तृप्ति देसाई ने महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उठाई चप्पल
अबकी बार न तो किसी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश रोके जाने पर तृप्ति देसाई का व्यवस्था पर रोष था और ना ही धार्मिक समानता में रोक-टोक करने वालों पर नाराजगी.
-
Total Shares
अबकी बार न तो किसी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश रोके जाने पर तृप्ति देसाई का व्यवस्था पर रोष था और ना ही धार्मिक समानता में रोक-टोक करने वालों पर नाराजगी. अबकी बार तृप्ति को महिलाओं का पक्ष रखने के लिए चप्पल उठाना पड़ा.
तृप्ति देसाई की चप्पलबाजी |
ये मामला है पुणे के शिकारपुर गांव का, जहां तृप्ति ने एक लड़की के साथ ज्यादती करने वाले युवक को ऐसा सबक सिखाया कि लोग ऐसी हरकतें करने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे. आंदोलन में विश्वास रखने वाली तृप्ति सोशल मीडिया पर ज्यादती करने वाले को अपने हाथों से सजा देती हुई नजर आईं.
एक लड़की के साथ शादी करने का झांसा देने वाले युवक को अपने वादे से मुकरने पर, तृप्ति ने अपने संगठन के लोगों के साथ उसे धर पकड़ा और चप्पलों से उसकी पिटाई कर दी. ये वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
#WATCH: Bhumata Brigade activist Trupti Desai thrashed a man for allegedly breaking marriage promises,in Pune (Maha)https://t.co/KC4ZXOY4gH
— ANI (@ANI_news) July 27, 2016
तृप्ति देसाई के दम खम से न सिर्फ राजनीतिक बल्कि धर्म कर्म से जुड़े लोग अच्छी तरह वाकिफ हैं. भारत के संविधान को आधार बनाकर मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर तृप्ति ने लंबी लड़ाई लड़ी और उसमें कामयाब भी हुईं थीं. लेकिन महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली तृप्ति अब कानूनी कार्रवाही का इंतजार तक करने में यकीन नहीं रख रहीं, बल्कि खुद निर्णायिका बनकर सजा भी दे रही हैं.
पूरा मामला ये था कि लड़की को आरोपी लड़के ने ही प्रपोज किया और उसके बाद यौन संबंध स्थापित किया. लेकिन जब लड़की प्रेग्नेंट हो गई तो वो वादे से मुकर गया जिसके बाद सामाजिक बंदिशों के नाते उस लड़की को एबॉर्शन भी करवाना पड़ा. इन सबके बाबत पीड़िता ने उससे बात की लेकिन वो अपने वादे से मुकर गया था.
हालांकि तृप्ति का इस पूरे मामले में कहना है कि पीड़ित लड़की जब मेरे पास इस बात को लेकर आई तो मैनें लड़के के घर वालों से सीधे तौर पर बात करने की कोशिश की. उसके घर वालों के सामने लड़की को बहू के रूप में स्वीकार करने का प्रस्ताव भी रखा. लेकिन जब वे इस प्रस्ताव से पीछे हटते दिखाई देने लगे तो फिर मुझे लगा कि ये सीधे-सीधे मानने वालों में से नहीं जिसके बाद मुझे रूद्र रूप में बात मनवाने के लिए ये रास्ता अख्तियार करना पड़ा.
तृप्ति देसाई के इस चप्पलबाजी कांड पर लोगों की अपनी अलग अलग राय है. कुछ लोग तृप्ति के इस प्रतिक्रिया पर तालियां बजा रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो तृप्ति का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सरे आम कानून का उल्लंघन किया है.
Tripti Desai ne khud ko Judge samajh liya hai.Akhir sare aam kisi Ladke ki pitai ka adhikar kisne diya. Sarasar Kanoon ka Ullanghan.
— Radio Jockey Nikhil (@RJNikhill) July 28, 2016
Terror of #TriptiDesai for everyone to see now , this is real face of champion of human rights #PsychoKejriwal https://t.co/E7AXLf4KIz
— Silence Is Danger (@__UFH) July 27, 2016
आपकी राय