लाल जोड़े में कार चलाकर ससुराल पहुंची दुल्हन ने रूढ़िवादी सोच को करारा जवाब दिया है!
लाल जोड़े में गाड़ी चलाती हुई कोलकाता की एक दुल्हन की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं, जिसने रूढ़िवादी सोच को करारा जवाब दिया है लेकिन अच्छी बात ये रही कि उसने अपने रीति-रिवाज और परंपरा का पूरा ख्याल रखा.
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जब लड़की की शादी होती है तो समाज के लोग उससे यह उम्मीद रखते हैं कि उसकी नजरें झुकी हुई रहें. वह शर्माते और सिर पर पल्लू रखे हुए धीरे-धीरे चले. जब हम दुल्हन (Indian Bride) शब्द सुनते हैं तो लाल लहंगा (Designer lehenga), भारी गहने और चूड़ा पहनी हुई शर्माती लड़की की कल्पना करते हैं. लाल रंग को सुहाग की निशानी माना जाता है और सालों से पारंपरिक दुल्हन (Wedding Lehehga) की यही पहचान रही है.
दुल्हन ने लड़कियों को किया इंस्पायर, लोग कर रहे तारीफ
सोशल मीडिया पर अक्सर शादी व दूल्हा-दुल्हन की वीडियो वायरल (Marriage viral Video) होती रहती है. ऐसी ही दुल्हन की विदाई रस्म की एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाई हुई है. लाल जोड़े में गाड़ी चलाती हुई कोलकाता की इस दुल्हन (Dulhan ki Vidaai Viral Video) की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं.
दरअसल, इस दुल्हन का नाम स्नेहा सिंघई है. जिसने रूढ़िवादी सोच को करारा जवाब दिया है लेकिन अपनी रीति-रिवाज और परंपरा के साथ. अक्सर जब लड़की की विदाई होती है तो वह अपनों से लिपटकर खूब रोती है लेकिन इस दुल्हन ने ट्रेडिशनल विदाई से थोड़ा अलग काम किया है. स्नेहा ने अपनी विदाई में दूल्हे को बगल की सीट पर बिठाया, घरवालों को बॉय किया और मायके से लेकर ससुराल तक खुद ही कार ड्राइव (Car Drive) की. हालांकि इस समय दुल्हन काफी इमोशनल हो गई थी.
एक दुल्हन का इस तरह अपनी विदाई में कार चलाने की किसी ने कल्पना नहीं की होगी लेकिन स्नेहा ने इसे सच साबित कर दिया. लाल जोड़ा, माथे पर पारंपरिक राजस्थानी पट्टा और चूड़ा पहने हाथों में गाड़ी की स्टेयरिंग पकड़े दुल्हन की यह वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. वाकई स्नेहा ने बता दिया है कि लड़कियां चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं. हो सकता है कि कुछ लोगों को यह एक छोटी सी बात लगे लेकिन स्नेहा ने कई लड़कियों को इंस्पायर किया है.
स्नेहा के अनुसार, ‘मैंने महीनों पहले पति सौगात उपाध्याय से इस बारे में बात की थी कि विदाई में गाड़ी मैं खुद चलाऊंगी. गाड़ी ड्राइव करना मेरी लाइफ का हिस्सा है. जब ऐसी बातें आती हैं तो मैं आत्मनिर्भर बन जाती हूं. जब भी मैं और सौगात मिलते तो गाड़ी मैं ही चलाती. हमारी पहली डेट पर भी मैंने ही ड्राइव कर सौगात को घर छोड़ा था. हालांकि शादी की तैयारियों की वजह से मैं इस बात को भूल गई थी. जब विदाई का समय आया तो मेरे देवर पीछे की सीट पर बैठ गए. उसी वक्त मेरे पति ने मुझे याद दिलाया और ड्राइव करने के लिए कहा. उनकी बात सुनकर मैं शॉक्ड रह गई और मेरी एक्साइटमेंट और बढ़ गई’.
स्नेहा ने लड़कियों के लिए जो स्टैंड लिया है वो बिना लविंग हसबैंड 'सौगात' के पॉसिबल नहीं हो पाता. इस बात से स्नेहा के सास-ससुर भी बहुत खुश हुए और दिल खोलकर अपनी बहू का स्वागत किया. स्नेहा कोलकाता में कैफे चलाती हैं और एक शेफ हैं. उनकी लव स्टोरी भी यहीं से शुरू हुई थी. दोनों शादी से पहले 8 साल तक रिलेशनशिप में रहे. स्नेहा के कैफे में एक दिन सौगात पहुंचे और नॉनवेज खाने की बात कही. स्नेहा ने खुद वह ऑर्डर लिया और खाना बनाया. इसके बाद सौगात अक्सर कैफे जाने लगे. इस तरह पहले उनकी दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया.
स्नेहा की स्टोरी बताती है कि लड़कियां पैसा तो खुद कमा सकती हैं लेकिन उनको साथ देने वाला पार्टनर चाहिए होता है. जिस पर वे भले डिपेंडेंट ना हों लेकिन जो उनका साथी बनकर उनके दुख-सुख में साथ दे. वायरल होने वाली दुल्हन का कहना है कि मैं जैसी हूं और जिस तरह जीना चाहती हूं 'सौगात' ने वैसे ही मुझे अपनाया है. मैं जो चाहती हूं वो करती हूं. वो मुझे हमेशा सपोर्ट करते हैं और वह इंसान बनने देते हैं जो मैं हूं. मेरे ससुर को मेरी फिक्र थी कि गाड़ी पर लगे फूल की वजह मुझे दिक्कत ना हो.
आपको नहीं लगता कि हर लड़की को ऐसी ही ससुराल मिलनी चाहिए? जहां एक लड़की खुलकर अपने हिसाब से जिंदगी जी सके. यह बात भी सच है कि पहले की तुलना में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. अब दुल्हनें डरी-सहमी रहने की बजाय अपनी शादी में खुलकर इंजॉय करती हैं, रेड के अवाला दूसरे कलर के हल्के लहंगे भी पहनती हैं. लोग इन बातों को अब समझने लगे हैं लेकिन ऐसा हर घर में अभी भी संभव नहीं है. लोगों को समझना होगा कि आस्था और ढोंग में फर्क है.
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