते कुछ महीनों से लड़की ने उसे नजरअंदाज करने लगी थी. लड़की के परिवार की मानें, तो उन्होंने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी. जिस पर बीट कॉन्सटेबल ने आरोपी अरमान अली को चेतावनी भी दी थी. इसके बावजूद अरमान अली ने लड़की को धमकी देते हुए बातचीत को आगे बढ़ाने का दबाव बनाया. और, लड़की के इनकार करने पर उसे गोली मार दी. पुलिस का कहना है कि अरमान अली लड़की के साथ दो साल से सोशल मीडिया पर जुड़ा हुआ था.
This is sensational A 16 year old girl student of Cambridge school Naina Nisha of Delhi was shot by 2 boys coz she didn't accept friendship proposal of some Amanat Ali.Girl is very seriousThis is incident of 25th AugustN no media covered it in last 5 daysShocking pic.twitter.com/aEguWOJ8qo
— Agenda Buster (@Starboy2079) August 30, 2022
वैसे, दिल्ली में हुई ये घटना झारखंड के दुमका में हुए अंकिता हत्याकांड से पूरी तरह से मेल खाती है. जिस तरह से नाबालिग अंकिता सिंह को शाहरुख हुसैन ने बात करने से इनकार करने पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला डाला. उसी तरह दिल्ली की घटना में भी सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती को आगे बढ़ाने से इनकार पर अरमान अली ने गोली मार दी. इन दोनों ही घटनाओं को देखकर कहना गलत नहीं होगा कि 'शाहरुखों' से मेलजोल बढ़ाने से पहले सभी 'अंकिता' सावधान रहें.
दोस्ती को जबरदस्ती प्यार में बदलने वाला 'जिहाद'
भारत जैसे देश में 'लव जिहाद' के मामलों को लंबे समय तक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर पर्दे के पीछे ही रखा गया. मुस्लिम लड़कों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराने के सैकड़ों मामले सामने आते रहे हैं. और, इनमें से कई मामलों में तो लड़कियों को झारखंड की अंकिता सिंह की तरह ही जान देकर दोस्ती करने का कर्ज उतारना पड़ता है. इसके बावजूद बहुत से लोग अंकिता हत्याकांड को भी एकतरफा प्यार में किया गया अपराध ही कहेंगे. जबकि, ये लव जिहाद का ही वो भयावह रूप है. जब लड़की से दोस्ती की बात आगे न बढ़ पाए, तो उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दो. अगर मान जाए, तो ठीक है. नहीं, तो हत्या का खौफ दिखाओ. फिर भी न समझे, तो हत्या कर दो. क्योंकि, लोग तो इसे एकतरफा प्यार में किया गया कत्ल ही कहेंगे. उन्हें इसमें 'लव जिहाद' की संभावना नजर नहीं आएगी.
वैसे, अगर कोई हिंदू लड़का किसी मुस्लिम लड़की से शादी कर लेता है. तो, ऐसे मामलों में उसे अपनी जान देकर खामियाजा भुगतना पड़ता है. इसी साल मई में तेलंगाना के हैदराबाद का एक मामला सामने आया था. जिसमें एक दलित शख्स को मुस्लिम लड़की से शादी करने पर पत्नी के परिवारीजनों द्वारा सरेराह चाकू और लोहे की रॉड से मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. इस तरह के बहुत से मामले देशभर में होते हैं. लेकिन, इन मामलों को ऑनर किलिंग का नाम देकर एक अलग ही रूप दे दिया जाता है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो दोस्ती को जबरदस्ती प्यार में बदलने वाला 'जिहाद' सिर्फ एकतरफा प्यार में की गई हत्या साबित कर दी जाती है. वहीं, हिंदू लड़के की मुस्लिम लड़की के परिजनों द्वारा की गई हत्या को ऑनर किलिंग करार दे दिया जाता है. जबकि, ये सीधे तौर पर हिंदू होने की वजह से निशाना बनाए जाने का मामला होता है.
अंकिता सिंह हो या नैना मिश्रा, दोनों को ही दोस्ती तोड़ना महंगा पड़ा है.
शाहरुख के साथ अंकिता की तस्वीरें हैं, तो क्या अपराध कम हो गया?
वैसे, अचानक ही अंकिता हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल, मौत के बाद अब आरोपी शाहरुख हुसैन के साथ मृतका अंकिता सिंह की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. जिनके साथ दावा किया जा रहा है कि ये एकतरफा प्यार का मामला नहीं था. बल्कि, खुद अंकिता भी शाहरुख के साथ करीबी संबंध रखती थी. हालांकि, मृतका अंकिता के परिजनों ने तस्वीरों के फोटोशॉप होने की बात कही है. लेकिन, अगर ये भी मान लिया जाए कि तस्वीरें फोटोशॉप नहीं हैं. और, अंकिता ने खुद शाहरुख हुसैन के साथ ये तस्वीरें खिंचवाई थीं. तो, क्या इससे शाहरुख का अपराध कम हो जाएगा? मान लिया जाए कि अंकिता की शाहरुख के साथ दोस्ती थी. लेकिन, क्या इस दोस्ती के चलते शाहरुख हुसैन को अंकिता पर जबरदस्ती दबाव बनाने का हक मिल जाता है?
दिल्ली के संगम विहार में अरमान अली ने भी तो वही किया है. जो दुमका में शाहरुख हुसैन ने किया था. अरमान अली ने भी नैना मिश्रा के साथ पहले दोस्ती गांठी. सोशल मीडिया पर दो सालों तक दोनों के बीच बातचीत होती रही. और, जब लड़की को समझ आया कि शायद अरमान उसके हिसाब से ठीक लड़का नहीं है. तो, उसने अरमान को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया. अब इसमें लड़की का क्या दोष है? ये तो गोली मारने वाला अरमान अली ही बता सकता है. वैसे, कई बार लड़कियों को रिलेशनशिप के दौरान ही पता चलता है कि लड़के में क्या कमियां हैं? और, अगर इन कमियों को आधार बनाकर लड़की अपनी रिलेशनशिप खत्म कर देती है. तो, शाहरुख हुसैन या अरमान अली को जबरदस्ती प्यार करने के लिए मजबूर करने का हक तो नहीं मिल जाता है.
खैर, अंकिता सिंह की शाहरुख के साथ तस्वीरें उसके अपराध को कम नहीं करती हैं. बल्कि, इशारा करती हैं कि किसी भी शाहरुख के साथ दोस्ती करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए. क्योंकि, अगर उसके प्रेम प्रस्ताव को मना कर दिया गया, तो बात सीधे हत्या तक पहुंच जाएगी. वैसे, ऐसे मामलों में धर्म तो अपनी जगह है ही. लेकिन, इस तरह के एकतरफा प्रेमियों से बचकर ही रहना चाहिए. बता दें कि दिल्ली पुलिस के अनुसार, अरमान अली द्वारा मारी गई गोली नैना मिश्रा के कंधे में लगी थी. जिसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. और, वह फिलहाल खतरे से बाहर है. लेकिन, अंकिता के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो 'शाहरुखों' से मेलजोल बढ़ाने से पहले सभी 'अंकिता' सावधान रहें. क्योंकि, नैना मिश्रा जैसी किस्मत सबकी नहीं होती है.
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