शादी से एक दिन पहले तक लड़कियां मन ही मन क्या सोचती हैं, इन 6 गर्ल्स की बातें...
अब वो जमाना नहीं रहा है जब पति को परमेश्वर और पत्नी को दासी समझा जाता था. तो फिर वो कौन सी बातें हैं जो लड़कियां शादी (marriage side effect) के एक दिन पहले (Brides thoughts) तक सोचती हैं.
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कोई लड़की शादी देर से करे या ना करें यह बात पूरी तरह उस पर निर्भर करती है. पहले के मुकाबले लड़कियों को लेकर लोगों की सोच बदल रही है. हालांकि अभी भी शादी को जिंदगी का एक जरूरी व्यवस्था माना जाता है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है. हम अपनी मर्जी तो किसी के ऊपर जबरदस्ती थोप नहीं रहे.
वैसे भी इस जमाने की शादियों में लड़कियां अपने मन की बात घरवालों के सामने खुलकर रखती हैं, लेकिन आज भी ऐसी कई बातें हैं जो लड़कियां जल्दी किसी से शेयर नहीं करतीं और मन ही मन सोचती रहती हैं. हालांकि अब वो जमाना नहीं रहा है जब पति को परमेश्वर और पत्नी को दासी समझा जाता था. तो फिर वो कौन सी बातें हैं जो लड़कियां शादी (marriage side effect) के एक दिन पहले (Brides thoughts) तक सोचती हैं.
आजकल के समय में ज्यादातर घरों में लड़कियों को समान हक दिया जाता है. ससुराल के लोग बहू को बेटी मानकर अपनाते हैं. पति भी बराबरी का हक देते हैं. बहुएं अब साज-सज्जा की सामग्री नहीं मानी जाती और ना ही घर के पूरे काम की जिम्मेदारी उनके ऊपर थोपी जाती है. इसके बाद भी शादी के बाद लड़कियों की दुनिया बदल जाती है इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. जब एक लड़की की शादी तय हो जाती है तो उसके मन में 10 तरह की बातें चलती रहती हैं.
लड़कियों को घबराहट होती है कि शादी करके वे गलती तो नहीं कर रहीं
अगर आपको यह लगता है कि एक लड़की सिर्फ अपने कपड़े और पति के संग रोमांस के बारे में सोचती हैं तो आप गलत सोचते हैं. तो चलिए लड़कियों से बातचीत के आधार पर जानते हैं कि वो कौन सी बातें हैं जो एक लड़की को शादी के पहले दिन तक परेशान करती हैं.
1- अमृता की शादी होने वाली है. वह अपने घर की इकलौती बेटी है. अमृता ने बताया कि जब से उसने होश संभाला है घर की सारी जिम्मेदारी उसके ऊपर ही है. मां-पापा से लेकर छोटे भाई तक, सबका ध्यान वही रखती है. उसके पाप की तबीयत खराब रहती है. घर खर्च में हाथ बटाने के लिए उसने एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे वह ट्यूशन भी लेने लगी. इसतरह घर में इतनी इनकम हो जाती कि खर्चा आराम से चल जाता था. घरवाले भी उसे बहुत प्यार करते हैं. उसकी होने वाली सास और पति भी भी सीधे-साधे, अच्छे लोग हैं. उसे बस यही चिंता सताती रहती है कि उसके ससुराल जाने के बाद उसके घर का यानी मायके का ख्याल कौन रखेगा. वो बताती है पता नहीं उसे ससुराल से बार-बार मायके आने की परमिशन मिलेगी या नहीं. अगर मायके के लिए इतनी टेंशन लेना उसके ससुराल वालों को अच्छा नहीं लगा तो…
2- सरिता के घर में उसके माता-पिता और एक बड़ी बहन हैं. बड़ी बहन की तो 6-7 पहले ही शादी हो गई थी. सरिता अपने घर में कमाने वाली इकलौती थी. वह तो शादी ही नहीं करना चाहती थी. उसे लगता था कि कोई ऐसा लड़का ही नहीं मिलेगा जो यह बात मानने के लिए तैयार होगा कि वह शादी के बाद भी अपनी सैलरी अपने माता-पिता को देगी. उन दिनों ऑफिस में उसकी पहचान एक ऐसे लड़के से हुई जो सरिता को लाइफ पार्टनर बनाना चाहता था. सरिता को भी उस लड़के का नेचर पसंद आया. वह खुले विचारों वाला लड़का था. दोनों की शादी तो तय हो गई लेकिन सरिता, मन ही मन दुखी रहती थी.
उसे लगता था वह सिर्फ अपने बारे में सोच रही है, जबकि उसके माता-पिता उसकी शादी करवाना चाहते थे. आखिरकार उस लड़के को समझ आ गया कि सरिता शादी तो कर रही है लेकिन खुश नहीं है. शादी के एक दिन पहले उसने जब सरिता को फोन किया तो खुद को रोक ना पाई और अपनी सारी बातें बता दी. इस पर वह बोला सिर्फ तुम उनकी बेटी हो, क्या मैं उनका बेटा नहीं. तुम्हें जो करना है कर सकती है और मैं भी अपना फर्ज निभाऊंगा. सरिता ने बताया कि आज दोनों खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.
3- मंजरी ने बताया कि वह लव मैरिज कर रही थी. हालांकि उसने यह नहीं सोचा था कि वह इतनी जल्दी शादी करेगी. वह अपने बॉयफ्रेंड को पसंद करती थी लेकिन उसे थोड़ा वक्त चाहिए था. लेकिन जब दोनों ने अपने रिलेशन की बात घरवालों को बताया तो सबने मिलकर चट मंगनी और फिर ब्याह की तारीख डाल दी. वह भी खुश थी लेकिन शादी के एक दिन पहले तक उसके दिमाग में यही चल रहा था कि कहीं उसने शादी जल्दी तो नहीं कर ली. क्या उसे थोड़ा और टाइम लेना चाहिए था. कहीं उसने गलत फैसला तो नहीं ले लिया. इससे यह तो समझ आ गया कि शादी लव हो या अरैंज हर लड़की के दिमाग में यह बात आती है कि कहीं उसने गलती तो नहीं कर दी. हालांकि अगर पति और ससुराल वाले अच्छे हों तो शादी के बाद यह बात याद भी नहीं आती.
4- इस समय लगभग कई घरों में बेटियों को बेटों के जैसे ही प्यार और आजादी मिलती है. वे बिना किसी भय के अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीती हैं. ऐसे में जब उनकी शादी होती है तो उनका क्या हाल होता है यह सुप्रिया से पूछिए. सुप्रिया अपने घर की लाडली है. उसने दिल्ली से पढ़ाई की और अब वहीं नौकरी भी करती है. सुप्रिया ने बताया कि शादी के एक दिन पहले तक दिमाग में यही चल रहा था कि कैसे किसी और के घर में जाकर मैं एडजस्ट कर पाउंगी. कितना समय लगेगा सबको अपना मानने में. क्या मुझे आजादी मिल पाएगी. क्या मैं मेरे पसंदके कपड़े पहन पाउंगी, क्या वहां मेरी मनमानी और मस्ती चल पाएगी. नया घर नया शहर नए लोग. सबको इंप्रेस करना, कहीं मुझसे कोई गलती हो गई तो.
5- जैसे ही इंगेजमेंट हो जाती है ससुराल से फोन कॉल आने शुरू हो जाते हैं. कभी पति, कभी सास, कभी ननद तो कई कोई बुआ. इस बारे में अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए अनामिका बताती है कि फोन पर तो मैं सबसे आसानी से बात कर लेती थी, लेकिन मन में यही सोचती रहती था कि शादी के बाद पति का नेचर कैसा रहेगा. कहीं पति बदल गए तो. वे मुझे समझेंगे या नहीं. मुझसे लड़ाई-झगड़ा किया तो, मेरी बात नहीं मानी तो. क्या सासू मां मुझे बेटी मानेंगी, मां पर तो मैं झल्ला जाती थी. यह सोचकर और घबराहट होती कि क्या पति, पापा की तरह होगें...जैसे मेरे पापा मेरे हीरो हैं. क्या इतने रिश्तों के साथ मैं कंफर्टेबली घुलमिल पाउंगी...
6- एक और बात है जब लड़की की शादी होती है तो खर्चा बहुत होता है. इस बारें में रूहानिका कहती है कि जैसे-जैसे शादी की तैयारियां हो रही थी, मैं देख रही थी कि मेरे पापा का कितना पैसा लग रहा था. मुझे तकलीफ होती थी, लेकिन मैं चुप थी. ऐसा लगता था इससे अच्छी मैं शादी नहीं करती. मेरे पापा, शादी से एक दिन पहले तक पैसा पानी की तरह बहा रहे थे. बजट से बाहर खर्चा हो रहा था. इतने ताम-झाम जो थे. मैंने जो चीजें जरूरत की नहीं सिर्फ शौक के लिए थीं वो कम करा दिए तब जाकर थोड़ा सुकून मिला.
इन बातों को सुनकर इतना तो समझ आ गया कि शादी लव हो या अरैंज, हर लड़की के मन में घबराहट होती है. कभी यह सोचकर कि ससुराल में कोई गलती ना हो जाए. वहां का रिती-रिवाज, रहन-सहन कैसा होगा. कभी पहली रसोई तो कभी किसी रिवाज को लेकर. कभी सबसे सुंदर दिखने की चाह तो कभी मेहंदी की डार्क रंग को लेकर. कभी पति तो कभी सास के बारे में सोचकर. कहीं मेरी बातों का गलत समझकर किसी ने बुरा मान लिया तो?
कभी-कभी तो शादी के दिन तक दिमाग में यह चल रहा होता है कि मैं अपना घर छोड़कर किसी और के घर क्यों जाऊं. मैं शादी ही क्यों कर रही हूं. लड़कियों के मन में अजीब सी घबराहट होती है यह सोचकर कि शादी के बाद सब ठीक तो होगा. क्या यह जो हो रहा है सही हो रहा है..? आपको क्या लगता है शादी के बाद लड़कियों के लिए अपना घर छोड़कर जाना इतना आसान होता है.
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