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Updated: 09 मई, 2021 07:36 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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भारत में कोरोना संक्रमण के मामले बीते एक महीने में एक लाख रोजाना से चार लाख पहुंच गए है. कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा भी प्रतिदिन चार हजार के पार चला गया है. हालांकि, बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण को मात देकर ठीक भी हो रहे हैं. इन सबके बीच नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भारत में एक नई बीमारी की दस्तक की बात कही है. इस बीमारी का नाम है ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) यानी म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis). बताया जा रहा है कि बीते साल भी ब्लैक फंगस संक्रमण की वजह से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. देशभर में Mucormycosis से संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. यह बीमारी खासकर मधुमेह यानी डायबिटीज के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. गुजरात में Black Fungus Infection के करीब 100 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. ये सभी सभी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक भी हो चुके थे. आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी हर बात.

क्या है Black fungus infection

डॉक्टरों के अनुसार, ब्लैक फंगस संक्रमण एक दुर्लभ और घातक बीमारी है. कोरोना वायरस की ही तरह ये फंगस भी हवा में पाया जाता है. इस बीमारी में मृ्त्यु दर तकरीबन 50 फीसदी है. यह संक्रमण शऱीर की गीली सतहों से फैलता है. नाक के सहारे शरीर में घुसने के बाद ब्लैक फंगस के दिमाग तक फैलने की संभावना रहती है. अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं करावाया जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकती है.

किन मरीजों को सकती है ये घातक बीमारी

म्यूकर माइकोसिस बीमारी की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्लैक फंगस संक्रमण की वजह से सूरत में आठ मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस शरीर में पहले से ही मौजूद अन्य बीमारियों को भी ट्रिगर कर देता है. कोरोना संक्रमण की वजह से ही ब्लैक फंगस की बीमारी मरीजों में बढ़ने लगी है. यह संक्रमण डायबिटीज के मरीजों के साथ ही किडनी, कैंसर और हार्ट फेल्योर जैसी बीमारियों वाले मरीजों को भी निशाना बना सकता है, लेकिन इन मरीजों के संक्रमित होने की संभावना काफी कम है.

डायबिटीज से पीड़ित कोविड-19 के मरीजों को उपचार के दौरान दिए गए स्टेरॉयड ब्लैक फंगस संक्रमण होने का एक बड़ा कारण हो सकते हैं.डायबिटीज से पीड़ित कोविड-19 के मरीजों को उपचार के दौरान दिए गए स्टेरॉयड ब्लैक फंगस संक्रमण होने का एक बड़ा कारण हो सकते हैं.

जिन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कम है या कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही कोविड-19 को मात दे चुके कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और स्वास्थ्य समस्याओं से लगातार जूझने वाले लोगों को ये बीमारी अपना शिकार बना रही है. जिन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कम है या कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही कोविड-19 को मात दे चुके कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और स्वास्थ्य समस्याओं से लगातार जूझने वाले लोगों को ये बीमारी अपना शिकार बना रही है.

किस वजह से हो रहा है Black fungus infection

डॉक्टरों ने संभावना जताई है कि डायबिटीज से पीड़ित कोविड-19 के मरीजों को उपचार के दौरान दिए गए स्टेरॉयड ब्लैक फंगस संक्रमण होने का एक बड़ा कारण हो सकते हैं. शुगर के मरीजों में ये संक्रमण बड़ी संख्या में सामने आ रहा है. स्टेरॉयड के इस्तेमाल से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से शुगर के मरीजों में इससे संक्रमित होने का खतरा बढ़ा जाता है. वहीं, ऑक्सीजन देने के दौरान ह्यूमिटीफायर में पानी होने की वजह से ब्लैक फंगस होने के मामले भी सामने आए हैं.

क्या हैं Mucormycosis के लक्षण

ब्लैक फंगस संक्रमण से ग्रस्त मरीज की नाक के अंदर काली और भूरे रंगी की पपड़ी जम जाती है. जिसकी वजह से नाक बंद हो जाती है. चेहरा (होंठ और गाल) सुन्न पड़ने लगता है और आंखों में दर्द व सूजन की समस्या पैदा हो जाती है. म्यूकर माइकोसिस की वजह से आंखों की रोशनी चली जाती है. संक्रमण अगर ज्यादा फैल जाता है, तो शरीर के उस हिस्से को काटना तक पड़ता है.

क्या है ब्लैक फंगस संक्रमण का इलाज

डॉक्टरों का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस संक्रमण के लक्षण नजर आते ही किसी विशेषज्ञ की सलाह पर पहले एंटीफंगल थेरेपी शुरू करनी चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूकर माइकोसिस संक्रमण के शुरुआती दौर में इस पर काबू पाए जाने की संभावना ज्यादा रहती है. अगर इसे पहचानने में देर होती है, तो मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है. कई मामलों में संक्रमण बढ़ने पर शरीर के संक्रमित हिस्से को हटाना भी पड़ सकता है. 50 फीसदी मृत्यु दर की वजह से ये खतरनाक बीमारियों में गिनी जाती है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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