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Updated: 13 फरवरी, 2019 07:01 PM
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दो आंखे, एक नाक और लाल होंठ. हम एक इंसान के चेहरे की बात नहीं कर रहे, हम बात कर रहे हैं जूते के चेहरे की. जी हां फैशन की तो बात ही निराली है. इस जूते की भी दो सुनहरी आंखे हैं, एक सुनहरी नाक है और लाल रंग के होंठ भी हैं.

इन जूतों को देखकर भले ही हमें हंसी आए, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इसे देखकर बेहद आहत हुए हैं. ये जूते मशहूर पॉप स्टार केटी पेरी के ब्रांड Katy Perry के हैं. जिन्होंने मार्केट में आते ही कोहराम मचा दिया. लोगों ने इसके डिजाइन पर कड़ी आपत्ति जताई है क्योंकि ये डिजाइन कम बल्कि जूते पर बना काला चेहरा ज्यादा दिखाई देता है. जो साफ तौर पर रंगभेदी नजर आता है.

katy perry shoeइस जूते को डिजाइन करने वाले ने क्या सोचकर इसे बनाया होगा?

हालांकि केटी पेरी का कहना है कि उनकी ऐसी मंशा नहीं थी कि जूते लोगों की भावना आहत करेंगे लेकिन अगर ये मसला किसी के सम्मान से जुड़ा है और संवेदनशील है तो इसे तुरंत हटा दिया जाएगा. और जब सोशल मीडिया पर बवाल ज्यादा हो गया तो इसे बाजार से उठा लिया गया. किसी भी ब्रांड के लिए ये बेहद शर्मनाक बात है कि उसके प्रोडक्ट मार्केट में आने के बाद इस तरह से हटा लिए जाएं. लेकिन बात जब लोगों के आत्मसम्मान से जुड़ी हो तो यही करने में भलाई है.

लोग कितने आहत हैं आप देख सकते हैं. ऐसे में डिजाइनर की क्रिएटिविटी पर हंसी न आए तो क्या आए, जिसने न जाने क्या सोचकर इसे डिजाइन किया. इसे देखकर केटी को सिर्फ सिगिंग पर ध्यान लगाने की सलाह दी जा सकती है. अब भले ही केटी ने स्टॉक मार्केट से हटा लिया हो, लेकिन पूरे फैशन वर्ल्ड में उनकी फजीहत तो हो ही गई.

katy perry shoeकेटी पेरी एक सिंगर हैं जो अब डिजाइनर भी बन गई हैं

gucci पर भी इसी तरह के आरोप लग रहे हैं. gucci ने भी अपने fall winter collection में काले रंग का एक स्वेटर रखा है जिसे भी रंगभेदी करार दिया गया  और इसकी खूब आलोचना की गई. हालांकि ये स्वेटर ski mask से प्रेरित बताया जा रहा था, लेकिन सोशल मीडिया पर आलोचना तिए जाने ते बाद ये स्वेटर भी मार्केट से उठा लिया गया.

कुछ ही दिनों पहले prada ने भी एक एसेसरी मार्केट में उतारी जिसे ब्लैकफेस कहा गया और जमकर आलोचना की गई.

prada_021219070425.jpgये स्वेटर और बैग पर लटक रही ये की चेन अश्वेत लोगों को आहत करने के लिए काफी है

अमेरिका में रहने वाले अश्वेत लोग हमेशा से ही इस बात की शिकायत करते आए हैं कि वहां उनके रंग की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जाता है. जो मानव अधिकारों के खिलाफ है.

आजकल के डिजाइनर्स कुछ भी डिजाइन करने से पहले ये नहीं सोचते कि उनका ये फैशन किसी इंसान की भावनाएं आहत कर सकता है. लेकिन डिजाइनर्स अपने कलेक्शन के जरिए समय समय पर अमीर और गरीब, काले और गोरे में फर्क दिखाकर न सिर्फ अश्वेतों का मजाक उड़ा रहे हैं बल्कि इस फर्क को और गहरा कर रहे हैं. बड़े फैशन ब्रांड्स से इस तरह की चूक की उम्मीद नहीं की जा सकती. फिर भी वो अपने किए पर सफाई देते हैं. वो चाहे कितनी ही सफाई दे लें लेकिन इस तरह का फर्क दिखाकर ये बड़े-बड़े ब्रांड कैसे खुद को सबसे बेहतर कहने की हिम्मत करते हैं. खुद को सबसे बेहतर दिखाने से पहले फैशन वर्ल्ड से जुड़े लोगथोड़ा संवेदनशील बनें.

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